मनोज तिवारी का वायरल वीडियो तब का है, जब वो 2009 में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद अपने हार मानने वाले किस्से के बारे में बता रहे थें।

सोशल मीडिया पर बीजेपी लोकसभा प्रत्याशी मनोज तिवारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो अभी से ही चुनाव में अपनी हार मानते हुए नज़र आ रहे हैं। वायरल वीडियो एक साक्षात्कार का है जिसमें मनोज तिवारी पत्रकार अनिल शारदा से कहते हैं कि, मुझे अपनी हार का आभास तो हो गया। दुख ये होता है कि मैं बहुत दिनों से जीता-जीतता आया था, और अब ये हार आ गई है। वीडियो में मनोज तिवारी ने मान ली अपनी हार लिखा देखा जा सकता है। दरअसल मनोज तिवारी इस बार के लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी सीट से कांग्रेस के कन्हैया कुमार के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। इसलिए वायरल वीडियो को सच मानते हुए इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि उन्होंने अभी से ही अपनी हार कबूल कर ली है। ऐसे में भाजपा के जीत का मिशन 400 पार कैसे पूरा होगा। वीडियो इस कैप्शन के साथ वायरल है…

नचनिया ने तो चुनाव से पहले ही हार मान ली, ऐसे कैसे होगा 400 पार?

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए वीडियो के दाहिनी ओर ऊपर की तरफ ‘जिस्ट’ का वाटरमार्क लगा हुआ देखा। जिसकी मदद से हमने कीवर्ड सर्च कर मूल वीडियो का पता लगाया। हमें ‘जिस्ट’ के यूट्यूब चैनल पर यह इंटरव्यू पूरा अपलोड किया हुआ मिला, जो 31 मार्च 2024 का है। इसमें पत्रकार अनिल शारदा उनसे गोरखपुर सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का किस्सा पूछते हैं। मनोज तिवारी इसे अपने जीवन का इंटरेस्टिंग चैप्टर बताते हुए कहते हैं, अमर सिंह जी ने मुझे इसके लिए अप्रोच किया था। 2009 के चुनाव के पहले अमिताभ बच्चन के घर पर इसके लिए मीटिंग हुई, जिसमें अनिल अंबानी भी मौजूद थे। मैं चुनाव लड़ना नहीं चाहता था लेकिन दृढ़ता से ना नहीं कर पाया। इस बातचीत में मनोज तिवारी यह भी बताते हैं कि वह चुनाव इसलिए भी नहीं लड़ना चाहते थे क्योंकि वह योगी आदित्यनाथ के समर्थक थें साथ ही अपने छात्र जीवन में वह एबीवीपी के कार्यकर्ता भी रहे थें। आगे 34 मिनट 04 सेकंड से ले कर 34 मिनट 15 सेकंड तक टाइमलाइन में वायरल वीडियो वाला हिस्सा आता है। जिसमें मनोज तिवारी कहते हैं, जैसे ही चुनाव खत्म हुआ। हमको अपनी हार का आभास हो गया था। लेकिन दुख ये होता है कि मैं बहुत दिनों से जीतता-जीतता जा रहा था, और अब ये हार आ गई। अब इस पूरे वीडियो को देखने से यह साफ़ होता है कि यहां से वीडियो काट कर अधूरा हिस्सा फैलाया गया है।

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इसके बाद हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें मनोज तिवारी के समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबर छापी गई थी। इसमें बताया गया है कि साल 2009 में मनोज तिवारी समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा एरिया से 15वीं लोकसभा चुनाव में लड़े थे। इस दौरान वे BJP के कैंडिडेट योगी आदित्यनाथ से चुनाव हार कर तीसरे नंबर पर रहे थे। इसके बाद मनोज 2011 में बाबा रामदेव के रामलीला मैदान हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और अन्ना आंदोलन में सक्रिय रहे। फिर उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और 2014 के आम चुनावों में उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव जीत संसद पहुंचे।

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अंत में हमने वायरल वीडियो और हमें मिले मूल वीडियो का विश्लेषण किया। हमने देखा कि पूरे वीडियो में मनोज तिवारी 2009 में गोरखपुर लोकसभा सीट से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का किस्सा सुना रहे थें। जिसमें उन्होंने यह बताया था कि उन्हें हार का आभास हो गया था। यानी की उनके पुराने वीडियो को आधा काट कर अभी चल रहे चुनाव से जोड़ा जा रहा है।

निष्कर्ष

तथ्यों के जांच के पश्चात हमने मनोज तिवारी के वायरल वीडियो को अधूरा पाया है। असल में मनोज तिवारी पत्रकार अनिल शारदा को 2009 में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लड़े गए चुनाव का किस्सा सुना रहे थें, जिसमें उस वक़्त उनको अपनी हार का अनुभव हुआ था और वो उसी के बारे में बता रहे थें। उन्होंने अभी चल रहे लोकसभा चुनाव में हार नहीं मानी है।

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Title:क्या सच में मनोज तिवारी ने इस बार के चुनाव में हार मान ली है? पढ़ें पूरा फैक्ट चेक ….

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: Missing Context