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2019 के लोकसभा चुनाव के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल….

वायरल वीडियो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है, जब विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में VVPAT को शिफ्ट किया जा रहा था।

उत्तर प्रदेश के चंदौली से एक वीडियो सामने आया है, जो इस समय सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कुछ लोग एक दुकान से EVM मशीन ले जाते में दिख रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक स्थानीय दुकान से 300 EVM मशीन पकड़ी गई है। 

वायरल पोस्ट के साथ यूजर ने लिखा है- स्थान – चंदौली, उत्तर प्रदेश ,लोकतंत्र से खिलवाड़, स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखे 300 से अधिक ईवीएम मशीन पकड़े। सुरेन्द्र प्रतिहार

फेसबुकआर्काइव 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल खबर के बारे में जानने के लिए अलग अलग कीवर्ड्स का इस्तमाल किया। परिणाम में वायरल वीडियो हमें एक फेसबुक पेज पर मिला। जिसमें वीडियो को 2019 में अपलोड किया गया था। जिससे ये साफ है कि वीडियो हाल का नहीं है। 

आगे हमें  Gurjar नाम के एक्स  हैंडल पर वायरल वीडियो पोस्ट हुआ मिला। जिसके साथ कमेंट में चंदौली के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम की तरफ से वायरल वीडियो की जांच के आदेश दिए गए हैं ये पता चलता है।

वहीं बाद में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने वायरल वीडियो के कमेंट में ही बताया है कि वीडियो की जांच पूरी हो गई है। जांच के परिणाम सामने आ गए हैं, यह वीडियो साल 2019 के लोक सभा चुनाव के दौरान का है। 

इन EVM मशीनों को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में शिफ्ट किया गया था। इस दौरान किसी भी तरह का कोई अनियमित कार्य नहीं किया गया था।

इसके अलावा चंदौली पुलिस ने भी इस खबर को भ्रामक बताते हुए फेक खबर फैला रहे अकाउंट के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही है।

खबर की पुष्टि के लिए हमने चंदौली पुलिस स्टेशन में संपर्क किया। थाने में मीडिया अधिकारी ने हमें स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो पुराना है। दुकान से 300 EVM मशीन जब्त करने का दावा फर्जी है। 2019 में भी इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया गया था। यह मशीन किसी दुकान से जब्त नहीं की गयी थी , बल्कि EVM मशीनों को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में शिफ्ट किया गया था। इसके अलावा उन्होंने बताया कि फर्जी खबर वायरल करने वाले अकाउंट के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। 

निष्कर्ष- 

तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, वायरल वीडियो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है, जब विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में VVPAT को शिफ्ट किया जा रहा था। उसी वीडियो को अब भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

Title:2019 के लोकसभा चुनाव के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल….

Written By: Saritadevi Samal

Result: Misleading

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