इजरायल और गाजा के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के कुछ दिनों बाद, यरूशलेम में अल-अक्सा मस्जिद परिसर में कथित तौर पर हिंसा होने की खबर आ आई थी। इसी तनाव के बीच, मलयालम भाषा में फिलिस्तीन समर्थक नारे लगाते हुए पुरुषों के एक समूह को दिखाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि यह केरल के वायनाड में राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र का एक दृश्य है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “यह गज़ा नही है | यह केरल में राहुल गाँधी का वार्ड वायनाड है | हमास ब्रांच की इंडिया |”
अनुसंधान से पता चलता है…
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से किया जिसके परिणाम से हमें कोई प्रामाणिक तथ्य नहीं मिला जो इस बात की पुष्टि कर सके कि ये वीडियो वास्तव में केरल से है | इसके पश्चात हमने वीडियो को कीवर्ड सर्च के माध्यम से ढूँढना शुरू किया जिसके परिणाम से हमें मलयालम भाषा में कतर स्थित समाचार पोर्टल “गल्फ मलयाली” की एक वीडियो रिपोर्ट में यही वीडियो प्रसारित किया हुआ पाया | इस रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में कतर में मलयाली समुदाय को दोहा में फिलिस्तीन के समर्थन में आयोजित एक बड़े प्रदर्शन में भाग लेते हुए दिखाया गया है | वायरल वीडियो के अंश को इस समाचार रिपोर्ट में 0:27 सेकंड के समय से देखा जा सकता है |
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उपरोक्त वीडियो से संकेत लेते हुए हमने सम्बंधित कीवर्ड सर्च किया और पाया की न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार कतर की राष्ट्रीय मस्जिद, इमाम मुहम्मद इब्न अब्द अल-वहाब मस्जिद के मुख्य चौक पर फ़िलिस्तीन के समर्थन में १५ मई को आयोजित एक सामूहिक सभा हुई थी | साथ ही ख़बरों में लिखा गया है कि दोहा में दौरे पर आए हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हनिया ने प्रदर्शन के दौरान भीड़ को संबोधित किया था |
हमें इसी स्थान के कई दृश्य भी मिले जो कई समाचार पोर्टलों और कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों के सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किए गए थे | क़तार ट्रिब्यून ने अपने ट्विट्टर हंडल से इस वीडियो को साझा करते ही लिखा है कि ““#गाजा मे फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए #दोहा में इमाम अब्दुल वहाब मस्जिद के सामने #फिलिस्तीन के झंडे लहराते हुए दर्जनों लोग इकट्ठा हुए हैं, जहां इजरायल के हमलों में बच्चों सहित 100 से अधिक लोग मारे गए थे |”
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आर्काइव लिंक
क़तार लिविंग के आधिकारिक फेसबुक पेज से १६ मई २०२१ को इस घटना के दूसरे दृश्यों को साझा करते हुए लिखा है कि “विभिन्न राष्ट्रीयताओं के हजारों लोग कल इमाम मुहम्मद बिन अब्दुलवहाब मस्जिद चौक में इकट्ठा हुए और इजरायल के आक्रमण के खिलाफ फिलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की |”
नीचे आप वायरल वीडियो में दिख रही ईमारत और गूगल स्ट्रीट व्यू में मस्जिद के बाजू में दिख रही ईमारत ई तुलना देख सकते है | यह तुलनात्मक तस्वीर से हमें यह स्पष्टि मिलती है कि वायरल वीडियो कतार से है ना कि भारत के केरल से |
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट के साथ हो रहे दावों को गलत पाया है | यह वीडियो १५ मई २०२१ को कतार के दोहा में फिलिस्तीन के समर्थन में आयोजित एक सामूहिक प्रदर्शन का है। इस प्रदर्शन में विभिन्न देशों के हजारों लोगों ने भाग लिया था। वीडियो का भारत से कोई सम्बन्ध नही है |
Title:कतार में हुई फिलिस्तीन समर्थन रैली के वीडियो को राहुल गांधी के विधानसभा क्षेत्र वायनाड में फिलिस्तीन समर्थकों के प्रदर्शन का बता साझा किया जा रहा है |
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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