१९ जुलाई २०१९ को HINDU HAI HUM नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “साइबर जिहाद से सावधान ! मुस्लिम लड़के दलित , ओबीसी और ब्राह्मण नाम की फेक id बनाकर फेसबुक पर कर रहे है जातिगत अभद्र टिप्पणी…ताकि हिंदुओं में आपसी फूट पैदा हो और मुसलमान अपने गज़वा ए हिन्द के लक्ष्य में कामयाब हो जायें |”
इस तस्वीर में लिखा गया है कि “यादव की ID बनाकर ब्राह्मण को गाली..ब्राह्मण की ID बनाकर दलित को गाली…असल में निकला “मोहम्मद अहमद जिहाद” का नया पैंतरा #साईबर जेहाद’ हिंदुओं में फूट डालो |” इसके उपरांत यह दावा भी किया जा रहा है कि हिमाचल पुलिस ने मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार किया है, जिसने रामायण और गीता पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए फेसबुक पर एक फर्जी आईडी बनाई थी- लिखा गया है कि “हिमाचल: पुलिस ने किया मोहम्मद अहमद को गिरफ्तार, फेसबुक पर हिन्दू नाम से ID बनाकर देता था रामायण |”
इस पोस्ट के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में दर्शाए गए व्यक्ति का नाम मुहम्मद अहमद है और उसे साइबर जिहाद करने के कारण हिमाचल पुलिस के गिरफ्तार किया है | साथ ही दावा किया गया है कि उसने फेक आईडी बनाकर लोगों के बीच सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश की | इस तस्वीर को विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर काफ़ी तेजी से प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही है व फैक्ट चेक किये जाने तक फेसबुक पर यह पोस्ट १००० बार शेयर किया जा चूका था |
संशोधन से पता चलता है कि…
जांच की शुरुआत हमने वायरल तस्वीर में कथित तौर पर मोहम्मद अहमद की तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, परिणाम में हमें Github नामक एक वेबसाइट का लिंक मिला | इस वेबसाइट के अनुसार यह तस्वीर किसी जीशान-उल-हसन- उस्मानी नामक व्यक्ति की है, जो खुद को अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर डेटा साइंस, ब्लॉकचैन और एआई कंसल्टेंट बताते है | Github की वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार जीशान लॉस एंजिल्स के कैलिफ़ोर्निया में रहते है | इस वेबसाइट में हमें उनकी खुदकी आधिकारिक वेबसाइट का लिंक मिला |
हमें जीशान का ट्विटर अकाउंट भी मिला और उसके फेसबुक पर फेसबुक पेज ‘हिन्दू है हम’ द्वारा इस्तेमाल की गई तस्वीर उनके प्रोफाइल पिक्चर के एल्बम में मिली | इससे हम पुख्ता तरीके से कह सकते है वायरल तस्वीर में दिखाए गए व्यक्ति मोहम्मद अहमद नही है बल्कि जीशान उल-हसन उस्मानी जिसका इस घटना के साथ कोई सम्बन्ध नही है |
उसके ट्विटर अकाउंट को चेक करते हुए हमने पाया कि उन्होंने उनका आखरी ट्वीट २२ जुलाई २०१९ को सुबह ४ बजके ३ मिनट को था, जिस ट्वीट में लिखा गया है कि “चंद्रयान -2 के प्रक्षेपण के साथ, भारत के इसरो ने शू-स्ट्रिंग बजट पर चंद्रमा की शूटिंग की |”
संशोधन से प्राप्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि वायरल दावो में उनकी भारत में गिरफ्तारी की बात निराधार है व वह आज भी अमेरिका में स्थित है |
इसके पश्चात हमने वायरल पोस्ट में दिए गए नाम मोहम्मद अहमद की गिरफ़्तारी के दावे के संबंध में हिमाचल पुलिस साइबर क्राइम से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि हालही में उनके पास ऐसी कोई जानकारी नही है जिससे इस खबर की पुष्टि हो सके |
इसके पश्चात हमने हिमाचल प्रदेश साइबर क्राइम के एसपी संदीप कुमार धवल से बात की, उन्होंने हमें बताया कि “इस प्रकार का कोई भी मामला हालही में हिमाचल प्रदेश में नही हुआ है, में पिछ्ले साल तक का बोल सकता हु की ऐसी कोई घटना हमारे यहाँ नही हुई है |” उन्होंने स्पष्ट रुप से वायरल हो रहे पोस्ट व दावे को खारिज करते हुए बताया की इस वायरल पोस्ट में बताई गई गिरफ़्तारी का हिमाचल प्रदेश से कोई सम्बन्ध नही है |
हमने ट्विटर पर एडवांस्ड सर्च से मोहम्मद अहमद नामक युवक के गिरफ़्तारी के बारें में ढूँढा, जिसके परिणाम में हमें हमीरपुर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा २७ सितंबर, २०१७ को ट्वीट किया एक प्रेस नोट मिला | इस प्रेस नोट में यह कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में मोहम्मद अहमद नाम के एक शख्स को एबीवीपी के पूर्व जिला प्रभारी और हिंदू युवा वाहिनी के उपाध्यक्ष सुंदरम सिंह की तस्वीरों का इस्तेमाल करके फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था | प्रेस नोट के अनुसार, अहमद ने आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री पोस्ट करने के लिए आईडी का इस्तेमाल किया और रामायण और गीता पर सांप्रदायिक दंगा भड़काने के लिए अपमानजनक टिप्पणी भी की |
इस ट्वीट के शीर्षक में लिखा गया है कि “हमीरपुर::फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर अश्लील कमेंट करने वाला अभियुक्त गिरफ्तार किया गया |”
साथ ही इस ट्वीट में हमें असली मोहम्मद अहमद की पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी की तस्वीर भी मिली | यह तस्वीर दावे में इस्तेमाल की गयी व्यक्ति के तस्वीर से मेल नहीं खाती है | यह उल्लेखनीय है कि पोस्ट के दावे के अनुसार मोहम्मद अहमद को हिमाचल प्रदेश से नही बल्कि उत्तर प्रदेश की हमीरपुर पुलिस ने सन २०१७ में गिरफ्तार किया गया था |
नीचे आप मूल मुहम्मद अहमद और कथित तौर पर वायरल की गयी तस्वीर में दिखाई गयी व्यक्ति के तस्वीरों की तुलना देख सकते है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है, जीशान उस्मानी की तस्वीर व उनको गलत दावें से साथ मोहम्मद अहमद के नाम से वायरल किया जा रहा है |
Title:जीशान उस्मानी नामक एक फेसबुक यूजर की पुरानी प्रोफाइल छायाचित्र को भ्रामक तरीके से वायरल किया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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