फैक्ट क्रेसेंडो को इस्कोन मायापुर ने जानकारी दी कि तस्वीर में दिख रहे शख्स इवान अन्टिक है जिन्हें निताई दास के नाम से जाने जाते है | वे क्रोएशिया में रहते है और जीवित और स्वस्थ है |
ढाका से लगभग १०० किलोमीटर दूर कुमिला में एक दुर्गा पूजा पंडाल में देवी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के उपयोग के बाद बांग्लादेश में कई स्थानों पर हिंसा भड़क उठी है |
बंगलादेश को झकझोर देने वाली सांप्रदायिक झड़पों में, एक इस्कोन मंदिर पर भी हमला हुआ | जिसके चलते दो लोगों की भी मौत हुई है | इसके साथ मंदिर के भीतर कई भक्तों पर भी हमला होने की खबर आई थी | इस्कॉन ने अपनी वेबसाइट पर इन मृतकों का नाम प्रांत चंद्र दास और जतन चंद्र साहा बताया है | वेबसाइट में कहा गया है कि एक अन्य भक्त निमाई दास की हालत गंभीर है |
इसी सन्दर्भ में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को फैलाया जा रहा है जिसमे हम इस्कोन के एक भक्त को मुसलमान समुदाय के लोगों को खाना परोसते हुए देखा सकते है |
पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि “ये हैं स्वामी निताई दास प्रभु जो बंगलादेश में इस्कॉन के मंदिर पर किये गये हमले में मारे गये | इन्होंने पिछले रमजानों में लगातार तीसों दिन रोजा इफ्तार आयोजित कराया था |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से किया जिसके परिणाम से हमें २०१६ को प्रकाशित प्रो केरला नामक एक वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली | इस वेबसाइट के अनुसार यह तस्वीर कोलकाता के इस्कोन मायापुर ने जून २०१६ में हुई इफ्तार पार्टी की है |
२०१६ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार तस्वीर में इस्कोन के एक साधु मायापुर में हिंदू समूह के मंदिर में इफ्तार के दौरान मुसलमानों को मिठाई खिलाते हुए नज़र आ रहे है | इस तस्वीर को फोटोग्राफर रघु नाथ ने खींचा था | उस समय १६५ मुस्लिम ग्रामीणों को इस इफ्तार पार्टी के दौरान खिलाया गया था | इन मुस्लिम लोगों ने अपना रमजान उपवास समाप्त करने के बाद मंदिर परिसर के अंदर शाम की नमाज अदा की थी | यह इफ्तार पार्टी इस्कोन मायापुर में आयोजीत किया गई थी |
इस तस्वीर के बारें में हमने इस्कोन मायापुर के नेशनल डायरेक्टर ऑफ़ कम्युनिकेशन युधिष्ठिर गोविन्द दास से बात की | उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर किये गये दावे गलत है | तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति का नाम इवान अन्टिक है जो क्रोएशिया के रहिवासी है | यह तस्वीर मायापुर के इस्कोन मंदिर में खींची गयी थी | इस्कोन में सेवक बनने के लिए लोगों को दीक्षा लेनी पढ़ती है जिसके बाद इनको एक नया नाम दिया जाता है | इवान अन्टिक ने दीक्षा लेने के बाद नया नाम लिया था जो निताई दास है |
आगे युधिष्ठिर जी ने हमें बताया कि २०१६ में इस्कोन मायापुर में आयोजीत इफ्तार पार्टी में वे खुद मौजूद थे | उन्होंने हमने यह भी बाते कि निताई दास उर्फ़ इवान अन्टिक अभी इस्कोन मायापुर में नहीं रहते है बल्कि वे अभी क्रोएशिया में रहते है एवं जीवित है | इवान अन्टिक की फेसबुक प्रोफाइल आप यहाँ देख सकते है |
इसके आलावा हमें इस्कोन के वेबसाइट पर २०१२ में मौत हुए निताई दास के बारें में भी जानकारी मिली जिनकी मौर एक सड़क दुर्घटना में हुई थी |
निष्कर्ष:
तथ्यों के जाँच के पश्चात् वायरल तस्वीर के माध्यम से किए गए दावे को गलत पाया | सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर बांग्लादेश में इस्कोन के सेवक निताई दास की नही, बल्कि इस्कोन मायापुर के सेवक इवान अन्टिक है जो क्रोएशिया में जीवित एवं स्वस्थ है |
Title:क्या यह तस्वीर बांग्लादेश हमलों में घायल इस्कोन सेवक निताई दास की है?
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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