छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में जंगल काटने पर स्थानीय आदिवासी समुदाय के लगातार विरोध के बावज़ूद नई सरकार द्वारा कटाई फिर से शुरू करा दी गई। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें पुलिस द्वारा महिला प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में अडानी की कोयला-खनन परियोजनाओं के तहत हसदेव अरण्य में हो रही पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे महिला प्रदर्शनकारियों की पुलिस ने पिटाई कर दी ।
वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है – छत्तीसगढ़ में जब तक भूपेश थे जब टेक भरोसा था आज भूपेश नहीं है अड़ानी की सरकार है और महिला को पीटा जा रहा है। हसदेव जंगल बचाओ
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट लिए। मिली तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो से मिलता जुलता वीडियो हमें पब्लिक टीवी यूट्यूब चैनल पर मिला। खबर को 5 दिसंबर 2023 में अपलोड किया गया था। इस खबर में वायरल वीडियो में दिख रही महिला को साफ देखा जा सकता है।
प्रकाशित खबर के कैप्शन में लिखा है – सकलेशपुर में हाथी अर्जुन दाह संस्कार स्थल पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
मिली जानकारी की मदद लेते हुए हमने आगे की जांच शुरु की। हमें कन्नड़ प्रभा में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। खबर के अनुसार मसूरू दशहरे की शान रहे अर्जुन का 64 वर्ष की उम्र में 5 दिसंबर को निधन हो गया था । अर्जुन नाम के इस हाथी का इस्तेमाल गोल्डन हौदा लाने के लिए किया जाता था। 5 दिसंबर को अर्जुन की एक जंगली हाथी के साथ भिडंत हो गई। इस मामले के जानकार लोगों ने बताया कि जब जंगली हाथी को पकड़ने के लिए जद्दोजहद चल रही थी, उसी दौरान अर्जुन हाथी को गोली लगी ।
अर्जुन मावता का आरोप है कि वन रेंजरों और पशु चिकित्सकों ने जंगली हाथी के बजाय अर्जुन को गोली मार दी।
वहीं इसे लेकर गुस्साए स्थानीय लोगों ने वन अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए घटनास्थल पर विरोध प्रदर्शन किया। वायरल वीडियो इसी प्रदर्शन का है।
जांच में आगे हमें अन्य एक मीडिया रिपोर्ट मिली, जिसके अनुसार भीड़ ने मांग की थी कि ‘अर्जुना’ का अंतिम संस्कार मैसूर में किया जाए, क्योंकि उसने वहां के दशहरा त्योहार पर होने वाली मशहूर शोभायात्रा में आठ साल तक स्वर्णिम हौदा उठाया था। हालांकि, इस मांग को नजरंदाज करते हुए वन अधिकारियों ने अर्जुना की मौत वाली जगह पर ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इसे लेकर वहां एकत्रित भीड़ उत्तेजित हो गई, जिसे तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि, ये वीडियो कर्नाटक के एक गांव का है जहां स्थानीय लोग एक हाथी की मौत का विरोध प्रदर्शन किया था। वीडियो का छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य में हो रहे विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है।
Title:कर्नाटक में एक हाथी की मौत पर विरोध प्रदर्शन का वीडियो हसदेव अरण्य के विरोध प्रदर्शन के रूप में वायरल…
Written By: Sarita SamalResult: False
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