पुलवामा हमले के सन्दर्भ में २००७ इराक का एक पुराना वीडियो गलत दावे से हुआ वायरल |

False Political

१४ फरवरी २०१९ को कश्मीर घाटी में आतंकवादियों द्वारा एक अत्यंत खौफनाक हमले को अंजाम दिया गया था, इस हमले में ४० भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हो गए थे | इस हमले के बाद से ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कई गलत और असंबंधित वीडियो साझा किए गए थे, वीडियोस को यह कहते हुए सोशल मंचो पर फैलाया जा रहा था कि ये वीडियो पुलवामा हमले से संबंधित है | इस हमले के करीब एक साल बाद, ऐसे वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर फैलाये जा रहें है जिनके माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो पुलवामा हमले से संबंधित है | एक विस्फोट के वीडियो को सोशल मीडिया पर सजह करते हुए दावा किया जा रहा है यह वीडियो पुलवामा में हुए विस्फोट को दर्शाता है | इस वीडियो को १३००० से ज्यादा शेयर बार शेयर किया गया है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शूरवात हमने इन्विड टूल का इस्तेमाल कर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम हमें ८ दिसम्बर २००८ को अपलोड किया गया यूट्यूब वीडियो मिला | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “२ सितम्बर २००७ में इराक के ताज़ी कैंप में विस्फोट” | इससे यह स्पष्ट होता है की यह वीडियो पुलवामा हमले का नही है क्योंकि यह वीडियो २००८ से ही इन्टरनेट पर उपलब्ध है | 

२६ फरवरी २०१९ को फैक्ट क्रेस्सन्डो ने इस वीडियो का फैक्ट चेक कर उपरोक्त दावों का खंडन किया था | इस फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है |

Read-पुलवामा आतंकी हमले की मिली सीसीटीवी फुटेज? क्या यह सच है?

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह वीडियो पुलवामा आतंकी हमला होने के १२ साल पहले का है | यह फुटेज मूल रूप से २००७ में इराक में हुये आईइडी ब्लास्ट का था। इराक में हुए हमले के एक पुराने वीडियो को पुलवामा हमले की सीसीटीवी फुटेज के रूप में साझा किया जा रहा है|

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Title:पुलवामा हमले के सन्दर्भ में २००७ इराक का एक पुराना वीडियो गलत दावे से हुआ वायरल |

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False