इस वीडियो का 7 जनवरी, 2025 को तिब्बत, नेपाल और भारत में आए भूकंप से कोई मतलब नहीं है, दावा फर्जी है।
7 जनवरी की सुबह तिब्बत में एक बड़े भूकंप ने विनाशकारी तबाही मचाई। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 मापी गई थी। भूकंप के झटके पड़ोसी देश नेपाल, भूटान और भारत में भी महसूस किए गए। एक रिपोर्ट के अनुसार मरने वालों की संख्या 126 है और हजारों लोगों के घायल होने की सूचना है। जबकि रेस्क्यू का काम अभी भी जारी है। इस भूकंप के प्रभावों को दिखाने के संदर्भ में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें झुकी हुई कुछ इमारतों को ढहते हुए देखा जा सकता है। साथ ही इलाके में धूल का गुबार भी छाया हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि…
आज सुबह चीन, ताइवान, नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में 7.2 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिसका केंद्र नेपाल सीमा के पास तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। काठमांडू और उत्तरी भारत तक महसूस किए गए शक्तिशाली झटकों ने व्यापक दहशत पैदा कर दी, क्योंकि निवासियों ने इमारतों को खाली कर दिया। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रभावित क्षेत्रों में इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है, साथ ही लोगों के घायल होने और मौत की आशंका है। बचाव दल तैनात किए गए हैं, और अधिकारी विनाश की सीमा का आकलन कर रहे हैं, साथ ही नागरिकों से झटकों के प्रति सतर्क रहने का आग्रह कर रहे हैं।
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अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने जांच की शुरुआत में वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया। ऐसा करने से हमें स्काई न्यूज के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में अलग एंगल से वही झुकी हुई इमारत दिखाई दे रही थी, जिसे ताइवान में आए भूकंप के बाद का बताया गया था। वहीं वीडियो रिपोर्ट को 3 अप्रैल, 2024 में शेयर किया हुआ देख सकते हैं।
थोड़ा और खोज करने पर हमें 4 अप्रैल, 2024 की जापान टाइम्स की रिपोर्ट मिली, जिसमें उसी इमारत के एक दृश्य को दिखाती तस्वीर पोस्ट की गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार यह ताइवान की घटना थी जब 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। यह 25 वर्षों में ताइवान में आया सबसे बड़ा भूकंप था। जिसने नौ लोगों की जान ले ली और 1,000 से अधिक लोग घायल हो गए। रिपोर्ट में हुलिएन फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी चीफ ली लुंग-शेंग के हवाले से यह बताया गया है कि इमारत का नाम यूरेनस था और यह 10 मंजिला इमारत थी, जिसकी दो मंजिलें जमींदोज़ हो गई थीं।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार ताइवान में 7.4 की तीव्रता से आये भूकंप के प्रभाव से झुकी हुई यह इमारत ज़्यादा समय तक खड़ी नहीं रह सकी। इसे खतरा मानते हुए अधिकारियों ने इस इमारत को गिराने का काम शुरू कर दिया। तब तक यह झुकी हुई इमारत जल्द ही ताइवान भूकंप का चेहरा बन चुकी थी।
इसलिए हम कह सकते हैं कि वायरल इस वीडियो का 7 जनवरी, 2025 को तिब्बत में आए भूकंप से कोई संबंध नहीं है। यह ताइवान का ही वीडियो है।
निष्कर्ष
तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि, ताइवान में भूकंप से क्षतिग्रस्त हुई इमारत का वीडियो 7 जनवरी को तिब्बत में आए भूकंप के रूप में वायरल किया जा रहा है।
Title:ताइवान में भूकंप से क्षतिग्रस्त हुई इमारत का पुराना वीडियो वीडियो तिब्बत में आए भूकंप के दावे से वायरल…
Fact Check By: Priyanka SinhaResult: False
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