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२ साल पुराना वीडियो नये मोटर वेहिकल एक्ट के संदर्भ में फैलाया जा रहा है |

१४ सितंबर २०१९ को “Mohammad Ashraf Ansari” नामक एक फेसबुक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “आज शनिवार को गौर थाना की पुलिस ने वाहन चेकिंग के नाम पर मचाया आतंक घसीट घसीट कर वाहन मालिक को मारा गया आज 14 तारीख यह है बस्ती जिले के गौर थाने की पुलिस पुलिस इन लोगों इन लोगों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए” | वीडियो में हम पोलिस द्वारा एक आदमी को बेरहमी से पीटते व उसे घसीटते हुए पुलिस थाने के अन्दर लेकर जाते हुए देख सकते है | इस वीडियो को सोशल मीडिया पर तेजी से साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह घटना उत्तर प्रदेश के गौर पुलिस स्टेशन की है जहाँ पुलिस ने वाहन चेकिंग के नाम पर वाहन के मालिक को बेरहमी से पीटा | फैक्ट चेक किये जाने तक यह पोस्ट ५७०० प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर चुकी थी |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव वीडियो 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुआत हमने इस वीडियो से जुडी ख़बरों को गूगल पर “Basti Gaur police beating man” जैसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल करके की, जिसके परिणाम में हमें १४ नवंबर २०१७ को समाचार प्लस द्वारा प्रसारित खबर मिली | खबर के शीर्षक में लिखा गया है “यूपी पुलिस का खौफनाक चेहरा: बस्ती में पुलिस ने की पिटाई” | खबर के अनुसार पुलिस शांति भंग करने के आरोप में इस व्यक्ति को पीट रही थी |

इसके पश्चात हमें १६ सितम्बर २०१९ को बस्ती पुलिस के आधिकारिक अकाउंट द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला, इस वीडियो के स्पष्टीकरण में उन्होंने लिखा है कि “उक्त वीडियो वर्ष 2017 का है न कि वर्तमान समय का है ।यह घटना काफी पुरानी है ,वीडियो को देखने से वर्दी शीतकालीन है जबकि वर्तमान समय में ग्रीष्मकालीन वर्दी धारण की जा रही है यह घटना न ही किसी वाहन चेकिंग की है |”

आर्काइव लिंक 

१४ नवंबर २०१७ को पत्रिका द्वार प्रकाशित खबर के अनुसार, उस व्यक्ति पर शांति भंग करने के लिए जुर्माना लगाया गया था | साथ ही पुलिस ने यह दावा किया कि यह व्यक्ति नशे की हालत में था लोगों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा था| उस आदमी को पुलिस स्टेशन लाया गया जहाँ उसने कथित तौर पर पुलिस के साथ भी दुर्व्यवहार किया, इसीलिए उसकी पिटाई की गयी |

आर्काइव लिंक 

इसके पश्चात हमने उत्तर प्रदेश बस्ती के  एस.पी पंकज कुमार से इस प्रकरण के बारे में बात की , उन्होंने हमें बताया कि “यह घटना दो साल पुरानी है और इस वीडियो का ट्रैफिक चालान नियमों के साथ कोई संबंध नही है |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | स्पष्ट रहे कि एम.वी.ए २०१९ के तहत नए यातायात नियम १ सितंबर २०१९ से लागू हुए थे और उल्लंघनकर्ताओं पर नये नियमों के तहत जुर्माने की राशी बड़ा दी गयी थी| यह वीडियो दो साल पुराना है | इस वीडियो के साथ नए मोटर वेहिकल एक्ट का कोई संबंध नही है |

Title:२ साल पुराना वीडियो नये मोटर वेहिकल एक्ट के संदर्भ में फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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