सोशल मीडिया पर वायरल ४५ सेकंड के एक वीडियो में कुछ पुरुषों के एक समूह को दिखाया गया है, जो किसी मैदान में खड़े हैं, जबकि दूसरी तरफ दो व्यक्ति कनस्तरों से धुआं छोड़ते हुए देखे जा सकते हैं | पुरुषों को कुछ सेकंड के लिए धुआँ सहते हुए देखा जा सकता है जिसके बाद वे लगातार खांसने लगते हैं | इस वीडियो में एक व्यक्ति को हिंदी में बोलते हुए सुना जा सकता है कि, “अपनी नाक बंद करो। देखो धुआँ ऊपर उठ रहा है, ऊपर उठ रहा है। अरे, उठो मत।” दूसरा एक व्यक्ति कहता है, “यह कौन है, यह कौन है? कौन भाग रहा है?”
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “भारतीय सेना ने केमिकल अटैक ड्रिल का अभ्यास किया – कोई सुरक्षात्मक उपकरण के बिना, कोई परिशोधन उपाय नहीं, अमानवीय! क्या ये सैनिक भारत में निम्न जाति के सदस्य हैं?
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को बारीकी से देखने से की, जिसके परिणाम में हमें एक सैनिक के कपड़ों पर “कमांडो” लिखा हुआ नज़र आया | इस वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कोई परिणाम नही मिला जिसके पश्चात हमने यूटूयूब पर इस वीडियो को कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढा, जिसके परिणाम से हमें १ सितम्बर २०१९ को अपलोड किया गया समदर्शी वीडियो मिला | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “आँसू गैस द्वारा NSG कमांडो प्रशिक्षण |” वीडियो में सेना के एक समूह को दिखाया गया है, जिनकी पीठ पर सीरियल नंबर हैं, वायरल वीडियो में दिखाये गये धुएँ को इस वीडियो में भी देखा जा सकता है | वीडियो में एक व्यक्ति को पुरुषों को ‘अपनी नाक बंद करने और देखने के लिए’ और ‘ मत दौड़ने ‘ कहते हुए इस समूह को निर्देशित करते हुए सुना जा सकता है | इस वीडियो में भी हम सैनिकों को कमांडो लिखा हुआ शर्ट पहने हुए देख सकते है |
४ जुलाई २०१८ को यूट्यूब पर एक और समान वीडियो मिला जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “NSG ब्लैक कैट कमांडो आंसू गैस के ट्रेनिंग के वक़्त |” वीडियो में कई लोगों को दिखाया गया है कि उनकी पीठ पर सीरियल नंबर है और बैकग्राउंड में कमांडो को ‘नीचे रहने’ और ‘सांस लेते रहने’ के आदेश देते हुए सुना जा सकता है | प्रशिक्षकों द्वारा पुरुषों को ‘कमांडो’ के रूप में संदर्भित किया जाता है |
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | हालाकि हमें इस वीडियो का ओरिजिनल समय नही पता चला परंतु वायरल वीडियो के मिलते जुलते वीडियो से हमें यह पता चलता है यह वीडियो किसी आंसू गैस के ट्रेनिंग का है | सुरक्षा बलों के जवानों को दिखाते हुए एक वीडियो जिसमें आंसू गैस से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, सोशल मीडिया पर गलत दावों के साथ साझा किया जा रहा है कि ये वीडियो भारतीय सेना द्वारा किए गए जाति-आधारित अत्याचार व केमिकल गैस से संदर्भित है |
Title:भारतीय सेना प्रशिक्षण वीडियो को गलत सन्दर्भ के साथ फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बाइक सवार एक व्यक्ति राह…
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