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बरेली में टीचर द्वारा छात्र की बेरहमी से पिटाई की घटना में नहीं है सांप्रदायिक एंगल, पीड़ित छात्र दलित….

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक शिक्षिका द्वारा छात्र की पिटाई से जुड़ी दो तस्वीरें सांप्रदायिक रंग देकर वायरल हो रही हैं। सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा है कि बरेली के क्योलड़िया में एक शिक्षिका ने एक मुस्लिम छात्र की इसलिए बेरहमी से पिटाई कर दी क्योंकि उसने जामुन और नींबू तोड़कर लाने से इनकार कर दिया था। 

वायरल पोस्ट के साथ यूजर ने लिखा है- उत्तर प्रदेश बरेली में शिक्षिका ने कमरे में बंदकर मुस्लिम छात्र को जमकर पीटा। नफरते शिक्षा के पवित्र मंदिरों तक पहुच चुकी है अपने बच्चो का ध्यान रखे वो मायूस हो तो प्यार से उसने वजह पूछे कही आपका भी तो बच्चा किसी से पीडित नही है। 

फेसबुकआर्काइव

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल खबर के बारे में अलग अलग की-वर्ड के साथ सर्च करना शुरु किया। परिणाम में हमें यहीं खबर दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर मिली। 23 जुलाई 2024 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर वाले दृश्य भी दिखाई दिए।

प्रकाशित खबर के अनुसार, यह मामला बरेली के नवाबगंज क्षेत्र में आने वाले बिहारीपुर अब्दुल रहमान गांव के प्राथमिक विद्यालय का है। जहां बीते 20 जुलाई को विद्यालय की एक शिक्षिका रचनी गंगवार ने कक्षा 4 के एक छात्र को जामुन तोड़कर लाने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। अपने गांव वालों को अध्यापिका की शिकायत कर दी। इस बात से रजनी गंगवार गुस्सा हो गई और छात्र जब अगले दिन स्कूल आया तो वो उसे एक कमरे में बंद करके डंडे से पीटने लगी। 

इसके बाद बच्चे ने घर जाकर अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी। 

बाद में उक्त छात्र की घायल पीठ वाली तस्वीर वायरल हो गई तो जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका रचनी गंगवार को सस्पेंड कर दिया और खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के आदेश दिए। 

इसके अलावा ये खबर हमें टीवी-9 भारतवर्ष और हिन्दी खबर मीडिया रिपोर्ट्स में भी मिली। जिसमें पीड़ित छात्र को दलित समुदाय का बताया गया है। इन रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़ित छात्र ने शिक्षिका को जामुन और नींबू तोड़कर लाने से मना कर दिया था। जिसके बाद शिक्षिका ने अपना गुस्सा छात्र पर निकाला और उसे कमरे में बंद करके पीटा। 

सभी मीडिया रिपोर्ट्स में छात्र को मुस्लिम नहीं, बल्कि दलित समुदाय का बताया गया है।

हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर 23 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट मिली।  रिपोर्ट में बताया गया था कि प्राथमिक विद्यालय बिहारीपुर अब्दुल रहमान में अनुसूचित जाति के छात्र की पिटाई के मामले में शिक्षिका रचनी गंगवार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस मामले में पीड़ित छात्र के परिजन ने मामले में पुलिस के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई है। 

बतादें कि वायरल दावों में छात्र का नाम अब्दुल रहमान बताया गया है। मगर अब्दुल रहमान छात्र का नाम नहीं है बल्कि उसके गांव का नाम “बिहारीपुर अब्दुल रहमान” है। 

जांच में आगे हमें बरेली पुलिस (आर्काइव) का एक ट्विट मिला। जिसमें पुलिस ने अपने वायरल दावे का खंडन करने हुए स्पष्ट किया किया है कि वायरल घटना में छात्र मुस्लिम होने के दावा फर्जी है। 

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, बरेली में टीचर द्वारा छात्र की बेरहमी से की गई पिटाई की इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। पीड़ित छात्र मुस्लिम नहीं, बल्कि दलित है। आरोपी टीचर को निलंबित कर दिया गया है। 

Title:बरेली में टीचर द्वारा छात्र की बेरहमी से पिटाई की घटना में नहीं है सांप्रदायिक एंगल, पीड़ित छात्र दलित….

Fact Check By: Sarita Samal

Result: False

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