Factcheck: आदिवासी विद्यार्थियों द्वारा किए गये आंदोलन को सैनी समाज व किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

False Social

देश में वर्तमान में जगह जगह पर हो रहे किसान आंदोलनों के चलते सोशल मंचों पर कई वीडियो व तस्वीरें इन आंदोलनों से जोड़ वायरल होती चली आ रहीं है। फैक्ट क्रेसेंडो ने किसान आंदोलनों से जुड़ी कई ऐसी वायरल खबरों की सच्चाई आप तक पहुँचाई है। वर्तमान में किसानों के आंदोलन का बता एक वीडियो सोशल मंचो पर काफी चर्चा में है, वीडियो में आपको बड़ी संख्या में लोग एक जगह खड़े दिखाई देंगे। वीडियो में बाजों की व लोगों के चिल्लाने की आवाजें भी सुनाई देगी। वीडियो को गौर से देखने पर आपको उनके हाथों में डंडे भी नज़र आएंगे व एक झंडा भी दिखाई देगा। इस वीडियो के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक वीडियो सैनी किसान आंदोलन का है। 

वीडियो के शीर्षक में लिखा है, सैनी किसान आंदोलन सैनी साहब। 

C:\Users\Lenovo\Desktop\FC\Adivasi Protest.png

फेसबुक | आर्काइव लिंक

इस वीडियो को सोशल मंचों पर काफी तेजी से साझा किया जा रहा है।

C:\Users\Lenovo\Desktop\FC\Adivasi Protest1.png

अनुसंधान से पता चलता है कि…

वायरल हो रहा वीडियो राजस्थान में डूंगरपुर शहर के पास उदयपुर – अहमदाबाद एन.एच-8 हाईवे पर हुये आदिवासी विद्यार्थियों द्वारा किये गये शिक्षक भर्ती आंदोलन का है। इस वीडियो का किसान आंदोलन व सैनी समाज के लोगों से कोई संबंध नहीं है।

उपरोक्त वीडियो की पड़ताल सबसे पहले हमने फेसबुक पोस्ट के कमेंट अनुभाग को खंगाल के की, तो वहाँ हमें एक उपभोक्ता का कमेंट दिखा जिसमें लिखा था कि वायरल हो रहा वीडियो राजस्थान में आदिवासी लोगों द्वारा किए गये आंदोलन का है। 

C:\Users\Lenovo\Desktop\FC\Adivasi Protest6.png

इस कमेंट को ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया तो हमें इंटरनेट पर कई समाचार लेख मिले जिनमें राजस्थान में हुए आदिवासी आंदोलन के विषय में जानकारी दी हुई थी। समाचार लेखों में लिखा था कि, 

राजस्थान में आदिवासी युवकों ने शिक्षकों के सामान्य श्रेणी के 1,167 पदों को उनके समुदाय के प्रत्याशियों से भरने की मांग कर रहे थे और इस वजह से वे आंदोलन कर रहे थे। कुछ ही समय में आंदोलनकारी हिंसक हो गए। इस हिंसा में कई लोगों की मौत भी हुई और लाखों की संपत्ति का नुकसान भी हुआ। केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर रैपिड ऐक्शन फोर्स (आर.ए.एफ) की दो टीमें राज्य में भेजी थी। उपद्रव में 35 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और डूंगरपुर के एडिशनल एसपी का वाहन प्रदर्शनकारियों ने जला दिया गया।  

प्रदर्शनकारियों ने उदयपुर को अहमदाबाद से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे नंबर 8 में 25 किलोमीटर के हिस्से को कब्जे में लिया था। उपद्रवियों ने 26 सितंबर को खेरवाड़ा में श्रीनाथ कॉलोनी में सामान्य वर्ग के लोगों के 65 घरों पर धावा बोला। इस क्षेत्र में छोटी पहाडिय़ां हैं और तीर-कमान तथा पत्थरों से लैस प्रदर्शनकारी इन पर चढ़कर ट्रैफिक और पुलिस को निशाना बना रहे थे। 

C:\Users\Lenovo\Desktop\FC\Adivasi Protest7.png
दैनिक जागरणआर्काइव लिंक
झी राजस्थानआर्काइव लिंक
आज तकआर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने फेसबुक पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें वहाँ दैनिक खबरां नामक एक पेज पर यही वीडियो मिला और उस वीडियो के शीर्षक के मुताबिक वीडियो में दिख रहा दृश्य राजस्थान में हुए आदिवासी विद्यार्थियों द्वारा किए गये आंदोलन का है। इस वीडियो के शीर्षक में लिखा है, 

खेरवाड़ा के आसपास में हालात बहुत खराब है गोलीबारी हो गई है और आदिवासी लोग गाड़ी जला रहे हैं। राजस्थान शिक्षक भर्ती आंदोलन में हिंसा के बाद डूंगरपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद, सीएम ने बुलाई बैठक।

