१ जुलाई २०१९ को धनबाद एम्आईएम् नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि “इंडिया में तबरेज मुस्लिम युवक को भीड़ द्वारा मारे जाने और ऐसे बहुत से मुस्लिम व दलित युवक युवतियों के मारे जाने के कारण मोदी की विदेशों में कड़ी आलोचना हो रही है। …. नीचे का यह चित्र अमेरिका के राष्ट्रपति भवन के सामने होने वाले प्रदर्शन का है |”
इस तस्वीर में हम कुछ विदेशियों को अमेरिका के वाइट हाउस के सामने मोदी के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करते हुए देख सकते है | उन्होंने हाथों में पोस्टर पकड़े हुए है जिसपर लिखा हुआ है कि “मोदी: भारत में हत्याओं को रोकें |” इस तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि भारत में तबरेज़ और दुसरे मुसलमान तथा दलित युवक युवतीयों के मोब लिंचिंग की घटनाओं के मद्देनजर यह मोदी के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है | इस तस्वीर को हाल ही के विरोध प्रदर्शन के होने का दावा किया जा रहा है | यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में है | फैक्ट चेक किये जाने तक यह तस्वीर २८०० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |
क्या वास्तव में अमेरिका में वाइट हाउस के सामने विदेशी लोग मोदी के विरुद्ध मोब लिंचिंग के मद्देनजर विरोध प्रदर्शन कर रहे है?
संशोधन से पता चलता है कि…
जांच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेते हुए गूगल और यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च करने से की | परिणाम से हमें पता चलता है कि यह तस्वीर लगभग २ साल पुरानी है | हमें पता चला कि, २९ जून २०१७ को यह तस्वीर एक ट्वीट द्वारा साझा की गई थी | ट्वीट में लिखा गया है कि “मोदी भारत में लिंचिंग और लक्षित हिंसा के कारण विदेशों में बहुत प्रसिद्ध हैं | #WalkTheTalkMrPm @WithCongress @nsui |”
इसके पश्चात हमें २८ जून २०१७ को मैरी स्कली रिपोर्ट द्वारा प्रकाशित खबर मिली | खबर में तस्वीर का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि “व्हाइट हाउस में विरोध की एक और तस्वीर जब प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रम्प से मिले |”
मैरी स्कली रिपोर्ट | आर्काइव लिंक
इसके पश्चात हमें १८ अप्रैल २०१८ को ज़ी न्यूज़ द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली | खबर में इस तस्वीर का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि “उन्नाव और कठुआ रेप को लेकर ब्रिटेन, अमेरिका में विरोध प्रदर्शन करते हुए ट्विटर पर #ModiNotWelcome ट्रेंड हैं |” उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के उन्नाव और कठुआ जिले में बलात्कार की हालिया घटनाओं की निंदा करने के लिए यूके और अमेरिका में प्रदर्शनों, मौन विरोध प्रदर्शनों और रैलियों की एक श्रृंखला आयोजित की गई है |
निष्कर्ष : तथ्यों के जांच के पश्चात हमने इस पोस्ट को गलत पाया है | यह तस्वीर असल में २०१७ से इंटरनेट पर मौजूद है | यह तस्वीर उन्नाव और कठुआ रेप को लेकर ब्रिटेन, अमेरिका में विरोध प्रदर्शन करते हुए ट्विटर पर #ModiNotWelcome ट्रेंड का हिस्सा थी | हाल ही में भारत में हो रहे तबरेज अंसारी लिंचिंग जैसी सामूहिक हिंसा के बाद का यह विरोध प्रदर्शन नहीं है |
Title:क्या अमेरिका में वाइट हाउस के सामने कुछ विदेशी लोगों ने भारत में हो रहे मोब लिंचिंग के चलते प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया?
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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