यह तस्वीर 29 जुलाई को मणिपुर की राजधानी इंफाल में आयोजित नार्को-आतंकवाद के खिलाफ एक विरोध रैली की है।

एक विशाल रैली की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं का दावा है कि यह मणिपुर में मैतेई समुदाय द्वारा दो कुकी महिलाओं के यौन उत्पीड़न और परेड के मामले में लोगों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

वायरल पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि “परेड करने और कुकी महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वालों की गिरफ्तारी के खिलाफ बहुसंख्यक मैतेई समूह द्वारा मणिपुर में विरोध रैली निकाली गयी। मोदी ने मणिपुर को दूसरा गुजरात बना दिया!” इस तस्वीर को सिआसत डेली ने भी अपने वेबसाइट पर इसी दावे के साथ प्रकाशित किया है।

फेसबुक पोस्टसिआसत डेलीआर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुआत हमने वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से की। तस्वीर की रिवर्स इमेज सर्च से हमें 29 जुलाई, 2023 की इम्फाल टाइम्स की यह रिपोर्ट मिली, जिसमें पुष्टि की गई कि वायरल तस्वीर राज्य में नार्को-आतंकवाद के खिलाफ एक रैली की थी। हमने तस्वीर के बैनर को ज़ूम करके देखा, इसमें लिखा था, “मास रैली अगेंस्ट चीन कुकी नार्को टेररिज्म- COCUMI।”

टॉम टीवी द्वारा प्रसारित रैली के वीडियो के अनुसार रैली मणिपुर के इम्फाल में थाउ ग्राउंड से हप्ता कांगजेइबुंग से शुरू हुई थी। रैली वर्तमान संघर्ष को समाप्त करने, एनआरसी लागू करने और पूरे मणिपुर के लिए समान प्रशासन के प्रस्ताव को पारित करने के साथ समाप्त हुई। इस रैली को मणिपुर में नार्को- आतंकवाद के खिलाफ निकाली गयी थी। वीडियो में बैनर पर लिखा गया है कि ये रैली 29 जुलाई को निकाली गयी थी।

इम्फाल फ्री प्रेस के रिपोर्ट के अनुसार, रैली में विभिन्न स्थानों से हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। जैसे-जैसे रैली विभिन्न इलाकों से गुजरी, जगह-जगह लोग शामिल होते गए। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न तख्तियां पकड़ रखी थीं जिन पर लिखा था, "मणिपुर में कोई अलग प्रशासन नहीं", "कुकी-ज़ो नार्को आतंकवादी से भारत को बचाएं", "नार्को-आतंकवाद को खत्म करें", "महिलाओं पर अब और अत्याचार नहीं", "एनआरसी को तुरंत अपडेट करें"।

दूसरी रैली मणिपुर के थौबल जिले में अपुनबा क्लब द्वारा आयोजित की गई थी। दूसरी रैली पर एक रिपोर्ट इंफाल फ्री प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई थी जिसे सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने पिछली रैली के दृश्यों के साथ साझा किया, जिससे भ्रम पैदा हुआ। रिपोर्ट अब हटा दी गई है और पोर्टल द्वारा एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है।

इस स्पष्टीकरण कि ज़रूरत क्यों पड़ी?

28-29 जुलाई के बीच मणिपुर में अलग-अलग बैनर के साथ दो अलग-अलग रैलियां आयोजित की गईं थी।

पहली रैली-

मणिपुर इंटीग्रिटी समिति (COCUMI) समूह द्वारा आयोजित एक रैली संघर्षग्रस्त राज्य को एकजुट करने और मणिपुर में चिन-कुकी समुदाय द्वारा कथित तौर पर किए गए नार्को-आतंकवाद को समाप्त करने के लिए की गई थी। वायरल तस्वीर उसी रैली का है।

दूसरी रैली-

ये रैली पहली रैली से छोटी रैली थी जो मणिपुर के थौबल जिले में आयोजित की गई थी और वायरल वीडियो मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ अपुनबा क्लब और मीरा फाइबिस द्वारा आयोजित की गई थी।

निष्कर्ष-

तथ्यों की जाँच के पश्चात् हमने वायरल तस्वीर के साथ किये गये दावे को गलत पाया है।मणिपुर में आयोजित नार्को आतंकवाद विरोधी रैली की असंबंधित तस्वीर को मणिपुर वायरल वीडियो मामले के आरोपियों के समर्थन में मैतेई लोगों द्वारा आयोजीत मार्च होने के नाम से फैलाया जा रहा है।

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Title:असंबंधित तस्वीर को मणिपुर वायरल वीडियो आरोपियों के समर्थन में रैली के नाम से शेयर किया गया है।

Written By: Drabanti Ghosh

Result: False