पाकिस्तान की तस्वीर को भारत के सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत के रूप में वायरल

False Social

कीचड़ में बैठे कुछ स्कूली छात्रों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भारत में सरकारी स्कूलों की यह स्थिति है। वायरल तस्वीर के साथ यूजर्स सरकार पर सवाल उठा रहे हैं कि देश में 300 करोड़ की मूर्ति और पोस्टर जरूरी है या शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना जरूरी है। 

वायरल पोस्टर के साथ लिखा है – “अब बताओ अपने दिल में इंसानियत रखने वालों. देश में 3200 करोड़ की मूर्ति, सेंट्रल विस्टा या मन्दिरों में अथाह दान, प्रचारों के पोस्टर जरुरी है/ या शिक्षा के लिए विद्यालय. सरकारी स्कूलों का ये हाल।“

फेसबुकआर्काइव

इस पोस्ट को फेसबुक पर तेजी से शेयर की जा रही है। इसका लिंक यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं। 

अनुसंधान से पता चलता है कि… 

वायरल तस्वीर की रिवर्स इमेज करने पर तस्वीर हमें ट्विटर पर एक पाकिस्तानी यूजर रेहान जेब खान का एक ट्वीट मिला। जो कि 20 नवंबर 2019 को किया गया था। 

इसके बाद हमने गूगल पर पकिस्तान और इस तस्वीर से सम्बन्धित कीवर्ड्स सर्च किये तो सियासत नामक वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली। खबर के मुताबिक यह स्कूल पकिस्तान के पंजाब का है। यह खबर 2015 को प्रकाशत की गई थी। 

2015 से लेकर आज तक सोशल मीडिया पर कई संगठनों द्वारा इस तस्वीर को पाकिस्तान का बोलकर कई बार साझा किया गया है। इसके अलवा 2015 में एक पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र ने रेलवे के फ़ेडरल मिनिस्टर और अवामी मुस्लिम लीग के नेता शेख रशीद अहमद को टैग किया था। 

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल खय्याम सिद्दीकी ने भी 2016 में यही तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा था कि यह पाकिस्तान के एक स्कूल की है।

निष्कर्ष

तथ्यों की जांच के पश्चात हमने पाया कि शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में दिख रही वायरल तस्वीर भारत की नहीं, बल्कि पाकिस्तान की है। यह तस्वीर कम से कम सात साल पुरानी है।

Avatar

Title:पाकिस्तान की तस्वीर को भारत के सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत के रूप में वायरल

Fact Check By: Saritadevi Samal 

Result: False