इस वीडियो को आधा-अधूरा शेयर किया जा रहा है। फैक्ट क्रेसेंडो ने इस बारें में लखनऊ पुलिस से पुष्टि की है। उन्होंने इसका मूल वीडियो शेयर किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि लखनउ के एक विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रस्तूत मंचन में भारत माता का किरदार निभा बच्ची के मुकूट को निकाल कर उससे नमाज पढ़वाई गई।
वायरल हो रहे पोस्ट में यूज़र ने लिखा है,“आजादी के अमृत महोत्सव का मंचन लखनऊ के एक स्कूल शिशु भारती विद्यालय में हुआ है। जिसमें हमारी भारत माता को हिजाब पहनाकर घुटनों पर ला कर नमाज पढ़ाई जा रही है। यह सिर्फ मंचन ही नहीं बल्कि भविष्य की होने वाली सच्चाई प्रत्यक्ष रूप से दिखाई जा रही है।“ (शब्दश:)
अनुसंधान से पता चलता है कि…
आज तक के वेबसाइट पर 15 अगस्त को प्रकाशित खबर में हमने पाया कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बाज़ार खाला पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित शिशु भारतीय विद्यालय का है।
इसमें बताया गया है कि स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में कुछ छात्रों ने “भारत के चार सपूत” नामक एक नाटक किया था। उसमें वे लोग झगड़ा-फ़साद न करें और सामाजिक सौहार्द्र बनाये रखने का संदेश दे रहे थे। इस नाटक में उन्होंने सभी धर्मों के बारें में बताया है।
वीडियो के वायरल होने के बाद लखनऊ पुलिस ने इसकी जाँच की। इसमें पुलिस ने आई.टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और साइबर सेल की मदद से यह वीडियो किसने शेयर किया है उसकी जाँच की जा रही है।
इस जानकारी को ध्यान में रखते हुये हमने बाज़ार खाला के डी.एस.पी सुनिल कुमार शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो अधूरा है। किसी ने ओरिजिनल वीडियो का छोटा-सा क्लिप शेयर किया है। इस वीडियो के साथ गलत दावा किया जा रहा है। हमने इसका स्पष्टिकरण हमारा ट्वीटर हैंडल पर दिया है।“
पुलिस आयुक्तालय लखनऊ के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर मूल वीडियो मिला। उसमें आप देख सकते है कि बच्चे हर धर्म के भगवान की प्रार्थना कर रहे है। पहले उन्होंने हिंदु धर्म के अनुसार पूजा की, फिर नमाज़ अदा की, फिर सिख और ईसाई धर्म की भी प्रार्थना की।
आप नीचे दिये गये तुलनात्मक वीडियो में वायरल वीडियो और मूल वीडियो में अंतर देख सकते है।
आगे बढ़ते हुये हमें लखनऊ पुलिस द्वारा दिया गया स्पष्टिकरण का ट्वीट भी दिखा। उसे भी आप नीचे देख सकते है।
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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे को भ्रामक पाया। यह वीडियो अधूरा है। मूल वीडियो में भारत माता का किरदार निभा रही लड़की ने सारे धर्मों के बारें में प्रस्तुति दी है। इस नाटक में प्रेम और सद्भावना का संदेश दिया गया था। इसके साथ कोई सांप्रदायिक भावनाए भड़काने का उद्देश्य नहीं था।
Title:लखनऊ में भारत माता से जबरदस्ती नमाज़ पढ़वाने का आरोप गलत; अधुरा वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल
Fact Check By: Samiksha KhandelwalResult: Missing Context
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