ज़ी न्यूज़ द्वारा २०१७ म्यांमार सामूहिक हत्याओं पर की गई एक पुरानी रिपोर्ट को पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं की हत्याओं का बता फैलाया जा रहा है |
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा २ मई को चुनाव जीतने के बाद से ही बंगाल से हिंसा की खबरें आने लगी थीं | फैक्ट क्रेसेंडो ने उस वक़्त ऐसे कई वीडियो व तस्वीरों का जिनका बंगाल हिंसा से कोई सम्बन्ध नहीं था का फैक्टचेक कर उनकी सत्यता अपने पाठकों तक सच्चाई पहुँचाई थी|
वर्तमान में सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल होती दिख रही है, जिसमे न्यूज़ चैनल (ज़ी न्यूज़) की एक रिपोर्ट दिखाई दे रही है, इस वीडियो क्लिप में एंकर सुधीर चौधरी स्पष्ट रूप से कहते हैं कि यह घटना रखाइन के मौंगडॉ जिले की है जहाँ रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या हिंदुओं से अधिक है | वीडियो में एक समाचार रिपोर्टर को रोहिंग्या मिलिटेंट द्वारा मारे गए लोगों के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से बात करते हुए दिखाया गया है |
इस वीडियो को वर्तमान में बड़े पैमाने पर साझा करते हुए दावा किया गया है कि यह वीडियो कोलकाता में स्थित एक गावं से है जहाँ रोहिंग्या मुसलमानों ने मिलकर कई हिन्दुओं की हत्या कर दी है व इस गावं से ४५ शव बरामद हो चुके है और हजारों लोग गायब हैं |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि
“कलकत्ता के एक छोटे गांव से एक हजार हिन्दू आदमी छोटे बच्चे तथा बड़े मिला कर गायब हो गए हैं 45 शव बरामद किए हैं रोहिंग्या मुसलमानों ने हिंदूओं का कत्ल कर दिया जी न्यूज की खबर सुने प्लीज रिट्वीट जरूर जरूर करें जिससे यह खबर शासन प्रशासन तक पहुंचे |”
यह वीडियो फेसबुक पर काफी तेजी से फैलाई जा रही है |
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अनुसंधान से पता चलता है कि....
फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि यह वीडियो २०१७ का है जब म्यांमार में बंगाली हिन्दुओं के एक समुदाय के लोगों की बड़े पैमाने पर हत्या कर दी गयी थी |
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो की बारीकी से जाँच करने से, परिणाम से हमने न्यूज़ एंकर को रखाइन प्रांत के नाम का जिक्र करते हुए सुना, इसके पश्चात हमने ज़ी न्यूज़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर सम्बंधित कीवर्ड सर्च किया तो हमें अगस्त २०१७ में अपलोड किए गए उसी वीडियो का एक लंबा संस्करण मिला | वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंदुओं की सामूहिक हत्या पर डीएनए विश्लेषण” | रिपोर्ट में अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) द्वारा म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंदू नागरिकों के २०१७ के नरसंहार को शामिल किया गया है | यूट्यूब के लंबे संस्करण वीडियो में टाइमस्टैम्प 2.58 और 5.15 के बीच के हिस्से से इस वायरल वीडियो क्लिप को लिया गया है और अब गलत व भ्रामक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है |
इस वीडियो से संकेत लेते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड सर्च किया जिसके परिणाम से हमें
मई २०१८ में बीबीसी द्वारा प्रकाशित एक समाचार लेख मिला जिसके अनुसार, एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक जांच में दावा किया गया था कि यह परेशान करने वाली घटना २०१७ के अगस्त महीने की थी जब ए.आर.एस.ए के सदस्यों ने म्यांमार के मोंगडॉ टाउनशिप में ९९ हिंदू नागरिकों पर बेरहमी से हमला किया था और उन्हें मार डाला था | बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ए.आर.एस.ए ने हालांकि इस प्रकरण में अपनी संलिप्तता से इनकार किया था।
उपरोक्त समाचार लेखों से हमें दो बातें स्पष्ट होतीं है- पहली बात यह कि वायरल हो रही खबर २०१७ की घटना है और दूसरी बात यह कि यह घटना पश्चिम बंगाल के कोलकाता से नही बल्कि म्यांमार की घटना है |
आगे फैक्ट क्रेसेंडो ने कोलकाता के कमिश्नर के ऑफिस से संपर्क किया जिन्होंने हमसे इस बात की पुष्टि की कि हाल फ़िलहाल में कोलकाता में ऐसी किसी भी घटना की खबर सामने नही आई है | उन्होंने हमें यह भी बताया कि अगर इतनी बड़ी घटना प्रान्त में घटी होती तो उन्हें ज़रूर पता चलता और यह बात ख़बरों के सुर्ख़ियों में ज़रूर आती थी |
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत है | हमने पाया कि वायरल पोस्ट में संग्लित समाचार क्लिप में म्यांमार के रखाइन प्रांत में रहने वाले बंगाली हिंदुओं के २०१७ के नरसंहार की बात की जा रही है, इस पुरानी न्यूज़ रिपोर्ट के वीडियो के एक अंश को वर्तमान में पश्चिम बंगाल की हालिया घटना के नाम से गलत तरीके से जोड़ लोगों में भ्रामकता फैलाई जा रही है |ALSO READ: वेनेजुएला से २०१८ का वीडियो पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की स्थिति बताकर हुआ वायरल |
Title:ज़ी न्यूज़ द्वारा २०१७ म्यांमार सामूहिक हत्याओं पर की गई एक पुरानी रिपोर्ट को पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं की हत्याओं का बता फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False