वीडियो का असम और बिहार से कोई संबंध नहीं है। वीडियो यूपी के मथुरा रेलवे स्‍टेशन का है। जहाँ बदसूलकी किये जाने पर दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

पिछले कुछ दिनों से तमिलनाडु में बिहारी प्रवासियों के साथ तथाकथित हिंसा से जुड़े कई पोस्ट और वीडियो सोशल मंचो पर भ्रामक दावे के साथ जम कर साझा किये गए। बिहारी प्रवासियों के साथ कुछ राज्यों में कथित हिंसा को दर्शाती कई खबरें सामने आयी। जिसके बाद अब एक और वीडियो इन दिनों वायरल हो रहा है। जिसमें कथित तौर पर बिहारी प्रवासियों से बदसलूकी करने का दावा किया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है की दो पुलिसकर्मी किस तरह से फर्श पे नीचे सो रहे व्यक्ति के साथ बदसलूकी करते हैं। वायरल इस वीडियो को असम का बताया गया है। जब प्लेटफॉर्म पर एक व्यक्ति को सोता देख दो रेलवे पुलिसकर्मी में से एक पहले तो उसके मुंह पर टॉर्च मारता है। फिर एक दूसरा पुलिसकर्मी उसके पैरों को अपने जूतों से कुचलता है। दर्द होने पर सो रहा वो सख्स पुलिसकर्मियों की तरफ देखता है। इसके बाद पुलिसकर्मी उससे कुछ बात करते हैं। तभी दूसरा पुलिसकर्मी उसके पीठ पर लात मारता है। फिर पैरों की तरफ खड़ा पुलिसकर्मी सो रहे व्यक्ति के पैरों पर फिर जूते रखकर खड़ा हो जाता है।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है की…

‘’बिहारियों के साथ असम पुलिस का सलूक ‘’

फेसबुकआर्काइव

अनुसंधान से पता चलता है कि…

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने गूगल पर रेलवे स्टेशन, यात्री, लोग ,पुलिस जैसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया। परिणाम में हमें हिन्दुस्तान और दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक खबर मिली। प्रकाशित खबर में वायरल वीडियो को हमने पाया। जिससे ये पता लगा की ये घटना मथुरा रेलवे स्टेशन की है।

वहीं वीडिय़ो जब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा तो मथुरा जीआरपी के सीनियर अफसरों ने वीडियो की जांच कराई और सीसीटीवी फुटेज चेक किए। इसके बाद अफसरों ने जीआरपी के हेड कॉन्स्टेबल परविंदर और कॉन्स्टेबल विजय को लाइन हाजिर किया।

पडताल में आगे हमें वीडियो से संबंधित एक ट्वीट मिला। सीओ जीआरपी आगरा नईम मंसूरी ने 30 मार्च को ट्विट के माध्यम से इस वीडियो के संबंध में अपना बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि वीडियो में दिख रहे दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

खबर की स्पष्टीकरण के लिए हमने एसपी जीआरपी आगरा में संपर्क साधा तो उन्होंने हमें स्पष्ट किया कि मामला असम का नहीं मथुरा का है। इसके बाद उन्होंने हमारी बात मथुरा जीआरपी थाने के एसएचओ विकास सक्सेना से कराई।

जिसके बाद मथुरा जीआरपी थाने के एसएचओ विकास सक्सेना ने कहा कि घटना असम की नहीं मथुरा की है। मामला 20 मार्च के रात की है। जब नाइट ड्यूटी में मिस्टर जोगिंदर सिंह तैनात थे। दो तीन लोगों ने आ कर कंप्लेन करी कि जनरल क्लास के वेटिंग हॉल में 8-10 महिलाएं हैं और साथ में बच्चे भी है, उनके बीच में एक शराबी जबरदस्ती लेटने का प्रयास कर रहा है और गंदी-गंदी गालियां दे रहा है। उसके बाद उन्होंने मामले की जांच करने के लिए जीआरपी के हेड कॉन्स्टेबल परविंदर और कॉन्स्टेबल विजय को भेजा। जब दोनों सिपाही गए तो वास्तव में वो शराबी महिलाओं के बीच में सोया था। उसको खिसका के पिलर के पास बिठाया। वो बैठ नहीं पा रहा था तो उसे पानी पिलाया गया। फिर भी वो होश में नहीं आया तो उसे उठा कर सर्वीसींग गाडी में बैठा कर रवाना किया गया।

बाकी वायरल वीडियो में जवानों द्वारा की गई हरकतों के लिए उन्हें निलंबित किया गया। वीडियो का असम या फिर बिहारी प्रवासियों से कोई संबंध नहीं है। खबर झूठी है।

निष्कर्ष-

तथ्य-जांच के बाद, हमने पाया कि वायरल वीडियो से जुड़ा दावा गलत है। घटना मथुरा की है असम की नहीं। वीडियो में दिख रहे दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

Avatar

Title:प्लेटफॉर्म पर लेटे युवक के साथ बदसलूकी का यह वीडियो मथुरा का है, असम का नहीं...

Fact Check By: Saritadevi Samal

Result: False