घटना से जुड़े सभी आरोपी पीड़िता के संबंधी हैं, इसका किसी भी तरह से जातिगत अपराध से कोई मतलब नहीं है।

सोशल मीडिया पर हैरान कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें दो महिलाएं जमीन के अंदर गड़ी हुई दिखाई दे रही हैं। इस दौरान वहां मौजूद लोग उनको निकालने का प्रयास करते नजर आते हैं। वहीं वीडियो में चीख पुकार भी आवाजें भी सुनाई देती है। सोशल मीडिया यूज़र्स वीडियो के साथ यह दावा कर रहे हैं कि वीडियो मध्य प्रदेश के रीवा का है, जहां पर ऊंची जाति के दबंगों ने दलित महिलाओं को जिंदा जमीन में गाड़ने का प्रयास किया। वीडियो इस कैप्शन के साथ है…

MP मे जंगलराज ....ब्राह्मण औरतों को जिन्दा जमीन में गाड़ दिया दबंगो ने ....मध्यप्रदेश के रीवा में दबंगों ने जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए दो हिन्दू ब्राह्मण महिलाओं को जमीन में जिन्दा ही गाड़ दिया ....भाजपा वालो, कुछ शर्म कर लो अब तो कानून व्यवस्था के नाम पर .....वोट चाहिए सिर्फ????

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वीडियो की पड़ताल के लिए गूगल पर सम्बंधित कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया। इस दौरान हमें दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 21 जुलाई 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में हमें वायरल वीडियो वाले दृश्य दिखाई दिए। खबर के अनुसार यह पूरा मामला रीवा जिले के मनगवां थाने के गंगेव चौकी गांव का था। जहां दो पक्षों के बीच एक जमीन पर रास्ता बनाने को लेकर विवाद चल रहा था। गांव के ही गोकर्ण प्रसाद पांडेय और महेंद्र प्रसाद पांडेय रास्ता बनाना चाह रहे थे, लेकिन जीवेश कुमार पांडेय और शिवेश कुमार पांडेय उन्हें रोक रहे थे। रिपोर्ट में यह घटना 20 जुलाई की बताई गई है।

जब विवाद हुआ तब पहले दोनों पक्षों में मारपीट हुई। इसके बाद गोकर्ण और महेंद्र पांडेय के कहने पर पास के ही गांव का एक व्यक्ति राजेश सिंह अपने ट्रक से मुरम मिट्टी लेकर गया। ट्रक से आई मुरम दूसरे पक्ष के जीवेश कुमार पांडेय की पत्नी ममता पांडेय एवं शिवेश कुमार पांडेय की पत्नी आशा पांडेय पर डाल दी गई। हालांकि, वहां मौजूद ग्रामीणों ने दोनों महिलाओं को बचाकर बाहर निकाला। जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया और फिर वहां से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

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एनडीटीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार यह घटना रीवा की है। जब दो महिलाओं के ऊपर दबंगों ने डंपर से मुरूम गिरा कर उनको कमर और गर्दन तक मुरूम से दबाया। क्यूंकि दोनों औरतें सड़क निर्माण का विरोध कर रही थी। दबंगों ने दोनों महिलाओं को गाड़ने की कोशिश की।

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आगे हमने इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट को देखा। इसमें बताया गया है कि सड़क बनाने का विरोध कर रही महिलाओं को दबंगों ने मुरूम के नीचे दबा दिया था। जिससे घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई थी। तभी मौके पर मौजूद लोगों ने महिलाओं को बाहर निकाला था। इस घटना के एक आरोपी विपिन पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया था और वाहन को भी पुलिस ने जब्त कर लिया था। पुलिस घटना के दो अन्य आरोपियों की भी तलाश में जुटी हुई है।

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इन रिपोर्टों से हमें इतना तो स्पष्ट हुआ कि मामले का जाति या दलित होने से कोई मतलब नहीं है। मामले में सभी एक ही पक्ष के लोग हैं।

फिर अपनी खोज में आगे बढ़ते हुए हमें रीवा के एसपी के एक्स अकाउंट से 21 जुलाई 2024 को इस मामले पर एक पुलिस विज्ञप्ति जारी की हुई मिली। विज्ञप्ति के अनुसार दो महिलाओं पर मुरूम गिराने का वीडियो पारिवारिक जमीनी विवाद से संबंधित है। घटना मनगवां थाना अन्तर्गत ग्राम हिनौता कोठार की है। आशा पांडेय पति सुरेश पांडेय द्वारा रिपोर्ट कर बताया गया कि उसके पारिवारिक ससुर गौकरण पांडेय से साझे की जमीन को लेकर रास्ता निकलने का विवाद है। पोस्ट में आगे ये भी लिखा गया था कि 20 जुलाई 2024 को गौकरण पांडेय उसी विवाद की जमीन पर रोड डलवाने के लिए डंपर से मुरूम लेकर आये और मुरम गिरवाने लगे। इसको लेकर आशा पांडेय ने अपनी देवरानी ममता पांडेय के साथ जाकर चालक को मुरूम गिराने से मना किया। चालक के नहीं मानने पर दोनों डंपर के पीछे बैठने लगीं तभी डंपर चालक ने अचानक से मुरूम गिरा दिया। मामले पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 110 (आपराधिक मानव वध का प्रयास) के तहत मामला दर्ज कर घटना की जांच की जा रही है।

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इस मामले में मध्य प्रदेश पुलिस के आधिकारिक एक्स अकाउंट से 21 जुलाई 2024 में किए गए ट्वीट को देखा जा सकता है। इसमें एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने पीड़ित महिलाओं के आदिवासी या दलित होने के दावे खंडन किया है। साथ ही वीडियो शेयर करते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने यह साफ़ किया कि पीड़ित महिलाएं आशा पांडेय और ममता पांडेय पर उनके रिश्तेदारों ने ही मुरम डाली थी।

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इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि वायरल वीडियो को भ्रामक दावे से फैलाया जा रहा है। असल में मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है और इसमें सभी पक्ष एक ही समुदाय के है।

निष्कर्ष

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। पूरा मामला जमीनी विवाद से जुड़ा है जिसमें शामिल दोनों पक्ष एक ही जाति के हैं।

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Title:मध्य प्रदेश के रीवा में महिलाओं को जमीन में जिंदा गाड़ने वाला वीडियो फर्जी जातीय दावे से वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: Misleading