८ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, २६ सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें व्हीलचेयर पर एक व्यक्ति को कंबल स्वीकार करते हुए दिखाया गया है | वीडियो में एक विकलांग व्यक्ति कंबल स्वीकार करने के बाद खुद का परिचय देता है व कंबल वितरित करने के लिए आयोजक को धन्यवाद देते हुए व्हीलचेयर से उठकर चला जाता दिखाई देता है | इस वीडियो को सोशल मीडिया यूजर द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रचार वीडियो के रूप में साझा किया जा रहा है | इस वीडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि विकलांग व्यक्तियों को कंबल वितरित करने का पूरा आयोजन लोगों को दिखाने के लिए किया गया है और वीडियो में दिखाए गये विकलांग व्यक्ति भी अभिनय कर रहे है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “बीजेपी ने विकलांगों को कंबल बांटे का प्रोग्राम किया, कैमरा बंद करने से पहले विकलांग चलकर चले गए |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

कुछ सोशल यूजरस द्वारा इस वीडियो को साझा करते हुए यह भी दावा किया गया है कि विकलांग व्यक्तियों को कंबल वितरित करने का पूरा आयोजन लोगों को दिखाने के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा किया गया है |

आर्काइव लिंक

यह वीडियो फेसबुक पर काफी तेजी से साझा किया जा रहा है |

अनुसंधान से पता चलता है कि...

वायरल वीडियो में शख्स ने अपना परिचय रमेश सिंह के रूप में दिया, हमें बैकग्राउंड में, एक बैनर नज़र आया जिसमे लिखा गया है कि “डिजिटल साक्षरता संस्थान” |

हम 'डिजिटल साक्षात् संस्थान' के फेसबुक पेज पर गये | पेज के अनुसार, यह एक गैर सरकारी संगठन (NGO) है जो उत्तर प्रदेश के सोहरा से बाहर स्थित है | इसी प्रोफ़ाइल पर, हमें अभीतक चैनल द्वारा एक फैक्ट चेक रिपोर्ट मिली, जो मुरादाबाद स्थित हिंदी समाचार चैनल है, अभितक द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में, रमेश सिंह ने अपनी विकलांगता के प्रमाण को प्रदर्शित किया और कहा, “जनता के बीच कुछ गलतफहमी है | मैं वास्तव में अक्षम हूं और मेरे पास प्रमाण है | मेरे पास यूडी आईडी (यूनिक डिसेबिलिटी आईडी) है, जिसमें कहा गया है कि मुझमे ४०% विकलांगता है |” रिपोर्टर ने उनसे उस विवादास्पद क्षण पर टिप्पणी करने के लिए कहा, जब वह व्हीलचेयर से उठे थे, रमेश सिंह ने जवाब दिया, “उपहार लेते समय, मुझे व्हीलचेयर पर बैठाया गया था, परन्तु जब मैं खड़ा हुआ, उससे मेरी विकलांगता की प्रकृति लोगों को नही समझा |”

फैक्ट क्रेस्सन्डो ने डिजिटल साक्षात् संस्थान (NGO) के कोषाध्यक्ष अजय कुमार से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि विकलांग व्यक्तियों को कंबल वितरित करने का पूरा आयोजन डिजिटल साक्षात् संस्थान द्वारा किया गया था और इस कार्यक्रम के साथ भाजपा, आम आदमी पार्टी या किसी भी राजनीतिक दल का कोई संबंध नही है |

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाए गये विकलांग व्यक्ति अभिनय नही कर रहे थे, वेउनमे ४०% विकलांग है | विकलांग व्यक्तियों को कंबल वितरित करने का पूरा आयोजन डिजिटल साक्षात् संस्थान नामक एक NGO द्वारा किया गया है | इस कार्यक्रम के साथ भाजपा या आप का कोई संबंध नही है |

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Title:क्या भा.ज.पा ने फर्जी दिव्यांग लोगों को कम्बल बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया ? जानिए सच |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False