डेढ़ साल पहले पुलिस ने शख्स को बाइक चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ा था और युवक के साथ बर्बरता की थी। मामला सामने आने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था और उन्हें सस्पेंड भी किया गया था।

अस्पताल ले जाते एक घायल शख्स का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि वीडियो यूपी का है। जहां पर उत्तर प्रदेश में गोहत्या के गलत आरोप में मुस्लिम युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उसके साथ बर्बरता की।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- यूपी पुलिस के अधिकारियों ने गौहत्या के जाँच के नाम पर मुस्लिम युवक के मलाशय में rod डाल कर बिजली के झटके दिए। इतनी भी क्या नफरत है ,हम मुसलमानो से , यह सब कुछ यूपी में हो रहा है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के बारे में जानने के लिए अलग- अलग की-वर्डस का इस्तेमाल किया। परिणाम में वायरल वीडियो हमें कन्हैया कुमार नाम के ट्विटर अकाउंट पर मिला। जिसमें 6 जनवरी 2023 को वायरल वीडियो को लेकर बदायूं पुलिस ने रिप्लाई दिया था।

रिप्लाई करते हुए पुलिस ने जानकारी दी है, “बिना तथ्य तस्दीक किए भ्रामक ट्वीट कर अफवाह न फैलाएं। प्रकरण करीब 02 वर्ष पुराना है, तत्समय संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा चुकी है।”

मिली जानकारी की मदद लेते हुए हमने आगे की जांच की। लल्लनटॉप की वेबसाइट पर वायरल वीडियो की खबर 5 जून 2022 को प्रकाशित की गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, बाइक चोरी के आरोप में बदायूं में पुलिस ने पहले रिहान नामक एक शख्स को पकड़ा और फिर बेरहमी से पीटा और उसके साथ बर्बरता की।

जब पुलिस को पता चला कि उन्होंने गलत शख्स को गिरफ्तार कर लिया है तो उन्होंने रिहान को 100 रुपए देकर रिहा कर दिया।

रिहाई के बाद रिहान की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उसे बुलंदशहर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन रिहान की तबीयत बिगड़ती चली गई, फिर रिहान के घरवालों ने पुलिस के बड़े अधिकारियों से मामले की शिकायत की।

मामला सामने आने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था और उन्हें सस्पेंड भी किया गया था।

आगे हमें बदायूँ पुलिस के ट्विटर हैंडल पर वायरल वीडियो को लेकर ट्विट मिला। जानकारी के अनुसार बदायूं में चोरी के शक में आरोपी को थर्ड डिग्री दिए जाने और अमानवीयता का मामला सामने आया था, इस मामले में चौकी इंचार्ज समेत 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, इसकी जानकारी एसपी ने दी है।

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निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, उत्तर प्रदेश में गोहत्या के गलत आरोप में मुस्लिम युवकों को पुलिस के गिरफ्तार कर उसके साथ बर्बरता करने का दावा फर्जी है । डेढ़ साल पहले पुलिस ने शख्स को बाइक चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ा था और युवक के साथ बर्बरता की थी। उसी वीडियो को अब सांप्रदायिक रंग देकर गोहत्या के भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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Title:यूपी में गोहत्या के आरोप में मुस्लिम युवक के साथ पुलिस की बर्बरता का दावा फर्जी, जानिए सच…

Written By: Sarita Samal

Result: False