यह वीडियो रूस के मॉस्को का है। इसका फ्रांस से कोई संबन्ध नहीं है।

एक वीडियो इंटरनेट पर काफी तेज़ी से साझा किया जा रहा है। उसमें आप लोगों को सड़क पर नमाज़ पढ़ते हुये देख सकते है। इसको शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो फ्रांस का है।

वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है, “कोई भरोसा नही। शरणार्थी बन कर गए ये लोग किसी दिन फ्रांस को भी "मुस्लिम देश" घोषित कर सकते है।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

इस वीडियो की जाँच करने के लिये हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। तो हमें इससे मिलता-जुलता वीडियो डेली मेल के वैबसाइट पर प्रसारित किया हुआ मिला।

इसमें दिख रहे मस्जिद की तस्वीर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे मस्जिद से मिलती- जुलती है। आप नीचे देख सकते है।

डेली मेल के वैबसाइट पर जो जानकारी दी गयी है उसके मुबातिक ईद अल-अधा मनाने के लिये हजारों मुस्लिम लोग मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद में एकत्र हुये थे। इससे हमें इस बात की जानकारी मिल गयी कि तस्वीर में दिख रहा मस्जिद रूस के मॉस्को में स्थित मॉस्को कैथेड्रस मस्जिद है।

फिर हमने इस मस्जिद का गूगल स्ट्रीट व्यू देखा। उसमें भी हमें इस वीडियो से कई मिलती-जुलती तस्वीरें देखने को मिली। आप नीचे देख सकते है।

इससे हमें समझ गया कि यह वीडियो रूस की राजधानी मॉस्को का है।

आगे बढ़ते हुये हमें 3 मई को प्रकाशित द मॉस्को टाइम्स के वैबसाइट पर कई तस्वीरें प्रकाशित की हुई मिली। वैबसाइट पर दी गयी जानकारी के मुताबिक दुनिया भर से मुस्लिमान समुदाय के लोग 2 मई को ईद-उल-फितर के अवसर पर मॉस्को शहर में कैथेड्रल मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिये एकत्रित हुये थे। 10 लाख की तादाद में लोग एक साथ नमाज़ पढ़ रहे थे इसलिये मस्जिद के सामने वाली सड़क पर कई लोगों ने नमाज़ पढ़ी।


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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो फ्रांस का नहीं बल्की रूस के मॉस्को का है।

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Title:रूस के मॉस्को शहर में सड़क पर नमाज़ पढ़ रहे लोगों के वीडियो को फ्रांस का बता वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False