वायरल वीडियो मप्पिला थेय्यम का है। वीडियो में कोई साम्प्रदायिक कोण नहीं है। केरल सरकार द्वारा हिंदू मंदिरों में पुजारियों के रूप में मुसलमानों व ईसाइयों की भर्ती करने का दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है।
यूं तो देश में धर्म को लेकर कई विवाद तूल पकड़ रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक हिंदू मंदिर में पूजा के दौरान इस्लामिक प्रेयर को करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि केरल में हिंदू पूजा स्थलों में ईसाई और मुस्लिम पुजारी अपने रिवाज की चीजें कर रहे हैं। इस वीडियो को लेकर लोग नाजागी जता रहे हैं, साथ ही दावा कर रहे हैं कि इस तरह के हरकतों से हिंदुओ को चिढ़ाने के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भ्रष्ट भी कर रहे है।
वायरल पोस्ट के साथ यूजर्स ने लिखा है- केरला सरकार ने मन्दिरों में मुस्लिम और क्रिश्चियन पुजारी नियुक्त कर दिए, अब हालात ये हैं कि हनुमान जी के प्रतिरूप को शराब पिलाई जा रही है मांस परोसा जा रहा है और अल्लाह हो अकबर का उद्घोष हो रहा है। ये लोग ऐसा करके हिंदुओ को चिडा ही नहीं रहे बल्कि ये आने वाली पीढ़ियों को भ्रष्ट भी कर रहे है, जो व्यक्ति हिन्दू हो कर भी इन कुकर्मियों को सपोर्ट करने वाली राजनीति पार्टियों को सपोर्ट करते है उन्हें धिक्कार है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया तो परिणाम में हमें टाइम्स नाउ न्यूज की एक रिपोर्ट मिली। आर्टिकल के थंबनेल में वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट है।
16 जनवरी 2023 को प्रकाशित खबर के टाइटल में लिखा है , ‘हमारी एकता सदियों पुरानी है’, हिंदू कर्मकांड नृत्य थेय्यम केरल में एक इस्लामी प्रार्थना के साथ शुरू होता है’।
खबर के मुताबिक थेय्यम एक हिंदू अनुष्ठानिक नृत्य है जो उत्तरी केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में प्रचलित है। इसे कालियाट्टा या टीरा के नाम से भी जाना जाता है, इसमें मालाबार के मंदिरों और पवित्र उपवनों से जुड़ी परंपराएं और रीति-रिवाज शामिल हैं।
मिली जानकारी की मदद लेते हुए अधिक सर्च करने पर हमें 25 दिसंबर 2022 को अपलोड किया गया एक यूट्यूब वीडियो मिला। जिसके टाइटल में लिखा है, ‘बापिरियां और मानिची मिलकर इस अनोखे थेय्यम फॉर्म में सांप्रदायिक सद्भाव का आह्वान करते हैं ।
प्रकाशित खबर के मुताबिक कासरगोड जिले के मदिकाई मंदिर में थेय्यम प्रदर्शन का यह दृश्य है, जहां इस्लामी प्रार्थना की जाती है।
इन रिपोर्टों के अनुसार, यह दृश्य मानिची और बपिरियान थेय्यम का हैं। वीडियो के साथ यह खबर यहां, यहां और यहां पर भी देखा जा सकता है ।
बपिरियान थेय्यम और मानिची थेय्यम क्या है ?
थेय्यम उत्तरी केरल में लोकप्रिय एक आनुष्ठानिक नृत्य है, जो निचली जातियों के हिंदुओं द्वारा किया जाता है। थेय्यम का मौसम आमतौर पर नवंबर से मई तक चलता है।
थेय्यम के 400 से अधिक रूप हैं। प्रत्येक का अपना विशिष्ट संगीत, शैली और नृत्यकला है। मानिची थेय्यम और बपीरियां थेय्यम मुस्लिम थेय्यम से संबंधित हैं, जहां हिंदू कलाकार मुस्लिम पात्रों को निभाते हैं और इस्लामी अनुष्ठान करते हैं।
उत्तर केरल में मानिची थेय्यम और बपिरियान (बापुरन) थेय्यम को मुस्लिम/ मप्पिला थेय्यम के नाम से जाना जाता है। औऱ लगभग 15 ऐसे मप्पिला थेय्यम हैं, जो हिंदू-मुस्लिम धार्मिक सद्भाव को दर्शाते हैं ।
उत्तरी केरल में मुसलमानों को आमतौर पर मप्पला (मप्पिला की भाषा) के रूप में संबोधित किया जाता है। इस प्रकार मुस्लिम थेय्यम को आमतौर पर मप्पिला थेय्यम के नाम से जाना जाता है। जबकि उनमें से अधिकांश कासरगोड जिले में देवता हैं और कन्नूर जिले में माविलन और कोप्पलन समुदायों के सदस्यों द्वारा प्रदर्शन किया जाता है।
मप्पिला थेय्यम की पीछे की कहानी….
द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मप्पिला थेय्यम कलंथन और चामुंडी की कथा पर आधारित है। पुलिंगम मस्जिद के एक इमाम कलंथन, कोल्लदा नदी में मछली पकड़ रहे थे, तब उन्होंने किनारे के दूसरी तरफ प्रकाश का एक उज्ज्वल स्रोत देखा। उस प्रकाश को देखने के लिए वह तैरकर वहां पहुंचे, और जब उसने उसे खोजने का प्रयास किया, तो उसने पाया कि प्रकाश अब विपरीत दिशा में नजर आ रही है। उसने फिर से तैरना शुरू किया, लेकिन एक बल ने कलंथन को नदी में खींच लिया , जिसे ज्यादातर लोग चामुंडी मानते हैं। यह भी माना जाता है कि चामुंडी ही थीं जिन्होंने तब प्रचार किया था कि चूंकि कलंथन परमात्मा में विलीन हो गया है, इसलिए उन दोनों की एक साथ पूजा करने की आवश्यकता है।
थेय्यम में शराब…
इसके अलावा रिपोर्टों के अनुसार , उत्तरी केरल में कुछ थेय्यम में कलाकारों को शराब और मांस की पेशकश किया जाता है।
केरल सरकार द्वारा हिंदू मंदिरों में मुसलमान पुजारी नियुक्त-
हालाँकि, हमें केरल सरकार द्वारा मुसलमानों/ईसाइयों को पुजारी के रूप में नियुक्त किए जाने के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना/समाचार रिपोर्ट नहीं मिली।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि वायरल विजुअल्स थेय्यम नाम की एक उत्सव मनाया जा रहा है, जो उत्तर केरल में प्रमुख है। वायरल वीडियो कसारगोड का है, जहां मप्पिला थेय्यम का प्रदर्शन किया जाता है। आमतौर पर मप्पिला थेय्यम के दौरान, हिंदू कलाकार मुसलमानों के रूप में अधन का पाठ करते हैं। साथ ही कुछ थेय्यम में शराब और मांस का प्रसाद शामिल होता है। इसके अलावा इस बात का कोई सबूत नहीं है कि केरल सरकार हिंदू मंदिरों में पुजारियों के रूप में मुसलमानों/ईसाइयों की भर्ती कर रही है।
Title:केरल के हिंदू मंदिरों में मुस्लिम व इसाईं पुजारियों को नियुक्त करने का भ्रामक दावा, वीडियो में मांस मदिरा को खिलाने वाले दृश्य का सम्बन्ध हिन्दू की आस्था को ठेस पहुंचाने का नहीं बल्कि वहां के एक उत्सव का है।
Fact Check By: Sarita SamalResult: False
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