हमास द्वारा पकड़े गए भारतीयों की सूची को दर्शाने वाला वायरल पोस्ट गलत दावे से वायरल है, इसमें नेपाली नामों की सूची है जिनको भारतीय बताया गया है।

इजरायल और हमास के बीच छिड़े युद्ध का अंत फ़िलहाल होता नहीं दिखाई दे रहा है। इस बीच इजरायल में पढ़ रहे कई छात्रों की भारत वापसी हुई है। वहीं सोशल मीडिया पे एक ऐसा पोस्ट वायरल किया जा रहा है जिसमें कुछ नामों की सूची दिखाई दे रही है। यूज़र द्वारा साझा किए गए इस पोस्ट के साथ दावा किया गया है कि इनमें भारत के उन 17 हिन्दुओं की सूची है जिसे हमास के आतंकवादियों द्वारा अगवा किया गया है।जिसमें से 10 हिन्दुओं की हमास हत्या कर चुका है। वहीं वायरल पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है कि…

यह भारत के उन 17 हिन्दुओ की सूची है जिसे हमास के आतंकवादियों ने पकड़ा था। इनमें से 10 हिन्दुओ की हमास हत्या कर चुका है। अब जातिवादी बताए इनमें कितने उनकी जाति पर है।

फेसबुक पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने दावे से जुड़े खोज के लिए कीवर्ड का इस्तेमाल किया। ये पता लगाया कि इजरायल और हमास के बीच चल रहे हाल के युद्ध संघर्ष में क्या वाकई इस प्रकार की घटना घटी है। परिणाम में हमें एक हफ्ते पहले प्रसारित एनडीटीवी की एक रिपोर्ट मिली। असल में ये एक बयान था जो भारत में इज़राइल के राजदूत का दिया गया बयान था। देखने पे पता चलता है कि हमास द्वारा किसी भी भारतीय का अपहरण नहीं किया गया था। ये रिपोर्ट 8 अक्टूबर, 2023 की है। जिसके साथ लिखा गया है कि हमास द्वारा किसी भारतीय का अपहरण नहीं किया गया ।"भारत में इजरायली राजदूत " नूर गिलोन के हवाले से कहा गया कि "अभी तक भारतीय नागरिकों के हमास के शिकार होने की कोई रिपोर्ट नहीं है । "

इससे हम इतना स्पष्ट हुए कि वायरल पोस्ट में जिन नामों की सूची दर्शायी गई है वो भारतीय नहीं है। हमने अपनी पड़ताल को और आगे बढ़ाया और पोस्ट में दर्शाए गए इमेज का गूगल रिवर्स सर्च किया। इंग्लिश खबर हब डॉट कॉम नाम के एक वेबसाइट पे हमें एक रिपोर्ट प्रकाशित दिखीं। जिसमें बताया गया है कि इज़राइल में हमास आतंकवादियों के हमले के बाद, इज़राइल में नेपाली दूतावास ने घटना से प्रभावित नेपाली नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की है। ये भी बताया गया है कि हमले के दौरान घायल हुए 10 नेपाली छात्रों का तेल अवीव के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिसमें 10 नेपाली छात्रों की जान चली गई थी। साथ ही वायरल पोस्ट वाली सूची भी रिपोर्ट के साथ साझा दिखाई देता है।

इसी से सम्बंधित दूसरी रिपोर्ट हमें द इकोनॉमिक्स टाइम्स में भी प्रकाशित की हुई मिली। जिसके अनुसार हाल के आतंकवादी हमलों में मारे गए नेपाली छात्र इज़राइल में "सीखो और कमाओ" कार्यक्रम पर थे। बताया जाता है कि जानलेवा हमले में मारे गए लोग नेपाल के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से वहां पहुंचे छात्र थे। इजरायल में नेपाली राजदूत कांता रिजाल के मुताबिक, मृतकों की पहचान नारायण प्रसाद न्यूपाने, गणेश कुमार नेपाली, आशीष चौधरी, दीपेश राज बिस्ता, आनंद साह, राजेश कुमार स्वर्णकार, राजन फुलारा, पदम थापा, प्रवेश भंडारी और लोकेंद्र सिंह के रूप में हुई है । धामी डांग के डागीशरण-3 के बिधान सेजवाल और प्रवीण डांगी घायल हो गए और वर्तमान में एक स्थानीय अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है। हालांकि दोनों की हालत गंभीर है। वहीं मृतकों के शवों को नेपाल भेजने का प्रयास किया जा रहा है।

