हाल ही में राजस्थान स्थित गंगापुर के निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की मौजुदगी में जयपुर के अंबागढ़ किले पर लगे केसरी रंग के ध्वज को कथित तौर पर फाड़कर फेंक दिया गया था। इस घटना को जोड़कर इंटरनेट पर एक वीडियो काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है, उस वीडियो में आप काफी बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को एक सफेद रंग के कपड़ों में एक शख्स के पीछे दौड़ते हुये व उसे मारते हुये देख सकते है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के गंगापुर सीटी के कांग्रेसी विधायक जिन्होंने भगवा झंडा फाडा था, लोगों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,

राजस्थान गंगापुर सीटी के कोंग्रेसी विधायक जिन्गो कल भगवा ध्वज फाडा था , आज लोगों ने उसे दौड़ा दौड़ा के पीटा।“

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इस वीडियो को इंटरनेट पर काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2018 का है जब राजस्थान के गंगापुर सीटी में एस.सी-एस.टी एक्ट में बदलाव का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेसी विधायक रामकेश मीणा को पीटा था।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे वीडियो व दावे में दी गयी जानकारी को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर की, परिणाम में हमें न्यूज़18 द्वारा 7 अप्रैल 2018 में प्रकाशित किया गया एक समाचार लेख मिला, जिसमें वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे दृश्य की तस्वीर प्रकाशित की गयी है। इस लेख के मुताबिक यह वीडियो वर्ष 2018 का है जब एस.सी-एस.टी अधिनियम में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था व 2 अप्रैल 2018 को इस आंदोलन के तहत भारत बंद किया गया था। उस दौरान सवाई माधोपुर स्थित गंगापुर सिटी में रामकेश मीणा प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचे थे परंतु उन पर हमला कर दिया गया व उनके कपड़े फाड़ दिये गये थे।

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इसके पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने इस बारे में सवाई माधोपुर के एस.पी राजेश सिंह से संपर्क किया व उनके द्वारा ये स्पष्ट किया गया कि “वायरल हो रहे वीडियो में जो घटना है वह वर्तमान में नहीं घटी है। ऐसी घटना कुछ वर्ष पहले घटी थी। वर्तमान में गंगापुर सिटी में रामकेश मीणा जी के साथ ऐसा कुछ नहीं घटा है।“

इसके बाद हमने ये जानने की कोशिश की अंबागढ़ किले से कथित तौर पर ध्वज फाड़कर फेंकने के मामले में क्या कार्रवाई हो रही है।

टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा इस वर्ष 24 जुलाई को प्रकाशित किये गये समाचार लेख के मुताबिक इस मामले में क्रोस एफ.आई.आर हुई है। मीणा समुदाय व रामकेश मीणा और केसरी ध्वज को फाड़कर फेंकने पर आक्रोश जता रहे लोग, दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज की है व इसमें पुलिस जाँच कर रही है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो वर्ष 2018 का है जब राजस्थान के गंगापुर सीटी में एस.सी-एस.टी एक्ट में बदलाव का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेसी विधायक रामकेश मीणा को पीटा था। इस वीडियो का वर्तमान में हुये केसरी रंग के ध्वज को कथित रूप से फाड़ने की हालिया घटना से कोई सम्बन्ध नहीं है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. ज्योतिरादित्य सिंधिया के दो वर्ष पुराने वीडियो को वर्तमान में हुये केंद्रीय मंत्रालय फेरबदल से जोड़ वायरल किया जा रहा है।

२. २०१९ की बांग्लादेश में के ईद-ए- मिलाद- उन नबी के जलूस की तस्वीर को उत्तर प्रदेश में ओवैसी के रैली के नाम से फैलाया जा रहा है|

३. सुप्रीम कोर्ट के वकील ऍड. भानू प्रताप सिंह के भाषण के वीडियो को हिमालया कंपनी के मालिक का बता वायरल किया जा रहा है।

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Title:विधायक रामकेश मीणा के एक पुराने वीडियो को उनके हालिया विवादित ध्वज प्रकरण के पश्चात लोगों द्वारा उन्हें पीटने का बता फैलाया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False