सोशल मीडिया पर एक वीडियो को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि वीडियो जम्मू और कश्मीर से है, जहाँ रोहिंग्या मुसलमान समुदाय के लोगों की अवैध कालोनियों को जे.सी.बी मशीन से ध्वस्त किया जा रहा है| वीडियो में कई पुलिसकर्मी, सरकारी अधिकारी व अन्य लोगों को एक साथ कुछ घरों तोड़ते हुए देखा जा सकता है | सोशल मंचों पर वीडियो के माध्यम से किये गये दावे अनुसार यह बस्ती अवैध है जो कि रोहिंग्या मुसलमान समुदाय के लोगों की है |

वायरल क्लिप में अधिकारियों के एक समूह को भारी मशीनों की मदद से निर्माण किये गये घरों को ध्वस्त करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों को अधिकारियों को रोकने की कोशिश करते हुये भी देखा जा सकता है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि

“जम्मू-कश्मीर में #रोहिंग्या जेहादियों की रोशनी के तहत बसायी गई बस्ती उखाड़ी जा रही है। देख लिया चमचों मोदी के आने से क्या क्या बदला है।“

अनुसंधान से पता चलता है कि....

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड वी वेरीफाई टूल की मदद से छोटे छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर व गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से किया जिसके परिणाम से हमें कुछ पुख्ता प्रमाण प्राप्त नहीं हुये | इस वीडियो को बारीकी से देखने पर हमें वीडियो पर “जम्मू लिनक्स न्यूज़” का लोगो नज़र आया | इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने यूट्यूब पर सम्बंधित कीवर्ड सर्च किया जिसके परिणाम में हमें ५ जून, २०२१ को यूट्यूब पर एक चैनल द्वारा ये वीडियो अपलोड मिला, वीडियो के शीर्षक में लिखा है “झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त किये कई अवैध निर्माण, अतिक्रमण” |

यूट्यूब वीडियो के विवरण अनुभाग में कहा गया है कि मई और जून में अपने प्रवर्तन विंग के माध्यम से झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण द्वारा एक विध्वंस अभियान चलाया गया था | इसके तहत प्रवर्तन अधिकारी की निगरानी में कई अवैध निर्माणों को तोड़ा गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया था | आगे इस खबर के आधार पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें कई स्थानीय समाचार एजेंसियों द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली जहाँ वायरल वीडियो को उल्लेखित किया गया है | हालांकि, इनमें से कोई भी रिपोर्ट इन अवैध निर्माण या अतिक्रमण को रोहिंग्या मुसलमानों या उनकी कॉलोनियों से नहीं जोड़ती है |

फैक्ट क्रेसेंडो ने तद्पश्चात जम्मू लिनक्स न्यूज़ के एडिटर, गौरव शर्मा से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि “वीडियो में दिख रही घटना असल में झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (LAWDA) द्वारा अतिक्रमण हटाने की है | इस वीडियो के माध्यम से किये गये दावे गलत है | इस घटना के साथ किसी भी रोहिंग्या मुस्लिम पर अत्याचार होने का कोई संबंध नही है | वीडियो में दिख रहे लोग श्रीनगर के स्थानीय लोग हैं | वे डल झील के किनारे अवैध निर्माण कर रहे थे जो कि एक ग्रीन बेल्ट है और वहां किसी भी तरह का निर्माण प्रतिबंधित है |”

गौरव जी हमें इस अतिक्रमण हटाने के वीडियो से संबंधित आधिकारिक नोटिस में उपलब्ध कराया | साथ ही उन्होंने हमें इस अभियान की कुछ तस्वीरें भी भेजीं |

नोटिस में लिखा गया है कि

“LAWDA ने कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया | श्रीनगर, जून 05: झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (LAWDA) की प्रवर्तन टीम ने पिछले एक सप्ताह से लश्करी मोहल्ला, दोजी मोहल्ला, बुर्जमा, वांगुट तेलबल और निशात के क्षेत्रों में कई अवैध निर्माण / अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया है | अभियान के दौरान, टिन की दीवार वाली एक मंजिला, एक भूतल, दो प्लिंथ ब्लॉक और अवैध रूप से उठाई गई दो दुकानों को मौके पर ही ध्वस्त कर दिया गया। इतना ही नहीं डल जीरो टॉलरेंस जोन के क्षेत्र में एक लकड़ी के एक चबूतरे को भी मौके पर ही तोड़ दिया गया |”

तद्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (LAWDA) के वाईस चेयरमैन बशीर अहमद भट (IRS) से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि “इस वीडियो के माध्यम से सोशल मंचों पर किये गये दावे गलत है | वीडियो में किसी रोहिंग्या के अवैध निर्माणित घरो में तोड़ फोड करते हुए नही दिखाया गया है बल्कि वीडियो स्थानीय लोग द्वारा ग्रीन बेल्ट पर निर्माणित किये गये अतिक्रमण को हटाने का है |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वीडियो के साथ हो रहे उपरोक्त दावे को गलत पाया है | वायरल वीडियो श्रीनगर में ग्रीन बेल्ट पर निर्माणित किये गये अतिक्रमण को हटाने का है|

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Title:श्रीनगर में डल झील के किनारे अतिक्रमण हटाने के वीडियो को रोहिंग्याओं मुस्लिमों की अवैध बस्तियों को ध्वस्त करने का बता फैलाया जा रहा है|

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False