वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से साझा किया जा रहा है, जो असल में 5 अगस्त को ढाका में बांग्लादेश पुलिस ऑफिस पर हुए एक हमले का है।

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्ता पलटने के बाद अब वहां पर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बन चुकी है। लेकिन इसके बावजूद जनता के बीच उपजे असंतोष को शांत करना अभी भी एक चुनौती है। वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार, हमले व हिंसा से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं।जिस पर बांग्लादेश के नए पीएम मोहम्मद यूनुस ने हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है। इस बीच सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले से जोड़कर फर्जी ख़बरों को वायरल करने का सिलसिला जारी है। इसी में एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें कुछ लोगों को एक बिल्डिंग पर चढ़कर तोड़फोड़ करते, होर्डिंग्स गिराते और सामानों को नीचे फेंकते दिखाया जा रहा है। सोशल मीडिया यूज़र्स इस वीडियो को लेकर यह दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर इस प्रकार से हमले किए जा रहे हैं। वीडियो इस कैप्शन के साथ है….

ऐसे अटैक हो रहे हैं बंगलादेश के हिंदुओं पर..*बांग्लादेश कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर आज भी क्रूरता जारी है और हिंदुओं को छतों से कूद कर मरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। *हिंदु_बचाओ अपील*

फेसबुक पोस्टआर्काइव पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में वायरल वीडियो को छोटे - छोटे फ्रेम्स में तोड़कर रिवर्स इमेज सर्च किया। परिणाम में हमें यहीं वीडियो 8 अगस्त 2024 में बांग्लादेशी न्यूज चैनल bdnews24 के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड मिला। कैप्शन बांग्ला भाषा में लिखा हुआ था जिसको अनुवाद करने पर यह पता चला कि वीडियो भीड़ द्वारा एक पुलिस अफसर पर हमले का था। इस वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पर एक जगह एक बोर्ड नज़र आया जिसमें बांग्ला भाषा में बांग्लादेश पुलिस लिखा हुआ था। इससे हमें शक हुआ कि हो न हो वायरल वीडियो को गलत सांप्रदायिक दावे से फैलाने का प्रयास किया गया है।

आर्काइव

हमने देखा कि इसी वीडियो को एक बांग्लादेशी यूज़र (आर्काइव ) के यूट्यूब पर अपलोड किया गया है। यहां पर लिखे कैप्शन के अनुसार (हिंदी में अनुवाद करने पर ) वीडियो में घटना डीबी कार्यालय को ख़त्म किए जाने का बताया गया है। चूंकि कैप्शन में डीबी कार्यालय और बिल्डिंग के सामने बांग्लादेश पुलिस लिखा हुआ एक बोर्ड नज़र आता है, जिससे काफी हद तक यह समझ आने लगता है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश पुलिस कार्यालय पर हुए हमले का है।

इसके बाद हमें इस घटना से जुड़ी एक और वीडियो फेसबुक (आर्काइव ) पर भी पोस्ट किया हुआ मिला। यहां पर हमले का शिकार हुई बिल्डिंग के बाहर आगजनी को होते हुए दिखाया गया है। 5 अगस्त को अपलोड किये गए इस वीडियो के बारे में यह बताया गया है कि घटना केरानीगंज के डीबी ऑफिस की है। थोड़ा और खोजने पर हमें यह भी ज्ञात हुआ कि डीबी, बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच है।

हमने हमें मिले साक्ष्यों के आधार पर कि वीडियो केरानीगंज में स्थित DB ऑफिस का है। उस जगह को गूगल स्ट्रीट व्यू की मदद से ढूँढा। हम स्पष्ट हुए कि ये जगह ढाका के केरानीगंज में स्थित डीबी साउथ का दफ्तर है। तथा गूगल मैप्स पर मौजूद तस्वीर और वायरल वीडियो में दिख रही जगहें आपस में पूरी तरह मेल खाती हैं।वायरल वीडियो में जिस बोर्ड को तोड़ते हुए दिखाया गया वो बांग्लादेश पुलिस की ही है।

इस प्रकार से ये बात साफ हो गई कि प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस कार्यालय पर हमला किया गया था। क्यूंकि 5 अगस्त से पहले बांग्लादेश में कोटा आंदोलन चल रहा था। फिर शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए 5 अगस्त को देश छोड़ दिया था। बांग्लादेश में अराजकता फैल गई और प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस अधिकारियों और पुलिस थानों को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आयी। बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट bdnews24 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 5 अगस्त को ही राजधानी ढाका में 50 पुलिस थानों पर हमला किया गया था। इसलिए वायरल वीडियो के संबंध ये स्तिथि स्पष्ट होती है कि वायरल वीडियो का संबंध हिन्दुओं पर हमले से नहीं है क्यूंकि साक्ष्यों के अनुसार वायरल दावे की पुष्टि नहीं होती।

निष्कर्ष

तथ्यों के जांच पश्चात यह पता चलता है कि ढाका में पुलिस कार्यालय पर हुए हमले के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर साझा किया जा रहा है। वीडियो असल में ढाका के केरानीगंज स्थित पुलिस स्टेशन पर हुए हमले का है। इसे हिन्दुओं पर हमले का बता कर फर्जी दावा किया गया है।

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Title:बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के एक ऑफिस पर हुए हमले का वीडियो हिन्दू समुदाय पर हमले के भ्रामक दावे से वायरल…

Written By: Priyanka Sinha

Result: False