हाथरस रेप पीड़िता के गांव पहुंचने का प्रयास कर रहे राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज का ये दो साल पुराना वीडियो है। हाल ही में बिहार में हुए लाठीचार्ज से इसका कोई संबंध नहीं है।
पटना में बिहार सरकार के खिलाफ बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान हुए पुलिस के लाठीचार्ज का कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इसी बीच एक वीडियो शेय़र किया जा रहा है, जिसमें एक शख्स भीड़ के बीच में मीडिया से बात करता दिखाई देता है। तभी पुलिस की वर्दी पहने कुछ लोग वहां इकट्ठा लोगों को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटने लगते हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठी बरसाती बिहार पुलिस का हालिया वीडियो है।
वायरल वीडियो के साथ यूजर्स ने लिखा है- तेल लगाकर सरसों का हिसाब किया है बरसों का बिहार पुलिस…
अनुसंधान से पता चलता है कि…
पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो को Invid में मेश किया और उसे अलग-अलग की-फ्रेम में बदला। मिली तस्वीरों का गूगल में रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो हमें न्यूज तक यूट्यूब चैनल में प्रकाशित मिला।
वीडियो को 4 अक्टूबर 2020 को अपलोड किया गया है। इससे साफ होता है कि वायरल वीडियो हाल- फिलहाल का नहीं है।
निम्न में पूरी खबर देखें।
पड़ताल में हमने वायरल वीडियो के बारे अधिक जानकारी लेने की कोशिश की। जनसत्ता में प्रकाशित खबर के मुताबिक मीडिया से बात कर रहे शख्स आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी है।
2020 में उत्तर प्रदेश में हाथरस केस को लेकर सियासी बवाल के बाद पीड़ित परिवार से राजनीतिक दलों के मिलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। रविवार को समाजवादी पार्टी और राष्ट्री य लोकदल के नेता भी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए निकले। आरएलडी नेता जयंत चौधरी भी पीड़िता के गांव पहुंचे थे। रास्ते में एक जगह जब जयंत चौधरी मीडिया से बातचीत कर रहे थे तब अचानक पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज की वजह से अफरातफरी की स्थिति बन गई। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा कवच बनाकर जयंत चौधरी को बचाया।
इसके अलावा इस खबर को यहां, यहां और यहां भी पढ़ा जा सकता है। इन मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक हाथरस रेप पीड़िता के गांव पहुंचने का प्रयास कर रहे राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज का वीडियो है।
पटना में लाठीचार्ज –
पटना में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में बीजेपी कार्यकर्ता की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पटना में 13 जुलाई को हुई घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में SIT गठित करने या CBI द्वारा इस मामले की जांच कराने के लिए निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि बिहार में बीजेपी नेताओं पर 13 जुलाई को हुई लाठीचार्ज के दावे से वायरल हो रहा वीडियो असल में दो साल पुराना है। वीडियो का वर्तमान से कोई संबंध नहीं है।
Title:बिहार में बीजेपी नेताओं पर लाठीचार्ज दावे से वायरल वीडियो दो साल पुराना है, और उसे भ्रामक दावे से वायरल किया गया है ….
Written By: Sarita SamalResult: False
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