इन दिनों सोशल मंचों पर उत्तर प्रदेश को लेकर कई दावे भ्रामक रूप से फैलाये जा रहे हैं, कई पुराने वीडियो और तस्वीरों को गलत दावों के साथ सांप्रदायिक रूप देकर उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक व पुलिस व्यवस्था को लेकर तंज कसा जा रहा है, वर्तमान में एक ऐसा ही वीडियो जहाँ भीड़तंत्र द्वारा एक व्यक्ति को बेरहमी से पीटा जा रहा है व पुलिस बीच बचाव कर रही है जिन्हें भीड़ द्वारा धकेल दिया जाता है , इस वीडियो को आप यहाँ भी देख सकते है |

वायरल पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि

“ये वीडियो UP का कही का है इनलोगों ने वहशीपन की साडी हद पार कर दी है गलती किसी की हो, I don’t know पर धरम के रक्षक Modi ji & Yogi ji आप लोग अगर सत्ता में रहे तो लोह राम के नाम से डरने लगेंगे, देश विनाश में चला जायेगा आप लोगों ने जंगल राज फैला दिया है, आपकी पुलिस ने चूड़ियाँ पहले है |”

(शब्दशः)

आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने शोध कर पाया है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश से नही बल्कि वर्ष २०१९ में बिहार के कैमूर जिले से है |

इस वीडियो व इसके साथ किये गए दावों की जाँच करने हेतु हमने इस वीडियो को इन्विड टूल की मदद से छोटे कीफ्रेम्स में तोड़कर व गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से किया, जिसके परिणाम से हमें इस वीडियो में दिख रहे दृश्यों का स्क्रीनशॉट इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित एक न्यूज़ रिपोर्ट में नज़र आया | ५ अक्टूबर २०१९ को प्रकाशित इस न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार यह मामला बिहार के कैमूर जिले का है | खबर के अनुसार बिहार के भभुआ में वार्ड सदस्य के बेटे ने एक युवक को गोली मार दी थी व इस युवक को अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टर ने उसे मृतक घोषित कर दिया था| इस मामले में गोली मारने वाले युवक की स्थानीय लोगों ने जमकर पिटाई की थी, यह वीडियो उसी प्रकरण का है जहाँ गोली मारने वाले व्यक्ति को स्थानीय भीड़ द्वारा पीटा जा रहा है, भीड़ को इस व्यक्ति को पीटने के दौरान “जय श्री राम” का उद्घोष करते हुये भी सुना जा सकता है | भीड़ द्वारा पीटे जाने पर इस व्यक्ति की हालत गंभीर हो गयी थी और उन्हें कैमूर सदर हॉस्पिटल ले जाया गया था |

टीवी९ हिंदी द्वारा प्रकाशित खबर के अनुसार पुलिस को आक्रोशित लोगों को शांत कराने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा था | इस दौरान दो पुलिसकर्मी घायल भी हुये थे| सूचना मिलते ही कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों से कानून अपने हाथ में न लेने की अपील की, लेकिन भीड़ उनकी सुनने के लिए तैयार नहीं थी |

जाँच में आगे बढ़ते हुए फैक्ट क्रेसेंडो ने कैमूर के एस.पी राकेश कुमार से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रहा वीडियो कैमूर से है और यह घटना दो साल पुरानी है |

इसके आलावा हमें उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ जिसमे उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि वायरल हो रहे वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई सम्बन्ध नही है बल्कि यह प्रकरण बिहार के कैमूर जिले से संबंधित है |

निष्कर्ष:

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल हो रहे वीडियो के माध्यम से किये गये दावे को गलत पाया है | वायरल हो रहा वीडियो उत्तर प्रदेश से नही बल्कि २०१९ में बिहार के कैमूर जिले में हुई घटना का है |

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Title:वर्ष २०१९ का बिहार में भीड़ द्वारा एक व्यक्ति को पीटने के वीडियो को उत्तर प्रदेश का बता वायरल किया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False