बांग्लादेशी सेना द्वारा दो लोगों पर कार्रवाई का पुराना वीडियो, भारतीय सेना की कार्रवाई का बताया जा रहा है

False International

दुकान पर हमला कर रहे दो लोगों को हिरासत में लेती सेना का वीडियो बांग्लादेश का है भारत का नहीं।

इंटरनेट पर एक दुकान में तोड़फोड़ करते दो लोगों को वर्दीधारियों द्वारा रोकने और गिरफ्तार किए जाने का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को भारतीय सेना का बताकर शेयर किया जा रहा है। वहीं वायरल वीडियो में दो लोगों को धारदार हथियार से एक दुकान पर हमला करते हुए दिखाया जा रहा है, तभी कुछ वर्दीधारी जवान वहां पहुंचते हैं और दोनों को सरेंडर करने के लिए कहते हैं, फिर वो उन्हें लेकर चले जाते हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई का है। वहीं पोस्ट के साथ एक कैप्शन है जो इस प्रकार है…

अब्दुल को भारतीय सेना कैसे पेल रही है देखो

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वायरल वीडियो की जांच के लिए शुरुआत में वीडियो के कीफ्रेम से रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें वायरल वीडियो से जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट एक बांग्लादेशी न्यूज आउटलेट के हवाले से शेयर किया हुआ मिला। वीडियो को इस यूट्यूब अकाउंट से 17 अगस्त 2024 को अपलोड किया गया था। वहीं वीडियो रिपोर्ट में दिखाई दे रहा है कि एक दुकान में तोड़फोड़ कर रहे दो लोगों से पहले तो वर्दीधारी लोग सरेंडर करवाते हैं और फिर उन दोनों को अपने वाहन में बिठाकर ले जाते हैं। इस वीडियो में एक शख्स का बयान भी मौजूद है, जो यह कहता है कि गाड़ी से आए दो लोगों ने हमला किया। वीडियो के साथ कैप्शन में दुकानों में तोड़फोड़ और दंगों के दौरान बांग्लादेश सेना पहुंची लिखा हुआ था। 

फिर हमें ढाका ट्रिब्यून की वेबसाइट पर 18 अगस्त 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य दिखाई दे रहे थें। रिपोर्ट में बताया गया था कि बांग्लादेश के फरीदपुर जिले में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े संजय साहा के व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर हमले के आरोप में बांग्लादेश आर्मी ने दो हमलावरों को हिरासत में लिया था। इसके बाद बोअलमारी पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर केस भी दर्ज किया गया था।

17 अगस्त 2024 को छपी ढाका पोस्ट की वेबसाइट पर रिपोर्ट के अनुसार यह घटना फरीदपुर के बोअलमारी में घटी थी। इसमें दो युवा विंग के कार्यकर्ता को एक दुकान में तोड़फोड़ करने के दौरान सेना ने उन्हें पकड़ लिया था। रिपोर्ट में बताया गया कि बीएनपी से ही जुड़े एक नेता शमशुद्दीन मियां परचा दाखिल करने जा रहे थे, तभी उनके ऊपर हमला हुआ। हमले का आरोप उसी इलाके से अन्य बीएनपी नेता नसिरुल इस्लाम पर लगा था। इसके विरोध में कुछ लोगों ने नसिरुल इस्लाम के समर्थक संजय साहा के कार्यालय पर हमला कर दिया था, जिसमें संजय साहा और उसके दो बेटे घायल हो गए थे। घटना के बाद संजय साहा ने बोअलमारी पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बोअलमारी पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन चार्ज शाहिदुल इस्लाम का भी बयान मौजूद था, जिसमें उन्होंने बताया था कि संजय साहा के इस मामले में आर्मी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों को 15 अगस्त को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था। गिरफ्तार किए गए लोग बोआलमारी यूथ पार्टी के कार्यकर्ता मोहम्मद तुतुल हुसैन (28) और दुखु मिया (30) थें जिन्हें गिरफ्तार करने के बाद अदालती कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया गया था।इस रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो के वर्जन को देख सकते हैं।

ऐसे में यह साफ़ हो जाता है कि भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई का बताकर वायरल हो रहा यह वीडियो पुराना है जो बांग्लादेशी सेना की तरफ से की कार्रवाई का है।

निष्कर्ष 

तथ्यों के जांच से पता चलता है कि, जिस वायरल वीडियो को भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई के दावे से शेयर किया जा रहा है, असल में वो वीडियो बांग्लादेशी सेना द्वारा अगस्त 2024 में की गई एक कार्रवाई का है। यह हाल का वीडियो नहीं है, दावा पूरी तरह से भ्रामक है। 

Avatar

Title:बांग्लादेशी सेना द्वारा दो लोगों पर कार्रवाई का पुराना वीडियो, भारतीय सेना की कार्रवाई का बताया जा रहा है

Fact Check By: Priyanka Sinha 

Result: False

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *