नूंह में विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को रोकने की कोशिश करने पर भड़की हिंसा गुरुग्राम में भी फैल गई और भीड़ ने शहर के सेक्टर-57 में 26 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या कर दी और एक धर्मस्थल पर आग लगा दी। इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों को शेयर किया जा रहा है। जिसमें पुलिस कुछ लोगों पर लाठीचार्ज करती नजर आ रही है। वायरल तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि सभी नूंह में हो रही हिंसा की है।

वायरल पोस्ट के साथ यूजर ने लिखा है- वाह रे हरियाणा के वीर हिंदुओं । यह हाल तो होना ही था जब तुम सड़कों पर बैठकर इन्हीं जिहादी गद्दारों का समर्थन ले रहे थे? आज इन्हीं गद्दारों ने तुम्हें तुम्हारी औकात बता दिया। बहुत दुख होता है, अफसोस भी होता है यह सब देखकर कि 120 करोड़ हिंदुओं के देश में हिंदुओं का यह हाल है? चारों तरफ मार खा रहे हो? चारों तरफ आपकी करोड़ों अरबों की संपत्ति जब मर्जी होता है वह फूंक कर शांति से अपने घर में चले जाते हैं और शांतिप्रिय कहलाते हैं! तुम जय श्री राम का नारा लगाकर दंगाई कहलाते हो? अब यही सब देखना बाकी रह गया था? कुछ गद्दार जिहादियों का पोस्ट देखा उन्होंने डाला कि मोनू मानेसर आने वाला था, अरे मोनू मानेसर आने वाला है तो क्या? वह पाकिस्तान से आ रहा था क्या? बल्कि मोनू मानेसर इसी भारत माता का सच्चा वीर संतान है जिसके नाम से तुम्हारी फटती है!

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अनुसंधान से पता चलता है कि

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें पहली तस्वीर न्‍यूज 18 की वेबसाइट पर मिली। इसके कैप्‍शन में लिखा है, “कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन की फाइल फोटो।

इसके अलावा ये तस्वीर द टाइम्स ऑफ इंडिया' की 12 दिसंबर, 2019 की एक रिपोर्ट में भी मिली। जिसमें बताया गया है कि उस वक्त कानपुर में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सात पुलिसवालों सहित 13 लोग घायल हुए थे।

दूसरी तस्वीर-

जलती कार के पास खड़े पुलिसकर्मी वाली दूसरी तस्वीर हमें एनडीटीवी और हिंदुस्तान टाइम्स पर मिली। तस्वीर को 20 फरवरी 2013 को अपलोड किया गया है। खबर के मुताबिक उस वक्त देश की 11 ट्रेड यूनियंस ने भारत बंद का आयोजन किया था।

इस दौरान नोएडा की कई फैक्ट्रियों में तोड़फोड़ की गई थी और गाड़ियों को जला दिया गया था।

तीसरी तस्‍वीर-

गूगल रिवर्स इमेज में हमें यह तस्‍वीर 25 दिसंबर 2019 को टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी खबर में मिली। इसके कैप्‍शन में लिखा है, “कानपुर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी आमने-सामने। यानी यह भी नूंह हिंसा से संबंधित नहीं है।

नूंह में कर्फ्यू, फरीदाबाद-गुरुग्राम में धारा 144-

नूंह-मेवात में हुई हिंसा ने धीरे-धारे आसपास के जिलों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। गुरुग्राम, फरीदाबाद और रेवाड़ी में भी हालात सही नहीं हैं। जहां नूंह में कर्फ्यू लगा दिया गया है, वहीं बाकि तीनों जिलों में धारा 144 लागू है। वहीं दिल्ली, राजस्थान भी अलर्ट मोड पर हैं। गुरुग्राम के बाद फरीदाबाद के सभी स्कूल-कॉलेज और शिक्षण संस्थान बंद रखने का आदेश दिया गया है। सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखी जा रहा है।

निष्कर्ष

तथ्य जांच के बाद, हमने पाया कि ये तस्वीरें पुरानी हैं और इनका नूंह में हुई हालिया हिंसा से कुछ लेना-देना नहीं है। वायरल तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल है।

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Title:हिंसा की ये पुरानी तस्वीरें हरियाणा में चल रही हिंसा की बताकर शेयर किया जा रहा है…

Written By: Saritadevi Samal

Result: False