Missing Context

चंद्रमा की सतह पर राष्ट्रीय प्रतीक की दिख रही वायरल तस्वीर प्रज्ञान द्वारा नहीं है, यह तस्वीर डिजिटली बनाया गया है।

फोटोशॉप्ड वाली तस्वीर को असली बता कर वायरल किया गया है। चंद्रमा की सतह पर राष्ट्रीय प्रतीक वाली तस्वीर प्रज्ञान द्वारा नहीं है।

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद सोशल मीडिया पर कई तस्‍वीरें और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। इस दौरान एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें इसरो और अशोक स्‍तंभ के चिह्न दिखाई दे रहे हैं। इसे साझा करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ये दावा कर रहे हैं कि चंद्रयान-3 मिशन के दौरान रोवर के टायरों ने चंद्रमा की सतह पर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्‍तंभ के निशान छोड़े हैं जो चंद्रमा की सतह पर स्थायी रूप से अंकित हो गई है।

तस्वीर के साथ यूज़र ने कैप्शन में लिखा है कि…

मौर्यवंश की आन बान शान भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चंद्रमा की सतह पर आज से स्थायी रूप से अशोक स्तंभ की छवि अंकित हो गई है, क्योंकि रोवर के टायरों पर यह छाप है। चूंकि चंद्रमा पर कोई हवा नहीं है इसलिए ये निशान हमेशा के लिए रहेंगे।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वायरल पोस्ट की जाँच के लिए सबसे पहले तस्वीर को इसरो की वेबसाइट और अन्य साइटों पर ढूँढा। क्यूंकि अगर इसरो चंद्रयान 3 की कोई भी तस्वीर साझा करता है तो वो मीडिया रिपोर्टों के साथ ही इंटरनेट व साइटों पर दिखाई भी देती है। हमने इसरो के ट्विटर को भी स्कैन किया। जहां हमने ये पाया कि इसरो द्वारा चन्द्रमा की सतह पर रोवर के पहियो से बने निशान संबंधी कोई पोस्ट नहीं थे और न ही कोई ट्वीट था। इसरो के ट्विटर हैंडल के हवाले से रोवर गतिविधियों की जानकारी साझा की गयी थी। ये बताया गया था कि रोवर ने लगभग 8 मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है। रोवर पेलोड LIBS और APXS चालू हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर सभी पेलोड नाममात्र का प्रदर्शन कर रहे हैं।

जबकि इसरो द्वारा साझा किये गए लेटेस्ट वीडियो भी रोवर के बाहर निकलने का ही दृश्य दिखा रहा है। लेकिन यहां पर भी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वायरल तस्वीर में दिख रहे अशोक स्तंभ के चिन्ह वास्तविक रूप से चंद्रयान 3 के रोवर के पहिये से ही बने है।

खोज के दौरान हमें यहीं तस्वीर Sharan College of Education – Women Kangra H.P के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी मिली। जिसे 24 अगस्त को अपलोड किया गया है। बताया गया कि चाँद की सतह पर रोवर के भ्रमण का एनिमेटेड वीडियो है।

जबकि दो अन्य फेसबुक यूज़र के फेसबुक पेज पर भी वायरल तस्वीर पोस्ट के रूप में दिखाई दी। पोस्ट के साथ यहीं कैप्शन दिया गया है कि तस्वीर एनिमेटेड है।

पर यहां पर हमने एक चीज नोटिस की कि तस्वीर में krishanshu garg लिखा था जिससे यह समझ आया कि इस तस्वीर को इसी यूज़र ने बनाया है जिसके चलते हमने krishanshu garg के सोशल साइटों को स्कैन करना शुरू किया।

इस दौरान हमें krishanshu garg के इंस्टाग्राम पर तस्वीर के साथ एक थैंक्यू पोस्ट लिखा हुआ मिला। जिसमें उनके द्वारा ये लिखा गया था कि मैं अपनी कलाकृति को मिली ज़बरदस्त प्रतिक्रिया के लिए बहुत आभारी हूँ, और मैं इसे वायरल बनाने में आपके समर्थन के लिए अपनी सराहना व्यक्त करना चाहता हूँ। हालाँकि मैंने बहुत से लोगों को यह दावा करते देखा है कि यह इसरो द्वारा साझा किए गए “वास्तविक निशान” हैं। चंद्रमा के निशान ऐतिहासिक चंद्रयान-3 लैंडिंग की उलटी गिनती के रूप में डिजाइन किए गए थे, और मैंने इसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों के साथ साझा किया है। कृपया इस संबंध में फर्जी खबरें फॉरवर्ड करना बंद करें।’ आपका उत्साह प्रेरणादायक है, और मैं हर लाइक और शेयर के लिए आभारी हूं। 

ऐसा ही पोस्ट हमें Krishanshu Garg के ट्विटर हैंडल पर भी दिखाई दिया जहां पर उन्होंने ये ट्वीट किया कि सबसे पहले तो मैं अपनी कलाकृति के वायरल होने पर मिली प्रतिक्रिया से बहुत अभिभूत हूँ! लेकिन यह सिर्फ एक कलाकृति है और मैंने कभी नहीं बताया कि यह एक वास्तविक छवि है, मैंने द क्विंट को अपना स्पष्टीकरण भी दिया है। कृपया इस कलाकृति का ‘वास्तविक’ के रूप में विपणन करना बंद करें। 

इससे हम स्पष्ट हुए कि वायरल छवि असली नहीं है।

निष्कर्ष-

तथ्यों की जाँच के पश्चात् ये स्पष्ट होता है कि चंद्रमा की सतह पर रोवर के पहियों के निशान की तस्वीर वास्तविक नहीं है। ये तस्वीर क्रिएट की गयी है जिसे असली समझ कर फैलाया जा रहा है। वायरल इस तस्वीर को इसरो ने जारी नहीं किया है।

Title:चंद्रमा की सतह पर राष्ट्रीय प्रतीक की दिख रही वायरल तस्वीर प्रज्ञान द्वारा नहीं है, यह तस्वीर डिजिटली बनाया गया है।

Written By: Priyanka Sinha

Result: Missing Context

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