गौर करने वाली बात यह है कि ये वही नाम हैं जो इज़राइल में नेपाली राजदूत कांता रिज़ा द्वारा बताए गए थे। और यहीं नाम वायरल पोस्ट की सूची में भी दिखाई देती है। ये जानकरी हमें नेपाली मीडिया के हवाले से प्रकाशित रिपोर्टों में भी मिली। जिसमें द अन्नपूर्णा एक्सप्रेस में नाम प्रकाशित है। तो वहीं नेपाली टाइम्स में छात्रों के नाम व उनकी तस्वीर प्रकाशित की गई है। नेपाली टाइम्स के ट्विटर हैंडल पे भी तस्वीरों के साथ ट्वीट में लिखा है कि नेपाल के वो दस छात्र जो इजरायल में हमास के हमले में मारे गए। और इनमें से एक विपिन जोशी धांगड़ी अब तक लापता बताये गए है।

इनमें से एक नेपाली छात्र का भी हमने पता लगाया जिसका नाम धन बहादुर चौधरी है। इस छात्र का इंटरव्यू द राइटर्स के हवाले से यूट्यूब पे देखा जा सकता है। ये इंटरव्यू शनिवार को प्रसारित है जिसके नीचे कैप्शन में यह जानकारी दी गई है कि इजराइल हमले से आहत बचे लोगों को नेपाल में घर भेजा गया। इस इंटरव्यू में पीड़ित छात्र इजरायल में घटी घटनाओं का आंखों देखा हाल बता रहा है।

समझना ये भी ज़रूरी है कि वायरल पोस्ट की सूची में जिन नेपालियों का नेपाल स्थित पता बताया गया है वो जगह भारत में नहीं है। जैसे कि कैलाली, बझांग,धनुषा,सुनसरी,दोती। ये सभी जगह भारत में नहीं बल्कि नेपाल में है जिनको गूगल मैप में भी देखा जा सकता है।

इजरायल में भारतीयों की स्थिति ?

ऑपरेशन अजय' के तहत शुक्रवार को 212 भारतीय इजरायल से सुरक्षित भारत लौटे हैं। सरकार ने उन भारतीयों की इजराइल से वापसी की सुविधा के लिए 'ऑपरेशन अजय' की शुरुआत की जो इजरायल से भारत आना चाहते हैं। जबकि पड़ताल के दौरान हमने 13 अक्टूबर, 2023 को द स्टेट्समैन की एक खबर देखी। जिसमें भारत में इजरायली दूतावास द्वारा लापता और मारे गए विदेशी नागरिकों की सूची जारी करने के बाद लापता भारतीयों के विवरण पे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची अपना पक्ष रख रहे थें। उनके द्वारा पत्रकरों को बताया गया है कि उन्हें जानकारी नहीं मिली है। हमास के हमले में अब तक किसी भारतीय के मारे जाने के बारे में।

इसलिए ये साफ़ होता है कि वायरल पोस्ट को सही जानकारी के साथ साझा नहीं किया गया है।

निष्कर्ष

तथ्यों की जांच से पता चलता है की इजरायल और हमास की लड़ाई में वायरल पोस्ट में दिखाए गए नामों की सूची नेपाली है भारतीय नहीं है। हमास द्वारा भारतीय लोगों के अगवा किए जाने के नाम से फेक पोस्ट फैलाया गया है।

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Title:इजरायल और हमास के हाल के हमले के बीच हमास ने 17 भारतीयों का अपहरण नहीं किया। वायरल सूची में नेपालियों की संख्या है।

Written By: Priyanka Sinha

Result: False