सोशल मंचों पर अकसर कई वीडियो व तस्वीरें वायरल होती रही है, जिन्हें सांप्रदायिकता से जोड़ गलत दावे के साथ वायरल किया जाता रहा है। ऐसे कई वीडियो व तस्वीरों का अनुसंधान फैक्ट क्रेसेंडो ने अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुँचाई है। इन दिनों ऐसा ही एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, उस वीडियो में आप एक ही परिवार के कई लोगों को घायल अवस्था में देख सकते है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि, दिल्ली के यमुना विहार में स्थित एक मुस्लिम समुदाय के शख्स ने एक ब्राह्मण परिवार के घर चल रहे एक धार्मिक कार्यक्रम में लाउडस्पीकर बंद करवाने पहुंच गये व उसके बाद उन्होंने मुस्लिम समुदाय के शख्स व उसके परिवार वालों को पीटा।

वायरल हो रहे वीडियो के शीर्षक में लिखा है,

“यह हाजी का परिवार है जो यमुना बिहार में मस्जिद के पास रहता है घर मे सब मर्द पहलवान है, इनकी मुहल्ले में अच्छी दबंगई है इनकी गली में एक ब्राह्मण परिवार के घर कुछ धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था तो जनाब वहाँ #लाउडस्पीकर बन्द करवाने पहुंच गए, ओर फिर ब्राह्मण ने बहुत ही शांति से इन शांतिदूतों को शिव #तांडव स्तोत्र का पाठ समझाया।“

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इस वीडियो को इंटरनेट पर काफी तेज़ी से वायरल किया जा रहा है।

https://twitter.com/iamnasedibaba/status/1405923075334443008

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा दावा गलत व भ्रामक है। असल में सोसाइटी के सेक्यूरिटी गार्ड के साथ हुये विवाद के बढ़ने से ये झड़प हुई थी, घटना आपसी विवाद बढ़ जाने के चलते घटी थी, इस मामले में कुछ हिन्दू व्यक्तियों व इस मुस्लिम परिवार के बीच मारपीट जरूर हुई पर जाँच द्वारा ये स्पष्ट हुआ है कि ना तो किसी धार्मिक प्रसंग और ना ही किसी साम्प्रदायिकता व धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की मंशा से ये कृत्य किया गया था, सोसाइटी के गेट के बंद होने व इसके चलते बहस होने की वजह से ये घटना घटी थी।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे दावे को यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च कर की, परिणाम में हमें यही वीडियो टाइम न्यूज़ 24 नामक एक चैनल पर इस वर्ष 14 जून को प्रसारित किया हुआ मिला। इस वीडियो के नीचे दी गयी जानकारी में लिखा है, “टाइम 24 न्यूज़ टीम ने पीड़ित परिवार से ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंच कर की मुलाकात टाइम 24 न्यूज़ पर पीड़ित परिवार ने सुनाई पूरी कहानी ये है यमुना विहार कांड का पूरा सच, गार्ड से अभद्रता करने का पीड़ित परिवार ने किया था विरोध घटना के वक्त शराब के नशे में बताया ज रह है घटना का मुख्यरोपी पुलिस की कार्रवाई पर भी पीड़ित परिवार ने उठाये सवाल पीड़ित परिवार का वीडियो हुआ था वायरल।”

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इसके बाद हमने उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुये व इस वीडियो में प्रसारित की हुई रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुये टाइम न्यूज़ 24 संवाददाता साजीद सैफी से संपर्क किया व उन्होंने हमें बताया कि,

वायरल हो रही खबर के साथ किया जा रहा दावा सरासर गलत व भ्रामक है। इस घटना में ऐसा कुछ नहीं हुआ है। वीडियो में दिख रहा मुस्लिम समुदाय उत्तर- पश्चिम दिल्ली के यमुना विहार के जिस सोसाइटी में रहता है वहाँ का गेट बंद होने का एक समय है व उसके बाद वह गेट नहीं खोला जाता। एक अन्य व्यक्ति जो कि दूसरे समुदाय से था एक रात देरी से आया व गार्ड को वह गेट खोलने के लिये कहने लगा, गार्ड ने गेट खोलने से इंकार किया व उन दोनों के बीच कहा-सुनी हो गयी। इसको देख कर वीडियो में दिख रहे मुस्लिम परिवार के कुछ लोग बाहर आये व विवाद रोकने की कोशिश की व उस शख्स को वहाँ से वापस भेज दिया। कुछ समय बाद वह शख्स उसके पहचान के कुछ लोगों को ले आया व मुस्लिम परिवार के कुछ सदस्यों की पीटाई कर दी। इस घटना में किसी ब्राह्मण के घर धार्मिक कार्यक्रम हो रहा था व मुस्लिम परिवार के शख्स ने लाउडस्पीकर बंद करवाने की कोशिश की व मारपीट हो गयी, ऐसा कुछ नहीं हुआ है।“

