रिपोर्टस के अनुसार बुजुर्ग को सजा दी गयी थी,क्योंकि वह पास के गांव की एक लड़की के साथ गलत तरीके से बात करता था। बुजुर्ग व्यक्ति से दुर्व्यवहार कर रहे आरोपियों का नाम जफर, अमन पांडे, अखिलेश साहनी और घनश्याम तिवारी हैं। तथा घटना सांप्रदायिक नहीं है।
सोशल मीडिया पर हैरान कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है , जिसमें लोगों के एक समूह को एक बुजुर्ग व्यक्ति का चेहरा काला करके और जूते की माला पहनाकर उसकी परेड कराते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यूपी के सिद्धार्थनगर में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति का चेहरा स्याही से काला कर गले में जूतों की माला पहनाकर उसे घुमाया गया। साथ ही बुजुर्ग को थूक चाटने के लिए भी मजबूर किया गया। वायरल वीडियो को सांप्रदायिक एंगल से आहत करने के दावे के साथ साझा किया जा रहा है।
वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- यूपी के सिद्धार्थनगर में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति का चेहरा स्याही से काला कर उनके गले में जूतों की माला पहनाकर उसे घुमाया गया। उन्हें थूककर चाटने के लिए भी मजबूर किया गया और उठक-बैठक कराने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के बारे में अलग अलग की-वर्ड्स के साथ सर्च करना शुरु किया। परिणाम में हमें वायरल वीडियो से जुड़ी कुछ खबरें मिलीं। 9 दिसंबर 2023 को टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार 76 वर्षीय एक व्यक्ति का चेहरा काला कर उसे गांव में घुमाने के आरोप में 8 दिसंबर को सिद्धार्थनगर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और 12 घंटे के अंदर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
खबर के मुताबिक सिद्धार्थनगर के तिघरराय गांव वालों ने इसलिए बुजुर्ग को सजा दी क्योंकि वह पास के गांव की एक लड़की को फोन करता था और उससे गलत तरीके से बात करता था।
वहीं खबर में चारों आरोपियों का नाम बताया गया है, जिसमें आरोपियों की पहचान जफर, अमन पांडे, अखिलेश साहनी और घनश्याम तिवारी के रूप में हुई है।
इस खबर को यहां, यहां और यहां पर देखा जा सकता है । प्रकाशित खबरों से ये साफ होता है कि मामला सांप्रदायिक नहीं है।
जांच में आगे हमें वायरल वीडियो के संबंध में सिद्धार्थनगर पुलिस का एक ट्विट मिला। जिसमें साफ किया गया है कि बुजुर्ग व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार किए चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। औऱ उनके खिलाफ कार्यवाही कर रही है। ट्विट में दिए गए खबर में चारों आरोपियों का नाम जफर, अमन पांडे, अखिलेश साहनी और घनश्याम तिवारी बाताया गया है।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि, वायरल वीडियो सांप्रदायिक कोण से नहीं जुड़ा है। बुजुर्ग व्यक्ति से दुर्व्यवहार कर रहे आरोपियों में उसी के धर्म का एक व्यक्ति भी शामिल है। आरोपियों के नाम जफर, अमन पांडे, अखिलेश साहनी और घनश्याम तिवारी हैं। रिपोर्टस के अनुसार गांव वालों ने इसलिए बुजुर्ग को सजा दी क्योंकि वह पास के गांव की एक लड़की के साथ गलत तरीके से बात करता था।
Title:सांप्रदायिकता की आड़ में नफरत फ़ैलाने वाले बुजुर्ग व्यक्ति का वायरल वीडियो गलत और फर्ज़ी है ….
Written By: Sarita SamalResult: False
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