बता दें कि अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के साथ 1167 सामान्य श्रेणी के पदों को भरने की अपनी मांग के लिए 2018 परीक्षा के उम्मीदवार पिछले एक पखवाड़े से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने बिच्छीवाडा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाने के साथ ही पुलिस पर पथराव किया था। इसके अलावा चार पुलिस गाड़ियों समेत कई वाहनों में आग भी लगा दी गई थी। पथराव में एक एएसपी और एक थानाध्यक्ष समेत दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का उपयोग कर हालात नियंत्रित करने पड़े थे।

C:\Users\Lenovo\Desktop\FC\Adivasi Protest2.png

फेसबुक | आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमने दैनिक खबरां के संवाददाता सरजीत सिंह से संपर्क किया, उनके द्वारा हमें बताया गया कि, 

“दैनिक खबरां के फेसबुक पेज पर प्रसारित किया हुआ वीडियो मुझे मेरे एक दोस्त ने भेजा था जो आंदोलन के चलते रास्ता जाम होने की वजह से रास्ते पर फंसा हुआ था। वीडियो में दिख रहा आंदोलन का दृश्य डूंगरपुर के खेरवाड़ा के पास एन.एच 8 पर हुए आदिवासी आंदोलन द्वारा किए गये शिक्षक भर्ती आंदोलन का है। यह तीन दिवसीय आंदोलन था।“ 

तदनंतर हमने संवाददाता सरजीत सिंह के दोस्त सोनु भाटी से संपर्क किया जिन्होंने इस वीडियो को सरजीत को भेजा था। सोनु ने हमें बताया कि, 

“खेरवाड़ा में जब आंदोलन हो रहा था तब मैं वहाँ मौजूद था। मैंने उस आंदोलन को अपनी आँखों से नहीं देखा परंतु मैं खेरवाड़ा के उस रास्ते पर ही बस में था। आंदोलन की वजह से रास्ते पर काफी जाम लगा हुआ था, उस आंदोलन की जगह से 4-5 किलोमीटर पहले ही हमारी बस को रोक दी गई थी। दो से ढ़ाई घंटों तक हमारी बस वहाँ रूकी रही और बाद में जब आगे गये तब वहाँ प्रदर्शन कर रहे लोग तो नज़र नहीं आ रहे थे परंतु जो भी तोड़फोड़ उन्होंने की थी व रास्ते पर जो भी गाडियाँ जलायी थी वह मैंने देखा है। वायरल हो रहा वीडियो सोशल मीडिया द्वारा मेरे पास आया था और वह मैंने सरजीत सिंह को फोर्वर्ड कर दिया था।“

उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने डूंगरपुर के एस.पी जय यादव से संपर्क किया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वायरल हो रहा वीडियो एन.एच 8 पर हुए शिक्षक भर्ती आंदोलन का है। उन्होंने कहा कि, 

“वायरल हो रहे वीडियो का किसान आंदोलन व सैनी समाज से कोई संबन्ध नहीं है, वीडियो में दिख रही घटना डूंगरपुर के खेरवाड़ा के पास एन.एच 8 पर आदिवासी विद्यार्थियों द्वारा किए गये शिक्षक भर्ती आंदोलन की है। सन् 2018 में हुई राजस्थान एलिजिबिलिटी एक्जामिनेशन फॉर टिचरस् (REET) की परीक्षा हुई थी जिसमें सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों को पास होने के लिए 60 प्रतिशत अंकों की ज़रूरत होती है और आदिवासी छात्रों के लिए 30 प्रतिशत अंकों की ज़रूरत होती है। सामान्य क्षेणी में कुल सीटों में से 1166 सीट रिक्त है और इसलिए आरक्षित छात्रों की मांग थी कि उन 1166 को उन्हें दे दिया जाए और इसलिए वे आंदोलन कर रहे थे। पिछले दो वर्षों से ये प्रकरण चल रहा है परंतु इस बार उन्होंने काफी भयानक तौर पर आंदोलन किया है। इस केस पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई जहाँ पर आदिवासी छात्रों के निवेदन को खारिज कर दिया गया था। हाई कोर्ट के मुताबिक सामान्य श्रेणी की बची हुई सीटें आरक्षित विद्यार्थियों को देना असंवैधानिक होगा। तीन दिवसीय आंदोलन को शांत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे के लिए विशेष अवकाश याचिका की गयी है।“

डूंगरपुर के एस.पी द्वारा हमें यह भी बताया गया कि इस आंदोलन में पुलिस ने लगभग 130 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया व 2 लोगों की गोलीबारी में मौत हुई है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त दावे को गलत पाया है। वायरल हो रहा वीडियो सैनी समाज द्वारा किए गये किसान आंदोलन का नहीं है। वीडियो में दिख रहा दृश्य राजस्थान के डूंगरपुर के पास एन.एच 8 पर आदिवासी छात्रों द्वारा किया गया आंदोलन का है।

Avatar

Title:आदिवासी विद्यार्थियों द्वारा किए गये आंदोलन को सैनी समाज व किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False