
सोशल मंचों पर एक वीडियो को लेकर काफी प्रतिक्रियाएं दी जा रहीं हैं, वायरल वीडियो में हम एक लड़की को देख सकते हैं जिसे कि पेड़ से लटकाया गया है और बेरहमी से पीटा जा रहा है और लोगों द्वारा उसकी चीखपुकार को अनसुना करते हुये उसकी बेबसी पर हंसा जा रहा है | सोशल मीडिया पर इस वीडियो को व्यापक रूप से फैलाते हुए कुछ सोशल उपयोगकर्ताओं का दावा है कि यह वायरल हो रही वीडियो पश्चिम बंगाल से है जहाँ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस महिला पर अत्याचार किया है और साथ ही यह भी दावा किया गया है कि इस महिला को इस लिए पीटा गया क्योंकि वह दलित थी और उसका भाई भा.ज.पा कार्यकर्ता है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि,
“अभी बंगाल का हाल देखकर भी आंखें नहीं खुल रही तुम्हारी, ममता के दलालों! टीएमसी वालो कुते की मौत मरोगे तुम हरामियों. इस बेटी का बस इतना कसूर है कि ये एक दलित है और इसका भाई भाजपा का कार्यकर्ता है |”
अनुसंधान से पता चलता है कि….
फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो बंगाल का नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश से है | इस घटना से साथ किसी भी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है, घटना एक पारिवारिक कलह के चलते घटी थी |
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर ढूँढने से शुरू की, जिसके परिणाम से हमें यह वीडियो ‘द हिंदुस्तान टाइम्स’ द्वारा प्रसारित एक न्यूज़ रिपोर्ट में उपलब्ध मिला | रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना २८ जून २०२१ को अलीराजपुर, मध्य प्रदेश में घटी थी | खबर के अनुसार लड़की के पिता और उसके चचेरे भाइयों ने उसे इसलिए पीटा था क्योंकि वह अपने ससुराल से बिना किसी को बताए अपने मामा के घर चली गई थी |
मिरर नाउ की खबर के मुताबिक अलीराजपुर में ससुराल छोड़ने पर १९ वर्षीय आदिवासी महिला को उसके पिता और उसके परिवार के चचेरे भाइयों ने पीटा और पेड़ से लटका दिया |
आगे खबर में लिखा गया है कि पुलिस के मुताबिक घटना २८ जून को बोरी थाना क्षेत्र के फुत्तलाब गांव की है | १९ वर्षीय महिला की हाल ही में शादी हुई थी | शादी के तुरंत बाद, उसका पति मजदूरी करने के लिए गुजरात चला गया | महिला अपने ससुराल में खुश नहीं थी, जहां उसे कथित तौर पर घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ रहा था | वह कथित तौर पर दूसरी बार ससुराल से भाग गई थी और अपने मामा के घर रहने लगी थी | इससे उसके पिता और पहले चचेरे भाई नाराज हो गए और उसे इस तरह से पीटने लगे |
इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस बात को साझा किया था कि, “पुलिस के मुताबिक, महिला अपनी शादी से नाखुश थी, जहां शायद उसे घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ रहा था। दूसरी बार भागते हुए पाए जाने के बाद, उसे सजा के रूप में उसके परिवार के सदस्यों ने पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी |
तद्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने दिलीप सिंह बिलवाल अलीराजपुर जिले के जोबट के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि “सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो अलीराजपुर से है नाकि बंगाल से | ये लड़की दलित समुदाय से नहीं है बल्कि आदवासी समाज से है | उसकी तीन महीने पहले २१ साल के युवक से शादी हुई थी | उनके परिवार ने आदिवासी रीति-रिवाजों के अनुसार दहेज के रूप में तीन लाख लिए हैं। लेकिन वह अकसर अपने ससुराल से भाग जाती है, जिससे माता-पिता नाराज हो जाते हैं | इससे दोनों परिवारों के बीच तनाव पैदा होता था |”
आगे फैक्ट क्रेसेंडो ने अलीराजपुर के एस.पी विजय भगवानी से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि “अलीराजपुर में हुई घटना के चलते हमारे द्वारा आई.पी.सी की संबंधित धाराओं के तहत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी | पीड़िता को उसकी मां के पास उसकी मेडिकल जांच के बाद ले जाया गया और मैंने स्वयं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से उसकी देखभाल करने को कहा है। इस घटना का किसी भी रूप से कोई राजनीतिक संबंध नहीं है |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त वीडियो के साथ हो रहा दावा गलत है | सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो बंगाल का नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश का है | इसमें जिस लड़की को पीटा जा रहा है वह आदिवासी है और उसका कोई भाई भा.ज.पा कार्यकर्ता नहीं है | इस मामले में पुलिस को कोई राजनीतिक संबंध नहीं मिला है| यह घटना पारिवारिक कलह के चलते हुई थी |
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Title:महिला को पेड़ से लटकाकर पीटने का वीडियो बंगाल से नहीं बल्कि मध्य प्रदेश से है और इस प्रकरण का TMC कार्यकर्ताओं से कोई सम्बन्ध नहीं है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
