सोशल मीडिया पर एक वीडियो को काफी तेजी से फैलाया जा रहा है | इस वायरल वीडियो में कुछ लोगों को आपस में लड़ते हुए देखा जा सकता है | इस वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाते हुए दावा किया जा रहा है कि यह घटना महाराष्ट्र के अहमदनगर से है, जहां एक हिन्दू परिवार की महिलाओं की पिटाई इसलिए की गयी थी, क्योंकि वे लाउडस्पीकर पर आरती कर रहीं थीं |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि
“अहमदनगर सूर्या नगर में गुंडों द्वारा महिलाओं को पीटा गया केवल इस वजह से कि मंदिर में आरती के वक़्त ॐ बोलने वाले स्पीकर्स चलाया गया | इन महिलाओं को तोफखाना पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिला और पुलिस ने इस महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया |”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
मामला दो पड़ोसियों के बीच कचरे को लेकर हुये एक मामूली विवाद को लेकर हुये झगड़े का है, जिसमें पुलिस द्वारा दोनों पक्षों के १६ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इस प्रकरण में साम्प्रदायिकता का कोई सम्बन्ध नहीं है|
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड वी वेरीफाई के टूल की मदद से छोटे कीफ्रेम्स में काटकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से किया, जिसके परिणाम से हमें अहमदनगर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा प्रकाशित यह वीडियो मिला जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि
“यह कूड़े को लेकर २ पड़ोसी परिवारों के बीच पारिवारिक विवाद था। इस घटना में कोई धार्मिक कोण नहीं है। पहले से ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई है। कृपया इस तरह के अफवाह फैलाने वाले संदेशों को आगे न बढ़ाएं। यदि फेक न्यूज़ फैलाते किसी को पाया गया तो आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी |”
फैक्ट क्रेसेंडो ने इस घटना की पुष्टि के लिए तोपखाना पुलिस स्टेशन के असिस्टेंट इंस्पेक्टर किरण सुरसे से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि
“वीडियो में दिख रहा प्रकरण असल में दो पड़ोसियों के बीच का आपसी विवाद था | इस घटना के साथ कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। वीडियो में दिख रही घटना सुबह हुई थी, जब ये महिलाएं अपने घरों के बाहर अपने दांतों को मांज रही थीं, उसी समय घर के बाहर रोड पर कचरा देख इनके बीच विवाद शुरू हो गया जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई थी जो काफी हिंसक थी | घटना किसी धार्मिक कारण से सम्बंधित नहीं है व इस झगड़े के समय कोई आरती या पूजा नहीं चल रही थी और ना हि कोई धार्मिक गाना बज रहा था जैसा इस वीडियो को वायरल करते हुये बताया जा रहा है | सोशल मीडिया पर वायरल दावा गलत है। मामले में दोनों परिवारों व दोनों पक्षों के कुल १६ लोगों को अरेस्ट किया गया है। हालाँकि दोनों परिवार अलग अलग धर्म से है परंतु इस मामले को धर्म से जुड़े झगड़ों का नाम देना गलत है | इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर गलत खबर फ़ैलाने वालों पर कड़ी से कड़ी करवाई की जाएगी |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को गलत तरीके से सांप्रदायिक रूप देकर फैलाया जा रहा है | वीडियो में दिख रही घटना दो परिवारों के बीच कचरे को लेकर हुये एक विवाद को लेकर हुई थी|
Title:दो परिवारों के बीच के आपसी झगड़े को सांप्रदायिक रंग देकर फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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