वायरल वीडियो साल 2021 का है जब भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष प्रदर्शनी के लिए भारत पहुचें थें, जिसे अयोध्या राम मंदिर में स्थापित करने के नाम पर माता सीता के अशोक वाटिका में बैठने वाली शिला का बताया जा रहा है।

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम अपने अंतिम चरण में है। मंदिर को अब सजाने और संवारने का कार्य किया जा रहा है। इस बीच राम मंदिर से जोड़ते हुए वायरल कई ऐसे पोस्ट हैं, जिनको फर्ज़ी दावे से साझा किया जा रहा है। वायरल एक पोस्ट इसी संदर्भ में है जो एक वीडियो के तौर पर प्रचारित है। इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि श्रीलंका एयरलाइन्स से कुछ बौद्ध भिक्षु अपने हाथों में एक चीज लिए नीचे उतर रहे हैं जो बाद में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलते हैं। इस दौरान भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरण रिजिजू भी नज़र आते हैं। वायरल हुए इस वीडियो के साथ दावा किया गया है कि श्रीलंकाई विमान से माता सीता के उस पत्थर को श्रीलंका से अयोध्या लाया गया, जिस पर वो अशोक वाटिका में बैठा करती थीं। जिसे अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में स्थापित किया जायेगा। वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि…

“लंका में अशोक वाटिका में जिस पत्थर पर माता सीता जी बैठती थीं उस पत्थर को श्रीलंका सरकार ने अपने हवाई जहाज से भारत भेजा है। बताया गया है कि इस पत्थर को अयोध्या जी में राम जन्मभूमि पर बन रहे नए राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इस पत्थर को लेने के लिए योगी आदित्यनाथ स्वयं एयरपोर्ट पहुंचे। 3 मिनट 34 सेकंड के वीडियो में देखें और सुनें। मां सीता के पहाड़ जैसे दुख को सबसे ज्यादा करीब से देखा और महसूस किया होगा इस पत्थर ने।”

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वायरल वीडियो की खोज के लिए गूगल पर कीवर्ड का इस्तेमाल किया, जिसके परिणाम में हमने भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक ट्वीट को प्राप्त किया। 20 अक्टूबर 2021 को किये गए इस ट्वीट से पता चलता है कि, श्रीलंका से बौद्ध भिक्षु और वहाँ की सरकार के प्रतिनिधिमण्डल को लेकर कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर श्रीलंका का एक विमान पहुंचा था। जिसका स्वागत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रीगण की तरफ से हुआ था। इस ट्वीट में हमें वायरल वीडियो वाली कई तस्वीरें दिखाई दीं।

इसके बाद हमें भाजपा नेता किरण रिजिजू की तरफ से एक ट्वीट मिला। जिसके अनुसार आश्विन पूर्णिमा और अभिधम्म दिवस के अवसर पर श्रीलंका से पवित्र बुद्ध अवशेष का कुशीनगर, उत्तर प्रदेश आगमन पर औपचारिक स्वागत किया गया था। जिसमें श्रीलंका और दुनिया भर से आए बौद्ध भिक्षुओं का भी स्वागत किया गया था। यहां भी हमने वायरल वीडियो वाले कई तस्वीरों को साझा किया हुआ देखा।

अपनी पड़ताल में हमने आगे बढ़ते हुए द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट को 19 अक्टूबर 2021 में प्रकाशित किया हुआ देखा। जो यह बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करने वाले थें। जिसे दुनिया भर के बौद्ध तीर्थ स्थलों को जोड़ने और वहां विभिन्न विकास परियोजनाओं को लॉन्च करने की दिशा में उठाया गया एक कदम था। विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए एक सार्वजनिक समारोह में भाग लेने से पहले कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मंदिर में अभिधम्म दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम था। जिसके लिए कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल को लेकर कोलंबो, श्रीलंका से हवाई अड्डे पर उद्घाटन उड़ान के उतरने तक निर्धारित किया गया था। जिसमें मुख्य आकर्षण मंदिर के महानायके द्वारा वास्काडुवा श्री सुबुद्धि राजविहार मंदिर, श्रीलंका से लाए जा रहे पवित्र बुद्ध अवशेष की प्रदर्शनी के लिए किया गया। इसी पवित्र बुद्ध अवशेषों के लिए हवाई जहाज़ में अलग से एक सीट रखी गई थी जो भारत पहुंचा था।

इसी प्रकार की मिलती जुलती रिपोर्टों को हमने मातृभूमि, और TV9 भारतवर्ष में भी प्रकाशित देखा।

अंत में हमने वायरल वीडियो के बारे में स्पष्टीकरण के लिए अयोध्या में बन रहे हैं राम मंदिर में संपर्क किया। जहां हमारी बात राम मंदिर ट्रस्ट के एक कर्मचारी से हुई। जिन्होंने हमें ये बताया कि वायरल वीडियो में बौद्ध भिक्षु के हाथ में दिखाई दे रही वस्तु अशोक वाटिका की कोई शीला या कोई पत्थर नहीं है। और न ही इस प्रकार कि कोई जानकारी प्राप्त है। जिसे मंदिर में स्थापित करने के लिया मंगाया गया हो।

निष्कर्ष-

तथ्यों के जाँच से यह पता चलता है कि, वायरल वीडियो गलत सन्दर्भ में फैलाया गया है। वीडियो में असल में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष का है जिसे श्रीलंका से प्रदर्शनी के लिए साल 2021 में मंगवाया गया था। और इसे माता सीता और अशोक वाटिका के शिला से जोड़कर गलत दावा से शेयर किया जा रहा है।

Avatar

Title:वीडियो में श्रीलंका सरकार राम मंदिर को नहीं लौटा रही है अशोक वाटिका की शीला।

Written By: Priyanka Sinha

Result: False