पश्चिम बंगाल में सुरक्षा बलों पर हाल में हुए हमले का नहीं है वायरल वीडियो, लॉकडाउन के समय नियमों का पालन कराने पहुंची पुलिस पर हुआ था हमला।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संसोधन कानून को लेकर हुई हिंसा के बाद उपजे तनाव के बीच इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। जिसमें सड़क पर कुछ लोगों की भीड़ सुरक्षा बलों पर हमला करते हुए खदेड़ते हुए दिखाई दे रही है। वहीं भीड़ में कुछ लोगों को इस्लामिक टोपी पहने हुए देखा जा सकता है। वायरल यह वीडियो इस दावे से शेयर हो रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पुलिस पर हमला कर के उन्हें खदेड़ा जा रहा है। वहीं पोस्ट वायरल करते हुए यह कैप्शन लिखा गया है…
पश्चिम बंगाल में जुम्मे की नमाज़ के बाद, सुरक्षाकर्मियों को ख़ुद सुरक्षा की ज़रूरत पड़ गई। ये पश्चिम बंगाल भारत में ही है या बांग्लादेश में ???
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें कई ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनसे यह पता चला कि वायरल वीडियो लॉकडाउन के समय का है। इसमें हमने 28 अप्रैल 2020 को प्रकाशित टाइम्स नाउ की रिपोर्ट देखी। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो के एक स्क्रीनशॉट्स का इस्तेमाल किया गया था। वहीं ख़बर के अनुसार वीडियो कोरोना महामारी के दौरान का है, जब हावड़ा जिले के रेड जोन इलाके टिकियापाड़ा में कोरोना में लगाए गए लॉकडाउन का पालन कराने पहुंची पुलिस पर हमला किया गया था। यह घटना 28 अप्रैल 2020 को मंगलवार के दिन हुई थी।
28 अप्रैल 2020 में छपी इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान हावड़ा जिले के रेड जोन इलाके टिकियापाड़ा में पुलिस को पता चला कि स्थानीय बाजार में लोग खरीदारी के बहाने लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं रिपोर्ट में पुलिस अधिकारी के हवाले से यह भी बताया गया कि जब पुलिस ने वहां पहुंचकर लोगों से घर लौट जाने को कहा गया तो भीड़ ने उनपर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और उनके साथ मारपीट की। इस घटना में पुलिस की दो गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की टीम समेत बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन स्थानीय लोगों ने आरएएफ के जवानों पर भी हमला किया।
फिर हमें इंडियन एक्सप्रेस के आधिकारिक एक्स पर वहीं वायरल वीडियो दिखाई दिया। 29 अप्रैल 2020 को किए गए इस पोस्ट के कैप्शन को देखने से पता चला कि हमले में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए थें।
30 अप्रैल 2020 को छपी जी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका था।
हमें मिली 3 मई 2020 की टेलीग्राफ की रिपोर्ट बताती है कि इस संबंध में 13वीं गिरफ्तारी की गई, इस आरोपी की पहचान मोहम्मद शाकिब के रूप में हुई थी। वहीं 5 मई 2020 की ईटीवी भारत की रिपोर्ट में बताया गया कि इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पड़ताल करने पर हमें हावड़ा सिटी पुलिस के एक्स हैंडल पर एक पोस्ट मिली। जिसमें बताया गया था कि टिकियापाड़ा की घटना में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं घटना से ठीक पहले लोगों को भड़काने वाले मुख्य व्यक्ति की भी गिरफ़्तारी हुई थी। पुलिस के अनुसार वह हावड़ा जिला भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के एक सदस्य का छोटा भाई है।
हालांकि ईटीवी भारत की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में हावड़ा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के तत्कालीन प्रमुख जुल्फिकार अहमद ने गिरफ्तार व्यक्ति का जिले के किसी भी भाजपा नेता से कोई संबंध नहीं बताया है। इसलिए हम कह सकते हैं कि बंगाल में सुरक्षा बलों पर हाल के हमले के दावे से वायरल वीडियो पुराना है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से पता चलता है कि मुर्शिदाबाद हिंसा से जोड़कर सुरक्षा बलों पर हमले के दावे से वायरल हो रहा वीडियो पुराना है। यह वीडियो साल 2020 में लॉकडाउन के समय भीड़ द्वारा पुलिस का पीछा किए जाने और उनपर हमले से सम्बंधित है, जिसे हालिया बताया जा रहा है।
Title:लॉकडाउन के दौरान का पुराना वीडियो पश्चिम बंगाल में सुरक्षा बलों पर हालिया हमले के दावे से वायरल …
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False
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