१३ जून २०१९ को फेसबुक पर ‘Odia Hub’ नामक एक यूजर ने एक तस्वीर साझा की है | तस्वीर में राना अय्युब की तस्वीर है और साथ में उनके द्वारा दिया गया कथित विवादित बयान लिखा है | विवरण इस प्रकार है – बाल बलात्कारी भी इंसान होते हैं, क्या उनका कोई मानव अधिकार नहीं है। यह हिंदुत्ववादी सरकार मुस्लिमों को बड़ी संख्या में फांसी देने के लिए बाल बलात्कारियों को मौत की सजा के लिए अध्यादेश ला रही है। मुसलमान अब भारत में सुरक्षित नहीं हैं : राणा अय्यूब | पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि राना अय्युब ने यह विवादित बयान दिया है | क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशलमीडियापरप्रचलितकथन:
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले उपरोक्त पोस्ट मे साझा तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसका परिणाम आप नीचे देख सकतें हैं |
इस संशोधन में हमें राना अय्युब द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला जिसमे उन्होंने साझा होने वाले उपरोक्त विवादित बयान वाले ट्वीट पर अपनी टिप्पणी दी है |
सरल हिंदी में उनकी टिप्पणी का अनुवाद इस प्रकार है : “यह फर्जी फोटो-शॉप किया गया ट्वीट जो दिखाता है कि इस्लाम के नाम पर मैं बाल बलात्कारियों की वकालत कर रही हूँ, सोशल मीडिया पर फिर से साझा किया जा रहा है। अशोक पंडित से लेकर पूरे दक्षिणपंथी इको सिस्टम तक इस ट्वीट को साझा किया जा रहा हैं। आप लोग कितने गिर सकतें हैं !”
इस ट्वीट में उन्होंने इस दावे को खारिज किया है |
फिर हमने साझा होने वाले तस्वीर में जो ट्विटर का अकाउंट दर्शाया गया है, उसे ट्विटर में @republicTv की वर्ड्स से ढूंढा |
इस संशोधन में हमें उपरोक्त पोस्ट के ट्विटर अकाउंट से मिलता-जुलता अकाउंट तो मिला, मगर अकाउंट की सिर्फ तस्वीर हुबहु मिलती है | जो अकाउंट का नाम उपरोक्त तस्वीर में है उसमे ‘@republicTv’ लिखा है और जो हमें मिला उसमे ‘@RepublicTVFans’ लिखा है |
इससे इस बात कि पुष्टि होती है कि साझा करने वाले ने ट्विटर अकाउंट का तस्वीर यहां से लिया और कथित बयान को गढ़कर उस तस्वीर के साथ जोड़कर उसे भ्रम पैदा करने के लिए फैलाया |
इसके बाद हमने जब ‘#BREAKING : Minor child rapists’ की वर्ड्स से ढूंढा, तो हमें कोई भी ट्वीट नहीं मिला |
इसके बाद हमने जब ‘ rana ayyub statement on child rapists’ की वर्ड्स से गूगल में ढूंढा, तो हमें dailyo द्वारा प्रसारित एक खबर मिली |
‘Dailyo’ द्वारा २६ अप्रैल २०१८ को प्रसारित इस खबर में उपरोक्त पोस्ट के भ्रामक खबर के बारे में लिखा गया है, जिसके मुताबिक २०१८ में भी यह ट्वीट साझा हुआ था; जब राना अय्युब को मीडिया हाउस से एक पुरस्कार के लिये चुना गया था |
उस वक्त भी उन्होंने इस बात को खारिज किया था | इस खबर में यह भी लिखा गया है कि तस्वीर में दिखाया गया ट्विटर अकाउंट अस्तित्व में नहीं है | पूरी खबर को पढने के लिए नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करें |
इस संशोधन से यह बात साबित होती है कि उपरोक्त पोस्ट मे साझा होने वाली तस्वीर को फोटोशॉप के ज़रिये बदल कर राना अय्यूब का फर्जी वक्तव्य भ्रम पैदा करने के लिए २०१८ से साझा किया जा रहा है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा की, “राना अय्युब ने बाल बलात्कारियों का पक्ष लेते हुए दिया विवादित बयान |” ग़लत है | राना अय्युब ने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया | उपरोक्त पोस्ट मे साझा होने वाली तस्वीर फोटोशॉप के ज़रिये बदल कर राना अय्यूब का फर्जी वक्तव्य भ्रम पैदा करने के लिए २०१८ से साझा किया जा रहा है |
Title:क्या राना अय्युब ने बाल बलात्कारियों का पक्ष लेते हुए दिया विवादित बयान? जानिये सच |
Fact Check By: Nita RaoResult: False
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