देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध और समर्थन को लेकर देशभर में आंदोलन हो रहे हैं, और इनके चलते सोशल मीडिया मंचो पर अलग अलग प्रकार के दावे किये जा रहे हैं जिनके से कई मनगढ़ंत व भ्रामक दावे हैं जिन्हें तस्वीरों व विडियो के माध्यम से साझा किया जा रहा है | इसी क्रम में सोशल मीडिया मंचो पर एक बहुचर्चित तस्वीर जिसे साझा करते हुये यह दावा किया जा रहा है कि तस्वीर JNU की महिला छात्रों को दर्शाती है जिनके हाथ में एक आपत्तिजनक पोस्टर देखा जा सकता है | इस तस्वीर में कुछ लड़कियों को एक बैनर पकड़े देखा जा सकता है और बैनर के ऊपर “हिन्दुराष्ट्र इस रेपिस्ट” लिखा हुआ है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “हिन्दू राष्ट्र एक बालात्कार है | यही है JNU की लड़कियां शर्म आती है इन लोगों की मानसिकता को देख के |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रेवेर्स इमेज सर्च से की, जिसके परिणाम में हमें १२ जनवरी २०२० को स्क्रॉल द्वारा की गई एक खबर मिली | इस खबर में वायरल तस्वीर की दुसरे एंगल की तस्वीर को साझा करते हुए लिखा गया है कि “मोदी की कोलकाता यात्रा का विरोध करने के लिए नारीवादी सामूहिक द्वारा ये बैनर दिखाये गये है” | खबर में कहा गया है कि एक नारीवादी सामूहिक ने शनिवार को कोलकाता में चिली नारीवादी प्रदर्शन के एक बंगाली संस्करण, “द रेपिस्ट यू है” का प्रदर्शन किया | कोलकाता में, इस गाने का बंगाली में अनुवाद किया गया और इसका नाम “धोर्शोक तुमि” रखा गया | तस्वीर को ध्यान से देखने के बाद हमें “बंगाली” भाषा में एक झंडा नज़र आया |
तद्पश्चात फैक्ट क्रेस्सन्डो ने कोलकाता के स्थानीय लोगों को संपर्क किया, जिन्होंने इस तस्वीर को देखकर इस तस्वीर के स्थान की पहचान करते हुए हमें उस स्थान की तस्वीरें भेजी | इन तस्वीरों के साथ जब हमने वायरल पोस्ट की तुलना की, तो पाया की दोनों स्थान समान है | यह तस्वीर कोलकाता के कैथेड्रल रोड के ऊपर खींची गयी है | इससे यह स्पष्ट होता है कि यह तस्वीर JNU में नही ली गयी है अपितु ये ११ जनवरी २०२० को कलकत्ता में हुये प्रदर्शन से है |
इसके आलावा कैथेड्रल रोड के स्थानीय दूकानदारों से संपर्क करने पर, उन्होंने हमें बताया कि “यह रैली शनिवार ११ जनवरी २०२० को हुई थी, जहां ऐसे बैनर प्रदर्शित हुये थे |”
इसके पश्चात हम स्क्रॉल की खबर में बताये गये “धोर्शोक तुमि” के फेसबुक पेज पर गये, वहां हमें शनिवार की रैली से संबंधित तस्वीरें मिली |
इस पेज में हमें “Ratnadeep” नामक एक फेसबुक यूजर के प्रोफाइल मिला जिन्होंने रैली से संबंधित वीडियो को अपने फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट किया था | इस वीडियो में ५२ सेकंड से हम वायरल तस्वीर में इस्तेमाल हुए बैनर व इसको पकड़ी हुई महिलाओं को देख सकते है | इस पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “कल के रैली के हाईलाइट, कोलकाता २०२० NoCAA NoNRC NoNPR |”
हमने इस रैली की आयोजक समिति के एक आर्गेनाइजर, रीअज़ हसान जो जादवपुर यूनिवर्सिटी से है से संपर्क किया, उनके द्वारा हमें बताया की “यह तस्वीर कोलकाता से है और JNU से इसका कोई संबंध नही है | यह रैली जादवपुर यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजीत की गयी थी यहां हमने कोलकाता के दुसरे कॉलेज को इस रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था | यह रैली कोलकाता के छात्रों द्वारा एक सामूहिक रैली थी जो कि प्रधानमंत्री मोदी की कोलकाता यात्रा के विरोध में थी | हम स्पष्ट कर दे की इस रैली का JNU से कोई संबंध नही है |”
इसके पश्चात फैक्ट क्रेस्सन्डो ने “धोर्शोक तुमि” के फेसबुक पेज के एडमिन संपर्क किया, उनके द्वारा हमें बताया की “यह तस्वीरें JNU से नही है | यह रैली ११ जनवरी २०२० को कोलकाता की सड़कों पर हुये विरोध प्रदर्शन की है | तस्वीर में दिख रही महिलाएं JNU से नही है | यह रैली मोदी की कोलकाता यात्रा की विरोध में थी | हम पितृसत्तात्मक हिंसा को उजागर करना चाहते थे जो कि मोदी के एक हिंदू राष्ट्र के विचार का प्रतिनिधित्व करती है |”
निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | यह तस्वीर दिल्ली के JNU से नही है बल्कि कोलकाता के कैथेड्रल रोड से है |
Title:इस “आपत्तिजनक बैनर” का JNU के छात्रों से कोई संबंध नही है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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