कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलनों के चलते हालही में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया था। इसके पश्चात सोशल मंचों पर हज़ारों लोगों की भीड़ का एक वीडियो साझा किया जा रहा है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि, यह मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में जमा हुई भीड़ से है।
वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,
“मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत।“
फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किसान आंदोलनों से सम्बंधित पूर्व में किये गए अन्य फैक्ट चेक के लिए नीचे क्लिक करें।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा वीडियो पाकिस्तान के लाहौर में पिछले वर्ष हुये खादिम हुसैन रिज़वी के जनाज़े का है। इस वीडियो का वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत से कोई सम्बंध नहीं है।
जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे वीडियो को इनवीड-वी वैरिफाइ टूल के माध्यम से गूगल रिवर्स पर इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें यही वीडियो मुज़ाम्मिल महमूद इस्लामियत नामक एक फेसबुक पेज पर 22 नवंबर 2020 को प्रासरित किया हुआ मिला। इस पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, “हमारे बाद, हमारा अंतिम संस्कार तय करेंगे कि कौन सही था।”
इस फेसबुक पोस्ट के कमेंट सेक्शन ]पर यूजर द्वारा DW न्यूज वेबसाईट के खबर का लिंक पोस्ट किया हुआ मिला। पाकिस्तानी लेखक खादिम रिज़वी के अंतिम यात्रा के बारे में यह खबर रिपोर्ट की गई थी।
इसके बाद उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुये हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया। हमें ए.आर.वाय न्यूज़ द्वारा 21 नवंबर 2020 को प्रसारित किया हुआ एक वीडियो मिला जिसमें खादिम हुसैन रिज़वी के जनाज़े की रिपोर्ट दिखायी गयी है। वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में खादिम हुसैन रिजवी के अंतिम संस्कार की तैयारी।“
इस वीडियो में आप वायरल हो रहे वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य देख सकते है।
जाँच के दौरान हमें यूट्यूब पर खादिम हुसैन रिज़वी के अंतिम संस्कार का एक और वीडियो 21 नवंबर 2020 24 न्यूज़ एच.डी द्वारा प्रसारित किया हुआ मिला। इस वीडियो के शीर्षक में लिखा है, “खादिम रिज़वी के अंतिम संस्कार में 2 लाख से अधिक लोग उपस्थित।”
इस वीडियो में आपको वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा दृश्य 7.18 मिनट से लेकर आगे तक देख सकते है।
फैक्ट क्रेसेंडो ने वायरल हो रहे उपरोक्त वीडियो की सच्चाई जानने के लिये पाकिस्तान के पेशावर में स्थित एक मिडिया प्रोफेसर रियाज़ गफुर से संपर्क किया।
उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रहा दावा सरासर गलत व भ्रामक है। यह वीडियो पाकिस्तान के लाहौर में स्थित मिनार-ए-पाकिस्तान से है। यह पिछले वर्ष हुये खादिम हुसैन रिज़वी के जनाज़े का वीडियो है, उस समय मिनार-ए-पाकिस्तान में काफी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुये है।“
खादिम हुसैन रिज़वी कौन है?
खादिम हुसैन रिज़वी एक पाकिस्तानी इस्लामी विद्वान और तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के संस्थापक थे। 19 नवंबर 2020 को रिजवी बेहोश हो कर गिर पड़े व उसके बाद उन्हें लाहौर के फारूक अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावे को गलत पाया है। यह रहा वीडियो पाकिस्तान के लाहौर में पिछले वर्ष हुये खादिम हुसैन रिज़वी के जनाज़े का है। इस वीडियो का वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुये किसान महापंचायत से कोई सम्बंध नहीं है।
फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :
१. समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान के नाम से वायरल हो रहा विवादित फेसबुक पोस्ट फर्ज़ी है।
२. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नाम से फर्जी विवादित ट्वीट हुआ वायरल।
Title:पिछले वर्ष लाहौर में निकले खादिम हुसैन रिज़वी के जनाज़े के वीडियो को मुजफ्फरनगर में गत दिनों हुई किसान महापंचायत का बता वायरल किया जा रहा है
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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