दिल्ली दंगों से सम्बंधित सोशल मीडिया पर कई पुरानी व असंबंधित तस्वीरें और वीडियो भ्रामक रूप से फैलाये जा रहे हैं, इसी श्रिंखला में ऐसा ही एक वीडियो जहाँ कुछ पुरुष पुलिस कर्मियों को औरतों और उनके बच्चों को डंडों से पीटते हुए देखा जा सकता है, इस वीडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो दिल्ली से है जहा पुलिस बर्बरता के साथ महिलाओं व बच्चों को पीट रही है | इस वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “दिल्ली में पुलिस की बर्बरता देखिये |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि..

जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को इन्विड टूल की मदद से गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें ९ मई २०१९ को NDTV द्वारा प्राकशित एक खबर मिली | इस खबर के अनुसार मध्यप्रदेश के एक पुलिस अधिकारी को एक महिला को बार-बार लाठी से पीटते हुए दिखने वाला एक वीडियो सामने आया है , माना जाता है कि यह घटना ग्वालियर रेलवे पुलिस स्टेशन के अंदर हुई थी |

आर्काइव लिंक

इसके पश्चात हमें १० मई २०१९ को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक खबर प्राप्त हुई | इस खबर के अनुसार यह घटना ग्वालियर में जीआरपी स्टेशन से है जहा पीटने वाले पुलिसकर्मी की पहचान सुभाष मिश्रा से रूप में की गई है | ग्वालियर रेंज (जी.आर.पी) के एस.पी मनीष अग्रवाल के अनुसार कांस्टेबल सुभाष मिश्रा के खिलाफ कारवाई की जाएगी | साथ ही उन्होंने यह भी कहा की यह वीडियो २ साल पुराना है और किसी भी पुलिस अफसर का अपने पद का दुरूपयोग करने का कोई अधिकार नही है, इस कांस्टेबल को उनके काम से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विधिक कारवाई करने के ऑर्डर्स दे दिये गये है |

आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | इस वीडियो का दिल्ली के दंगों से कोई संबंध नही है ना ही वीडियो दिल्ली पुलिस से सम्बंधित है | यह वीडियो लगभग ३ साल पुराना है और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जीआरपी स्टेशन से है | वीडियो में दिखाये गये पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है |

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Title:मध्य प्रदेश से ३ साल पुराना वीडियो दिल्ली पुलिस के नाम से हुआ वायरल |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False