वायरल वीडियो का बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रर्दशन से कोई संबंध नहीं है, ये लोग अवामी लीग के कार्यकर्त्ता है।

अभी हाल में बांग्लादेश में जारी हिंसा के दौरान अल्पसंख्यकों पर हमले की ख़बरें सामने आई थीं। जिसको लेकर बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हमले की निंदा करते हुए माफी मांगी थी। इसी को जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ लोगों को हाथों में डंडे, धारदार हथियार और ढाल लेकर प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। यूज़र्स वीडियो को इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि यह बांग्लादेश का वीडियो है जहां पर हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया। पोस्ट को इस कैप्शन के साथ फैलाया जा रहा है…

बांग्लादेश के हिंदू, सिख ,ईसाई जाग गए हैं…

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि….

हमने जांच की शुरुआत में इनविड टूल की मदद ली और वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें एक यूट्यूब चैनल पर वहीं वायरल वीडियो अपलोड किया हुआ मिला, जिसके साथ बांग्ला में हेडिंग को लिखा गया था। इसे अनुवाद करने पर हमने शेख हसीना को देश वापस लाने के लिए गोपालगंज के काठी यूनियन में अवामी लीग का विरोध प्रदर्शन लिखा हुआ देखा। इससे हम इतना समझ गए कि प्रदर्शन का यह वीडियो अल्पसंख्यकों का नहीं बल्कि अवामी लीग का है।

आर्काइव

खोज के दौरान हमने इसी वीडियो को बांग्ला यूट्यूब चैनल प्रोबाश टाइम पर भी अपलोड किया हुआ देखा। 12 अगस्त 2024 में अपलोड किए गए वीडियो के साथ कैप्शन में 'गोपालगंज अवामी लीग का ये मामला लिखा देखा जा सकता है।

आर्काइव

अब हमने वायरल वीडियो से संबंधित खबर को बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट डेली सन की वेबसाइट पर प्रकाशित देखा। रिपोर्ट के अनुसार , गोपालगंज की जिला अवामी लीग द्वारा इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इसकी अध्य्क्षता अवामी लीग के जिला अध्यक्ष महबूब अली ने की थी। प्रदर्शन में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शेख हसीना को वापस देश लाने की कसम खाई थी और नारे भी लगाए थें। प्रदर्शन में अवामी लीग के विभिन्न मोर्चे के कार्यकर्ता, उपजिला और नगर पालिका की 11 यूनियनों के सहयोगी निकायों के नेता, और कर्मचारियों ने लाठी-डंडों और अन्य घातक हथियारों से लैस होकर प्रदर्शन किया था।

आर्काइव

आवामी लीग के प्रदर्शन की इस खबर को अन्य बांग्लादेशी वेबसाइट प्रोथोमोलो डॉट कॉम (आर्काइव) के साथ ही यहां और यहां पर भी देख सकते हैं।

स्पष्ट है कि हमारे द्वारा किए गए खोज के दौरान हमें इस प्रकार ऐसे कोई भी साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए हैं जो वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे की पुष्टि करता हो। इसलिए वीडियो के साथ यह दावा कि यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रदर्शन का है फर्जी है।

निष्कर्ष

तथ्यों के जांच पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो में दिख रहे लोग अवामी लीग के कार्यकर्ता हैं, जो शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थें। उसे अल्पसंख्यकों के प्रदर्शन से जोड़ भ्रामक तरीके से फैलाया गया है।

Avatar

Title:अवामी लीग के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रदर्शन के फर्जी दावे से वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: Misleading