
पश्चिम बंगाल में आगामी चुनाव के चलते सोशल मंचों पर एक समाचार पत्र में छपे लेख की तस्वीर इस दावे के साथ वायरल हो रही है कि बंगाल में नकली ईवीएम की 66 मशीनें एक भा.ज.पा नेता के घर पर से जब्त हुई हैं।
वायरल हो रही समाचार पत्र में छपे लेख की तस्वीर में हेडलाइन में लिखा है,
“भा.ज.पा नेता के घर से 66 नकली ईवीएम जब्त”
और तस्वीर के पोस्ट के शीर्षक में लिखा है
“बंगाल में सरकार बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है।“
इस खबर को इंटरनेट पर काफी साझा किया जा रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहे समाचार पत्र में छपे लेख की तस्वीर वर्ष २०१८ से है व ईवीएम मशीनके पॉमप्लेट व अन्य प्रचार की सामग्री जब्त होने का यह प्रकरण राजस्थान में एक निर्दलीय प्रत्याशी से जुड़ा हुआ है। इस प्रकरण का आगामी पश्चिम बंगाल के चुनाव व भा.ज.पा से कोई संबन्ध नहीं है।
जाँच की शुरुवात में हमने वायरल हो रही खबर की पुष्टि करने हेतु पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजोय बसु से संपर्क कर के की, उनके द्वारा हमें इस वायरल खबर के सन्दर्भ में बताया गया है कि, “वायरल हो रही खबर जिसके मुताबिक पश्चिम बंगाल में आगामी चुनाव से पहले भा.ज.पा नेता के घर से ईवीएम की मशीनें जब्त हुई, ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं मिली है व इस प्रकार का कोई भी प्रकरण हमारी नज़र में नहीं आया है व ना ही पुलिस द्वारा इस प्रकार के प्रकरण में किसी नेता को गिरफ्तार किया गया है।“
तदनंतर हमने ये पता लगाने की कोशिश की कि वायरल हो रहे समाचार पत्र में छपे लेख का ये प्रकरण कहाँ की है। हमने इस तस्वीर को गौर से देखा तो हमें हेडलाइन के उपर एक वाक्य लिखा हुआ दिखा जिसमें लिखा है, “जैतारण में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बनवाई थी।“
इस वाक्य में दी गयी जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमने पाया कि ये वाक्या राजस्थान के पाली जिले में स्थित जैतारण से संदर्भित है।
तत्पश्चात हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक समाचार लेख मिला जिसमें वायरल हो रहे समाचार लेख की तस्वीर में प्रकाशित दो शख्स की सदृश्य तस्वीर छपी है। यह समाचार लेख 4 दिसंबर 2018 को प्रकाशित की गई थी व के समाचार लेख मुताबिक पाली जिले के जैतारण क्षेत्र में पुलिस ने 66 प्रतीकात्मक ईवीएम प्रचार सामग्री जब्त की थी। यह सामग्री हाउसींग बोर्ड के एक मकान में मिली जिसपर जैतारण के निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र गोयल का प्रचार चिन्ह व नाम अंकित था।
समाचार लेख में यह भी लिखा है कि, यह समान इसलिए जब्त हुआ था क्योंकि इस सामग्री की कीमत दस रुपये से अधिक थी।
आपको बता दें कि उपरोक्त समाचार लेख में ऐसा कही भी नहीं लिखा है कि नकली ईवीएम एक भा.ज.पा नेता के घर से मिला है। उसमें यह लिखा है कि ये सामग्री एक निर्दलीय प्रत्याशी की थी।
इसके बाद इस खबर की पुष्टि करने हेतु हमने जैतारण के पुलिस उप-अधीक्षक सुरेश कुमार से संपर्क किया व उन्होंने हमें बताया कि, “जैतारण में ईवीएम की सामग्री जब्त करने वाला प्रकरण वर्ष 2018 का है, जब यहाँ विधानसभा के चुनाव हुए थे। उस जगह से ईवाएम मशीन के जो पॉमप्लेट व अन्य प्रचार की सामग्री जब्त हुई थी और जिस नेता, सुरेन्द्र गोयल की वो चीज़े थी वे उस भा.ज.पा के प्रत्याशी नहीं थी, उन्होंने वह चुनाव भा.ज.पा से बागी होकर निर्दलीय लड़ा था। उन्हें उस वर्ष भा.ज.पा से टिकट नहीं मिला था।“
आखिर में हमने सुरेन्द्र गोयल से भी संपर्क किया व उनसे इस बात की जानकारी ली की वर्ष 2018 के चुनाव में वे किस पार्टी से लड़ रहे थें, उन्होंने हमें जवाब देते हुए कहा कि, “वर्ष 2018 में मैंने निर्दलीय होकर विधानसभा चुनाव लड़ा था।“
आपको बता दें कि वर्ष 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के पहले सुरेन्द्र गोयल भा.ज.पा के नेता थे।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत है| वायरल हो रहे समाचार पत्र में छपे लेख की तस्वीर वर्ष 2018 से है व ईवीएममशीन केपॉमप्लेटवअन्यप्रचारकीसामग्रीजब्त होने का यह प्रकरण राजस्थान में एक निर्दलीय प्रत्याशी से जुड़ा हुआ है। इसका आगामी पश्चिम बंगाल के चुनाव व भा.ज.पा से कोई संबन्ध नहीं है।

Title:२०१८ में नकली EVM जब्त करने से जुड़ी एक खबर को भा.ज.पा द्वारा आगामी बंगाल चुनावों की तैयारी का बता वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False

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