वीडियो महाराष्ट्र के घाटकोपर का है जब धार्मिक उपदेशक मौलाना मुफ्ती सलमान की गिरफ्तारी के विरोध में उतरे समर्थकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। उसी वीडियो को अब हल्द्वानी हिंसा का बताया जा रहा है।

उत्तराखंड के हल्द्वानी के बनभूलपुरा में तीन दिन पहले हिंसा भड़काने के आरोप में प्रशासन द्वारा दबिश देकर गिरफ्तारियाँ की जा रही है। 8 फरवरी की देर शाम को एक मदरसे को ढहाए जाने के बाद जिस प्रकार से हिंसा भड़की उसके बाद हालात को नियंत्रण करने की तमाम कोशिशें जारी है। पर इस बीच सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर सांप्रदायिक दावों के साथ फ़र्जी और भ्रामक वीडियोज साझा किये गए हैं। इसी कड़ी में पुलिस की तरफ से आबादी वाले एक क्षेत्र में कुछ लोगों पर लाठियां बरसाने का वीडियो वायरल हुआ है। जिसे इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि क्षेत्र में रहने वाले मुसलमानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जा रहा है। फेसबुक रील के तौर पर प्रचारित किये जा रहे वीडियो में यह लिखा गया है…

बीजेपी के द्वारा बनाए नए भारत के हल्द्वानी, उत्तराखंड में मुसलमानों पर लाठियां बरसाते हुए संवैधानिक पुलिसकर्मी।

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि ….

हमने जांच की शुरुआत के लिए वीडियो से तस्वीर ले कर उसे गूगल रिवर्स इमेज माध्यम से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमने डिजिटल ठाणे न्यूज़ नाम से फेसबुक अकाउंट पर वायरल वीडियो को मराठी कैप्शन के साथ अपलोडेड देखा। जिसको हिंदी में अनुवाद करने पर ठाणे - मुफ्ती के समर्थन में आए हजारों समर्थकों पर पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। जिसके बाद मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन के सामने दंगाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुफ्ती सलमान अज़हरी को पुलिस ने हिरासत में लिया। जिसमें हजारों की भीड़ मुफ्ती के समर्थकों ने थाने को घेर लिया और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की गई लिखा गया था। वीडियो देखने के बाद हमारा ध्यान इस बात पर भी गया कि ये वीडियो 5 फरवरी का है जबकि हल्द्वानी में हिंसा 8 फरवरी को हुई थी। इसका मतलब यह भी हुआ कि ये वाला वायरल वीडियो हल्द्वानी का है ही नहीं।

मिली जानकारी के अनुसार हमने अपनी खोज को आगे बढ़ाया। जिसके बाद हमें संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स मिले। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर वायरल वीडियो से मिलता हुआ वीडियो साझा किया गया है। जिसके साथ यह लिखा है कि गुजरात में हेट स्पीच देने वाला धर्मगुरु मुफ्ती सलमान अजहरी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। मौलाना पर 31 जनवरी को जूनागढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में हिन्दू संगठनों ने केस दर्ज करवाया था। गुजरात ATS ने मुंबई की एक अदालत में मुफ्ती सलमान अजहरी की रिमांड मांगी थी। जिस पर कोर्ट द्वारा रविवार शाम को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड मंजूर कर ली गई थी । इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे घाटकोपर पुलिस थाने लाया गया था। जहां रात एक बजे मौलाना के हजारों समर्थकों ने उसकी रिहाई के लिए घाटकोपर थाने का घेराव किया। जिस पर हंगामा बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।

इस जानकारी के साथ एबीपी माझा न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर 5 फरवरी को वीडियो अपलोड किया गया है। साथ ही जानकरी दी गयी है कि इस्लामिक नेता मुफ्ती सलमान अज़हरी को गिरफ्तार किया गया। जूनागढ़ में विवादित बयान के मामले में घाटकोपर से गुजरात एटीएस ने मुफ्ती सलमान को हिरासत में लिया।

इस खबर को यहां, यहां और यहां देख सकते हैं। जो यह स्पष्ट करते हैं कि वायरल वीडियो में दिखाया गया पुलिस का लाठीचार्ज हल्द्वानी हिंसा से असंबंधित है।

निष्कर्ष-

तथ्यों के जांच से यह पता चलता है कि वायरल वीडियो हल्द्वानी हिंसा के नाम पर फेक व झूठे दावे से फैलाया गया है। असल में वीडियो महाराष्ट्र के घाटकोपर का है। जब पुलिस ने धार्मिक उपदेशक मौलाना मुफ्ती सलमान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे समर्थकों पर लाठीचार्ज किया था।

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Title:महाराष्ट्र के लाठीचार्ज का वीडियो हल्द्वानी का बताकर भ्रामक दावे से वायरल।

Written By: Priyanka Sinha

Result: False