इसके बाद अधिक जानकारी हासिल करने के लिये फैक्ट क्रेसेंडो ने टाइम न्यूज 24 द्वारा प्रसारित रिपोर्ट में दिख रहे संवाददाता याह्या खान रोबिली से संपर्क किया व उन्होंने हमें बताया कि,

वायरल हो रही खबर गलत है। यह घटना इस वर्ष 11 जून को रात में 11 बजे के आस-पास उत्तर-पश्चिम दिल्ली के यमुना विहर में घटी। मैंने पीड़ित परिवार से बातचीत की व उन्होंने मुझे पूरी घटना बतायी। मैंने इस बारे में सोसाइटी के सेक्यूरिटी गार्ड से भी बातचीत की जिसके गेट न खोलने से विवाद शुरु हुआ। जिस सोसाइटी में वे रहते है वहां ना ही की मस्जिद है और ना ही कोई मंदिर है। इस घटना का संज्ञान लेते हुये मुझे किसी भी शख्स ने ऐसा नहीं बताया कि किसी ब्राह्मण के घर धार्मिक कार्यक्रम हो रहा था व मुस्लिम परिवार के शख्स ने लाउडस्पीकर बंद करवाने की कोशिश की व मारपीट हो गयी। और मुझे याद है कि उस सोसाइटी के आस-पास कही भी मंदिर या मस्जिद नहीं है।“

तत्पश्चात फैक्ट क्रेसेंडो ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली के डी.सी.पी संजय सैन के ऑफिस में संपर्क किया, हमें डी.सी.पी संजय सैन के पी.आर.ओ द्वारा इस सन्दर्भ में ये स्पष्ट किया गया कि सोशल मंचों पर वायरल हो रहा दावा जिसमें इस घटना को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है गलत है । उन्होंने ये स्पष्ट किया कि,

“वायरल हो रहा दावा सरासर गलत व भ्रामक है। ये बात सच है कि जिन दो गुटों में मारपीट हो रही थी वे हिंदु व मुस्लिम समुदाय के लोग थे, परन्तु जो दावा वायरल हो रहा है वह गलत है। इस घटना में एक छोटी सी बात पर विवाद हुआ था जो मारपीट में तब्दील हो गयी। इस मामले में दोनों ही गुटों ने एफ.आई.आर दर्ज की थी, जिसमें हमनें एक शख्स की गिरफ्तारी की थी, परंतु बाद में इस मामले को आपस में बैठ कर बातचीत कर सुलझा लिया गया था। इसमें आगे कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।“

इसके बाद डी.सी.पी सैनी के पी.आर.ओ ने हमें उत्तर-पश्चिम दिल्ली के डी.सी.पी के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इस मामले के संदर्भ में किये गये दो ट्वीट के लिंक भी भेजें। ये दोनों ट्वीट इस घटना के सन्दर्भ में इस वर्ष 13 जून को किये गये है।

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वीडियो के साथ वायरल हो रहा दावा गलत व भ्रामक है। असल में सोसाइटी के सेक्यूरिटी गार्ड के साथ हुये विवाद के बढ़ने से कुछ हिन्दू व्यक्तियों व एक मुस्लिम परिवार के बीच झड़प हुई थी। इस घटना का किसी भी धार्मिक कार्यक्रम व सांप्रदायिकता से कोई सम्बन्ध नहीं है।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. गांधीनगर रेलवे स्टेशन के वीडियो को अयोध्या में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन का बताकर शेयर किया जा रहा है|

२. समकालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को खरी-खोटी सुना रहे पूर्व सैनिक का वीडियो वर्ष २०२० से है।

३. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का भा.ज.पा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल होने की ख़बर फर्जी है|

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Title:सोसाइटी के सेक्यूरिटी गार्ड से झड़प को लेकर बढ़े विवाद को धार्मिक प्रसंग व सांप्रदायिकता से जोड़ गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False