वायरल तस्वीरों का हाल में मणिपुर में चल रही हिंसा से कोई संबंध नहीं है । तस्वीर 2012 की जिसे भ्रामक दावे से साथ शेयर किया जा रहा है।

मणिपुर में दो महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को विचलित कर दिया है। जिसको लेकर व्यापक निंदा की गयी , साथ ही देश भर के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस संदर्भ में प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर कब्जा करते हुए दिखाने वाली कुछ तस्वीरों को मणिपुर हिंसा से जोड़कर सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है। पोस्ट में साझा की गई चार तस्वीरों में से तीन में प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारों का इस्तेमाल दिखाया गया है, जबकि चौथी तस्वीर में भारी भीड़ के बीच बस में खड़े लोगों को दिखाया गया है।

वायरल पोस्ट के साथ लिखा गया है- मणिपुर में कुकी महिलाओं के साथ क्रूर बलात्कार के विरोध में सैकड़ों भारतीय सड़कों पर उतर आए और सरकार से कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पूछा कि सरकार 2 महीने से क्यों सो रही थी और बलात्कार और हत्याओं को रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

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अनुसंधान से पता चलता है कि

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल पोस्ट की सभी तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें पहली तस्वीर रॉयटर्स फोटो गैलरी में मिली। तस्वीर को 22 दिसंबर 2012 को अपलोड किया गया है।

प्रकाशित खबर के कैप्शन में लिखा है- पुलिस राष्ट्रपति भवन के पास प्रदर्शनकारियों को अलग करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल कर रही है।

22 दिसंबर 2012 को नई दिल्ली में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के खिलाफ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे हजारों लोगों को वापस करने के लिए पुलिस ने लाठियों, आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया था। इस खबर में प्रदर्शन के अन्य तस्वीर भी मौजूद हैं।

दूसरी तस्वीर-

बस में खड़े लोगों की दूसरी तस्वीर 2020 में टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में मिली। जिसमें 2012 सामूहिक बलात्कार मामले से संबंधित 11 छवियां थीं। रिपोर्ट में छवि के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि 16 दिसंबर, 2012 को पैरामेडिकल छात्रा के साथ क्रूर सामूहिक बलात्कार और यातना ने देशव्यापी हंगामा खड़ा कर दिया।

तीसरी तस्वीर-

तीसरी तस्वीर हमें द न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट में मिली, 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यह विरोध प्रदर्शन निर्भया मामले पर केंद्रित थी। विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों, कानून में बदलाव की मांग और मामले की स्थिति को संबोधित करना था।

चौथी तस्वीर-

बैरिकेड्स के पास खड़े पुलिस कर्मियों की और प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारों वाली ये तस्वीर हमें न्यूयॉर्क टाइम्स में मिली। खबर 22 दिसंबर 2012 को प्रकाशित है। जिसमें बताया गया है कि एक सामूहिक बलात्कार मामले में न्याय और बेहतर कानून प्रवर्तन की मांग के लिए हजारों प्रदर्शनकारी नई दिल्ली में एकत्र हुए थे।

पांचवी तस्वीर-

अंत में हमने पांचवी तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया । परिणाम में हमें ये तस्वीर स्लेट.कॉम पर मिली। खबर 21 दिसंबर 2015 को प्रकाशित की गयी थी। वहीं तस्वीर के कैप्शन के अनुसार 2012 में नई दिल्ली में सामूहिक बलात्कार और ज्योति सिंह की हत्या के विरोध में एक महिला को पुलिस की पानी की बौछारों का सामना करना पड़ा।

निष्कर्ष-

तथ्य जांच के बाद हमने पाया कि 2012 के निर्भया विरोध प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरों को गलत तरीके से मणिपुर हिंसा से जोड़ कर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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Title:2012 में निर्भया विरोध प्रदर्शन की तस्वीरों को मणिपुर हिंसा से जोड़ कर वायरल किया गया…

Written By: Saritadevi Samal

Result: Misleading