7 साल पुराने वीडियो को हाल का बता कर गलत सन्दर्भ में फैलाया गया है , बलूच के लोगों ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर न तो पाकिस्तान में भारत का झंडा लहराया और न ही पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगाए।

जहां भारत ने अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया तो वहीं पाकिस्तान में भी 77वां स्वतंत्रता दिवस मना। जिसकी कई तस्वीरें और वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। इसी में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कुछ लोग हाथों में झंडा लिए हुए दिखाई दे रहे हैं। इनमें भारत का भी झंडा दिखाई दे रहा है। इस वीडियो में दिख रहे लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारेबाजी कर रहे है। जिसके साथ ये दावा किया गया है कि ये वीडियो पाकिस्तान के बलूचिस्तान का है, जहां बलूच के लोगों ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर भारत का झंडा लहराया और पीएम मोदी के समर्थन में नारे भी लगाए।

वहीं वायरल इस वीडियो के साथ यूज़र ने कैप्शन में लिखा है कि “पाकिस्तान के कब्जे वाले बलुचिस्तान में बलूच जनता ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर काला दिन मनाते हुए भारत का झंडा लहराया और मोदी आगे बढ़ो, कदम बढ़ाओ मोदी जी, हम तुम्हारे साथ हैं के नारे लगाए गए। और 15 अगस्त के अवसर पर, भारतीय नागरिकों को शुभकामनाएं दी।”

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने वायरल वीडियो की सच्चाई को जानने के लिए गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। जहां हमें प्रकाशित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स दिखें। हमने वायरल वीडियो को इंडिया टीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड पाया जिसे सात पहले 27 अगस्त 2016 की तारीख़ में देख सकते हैं। वीडियो के नीचे लिखे डिस्क्रिप्शन को देख कर पता चलता है कि है कि प्रवासी बलूच प्रदर्शनकारियों ने जर्मनी में पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए थें। इसमें बलूच के लोग भी भारतीय ध्वज को लहराते दिखे साथ ही बलूचिस्तान के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिए गए थें।

यहीं वीडियो हमें सात साल पहले डीडी न्यूज़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मिला। जिसके नीचे लिखे डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि बलूचिस्तान प्रांत में वहां रह रहे लोगों पर पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद, जर्मनी के लीपज़िग में विदेशी बलूच लोगों ने शनिवार को पाकिस्तान द्वारा किए गए मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

मिली जानकारी की मदद से हम अपनी पड़ताल में आगे बढ़े। हमने वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट को 28 अगस्त 2016 की तारीख में नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित देखा। जिसमें लिखा है कि जर्मनी के लेपिजिग शहर में बलूच प्रदर्शनकारियों का तिरंगे के साथ पाक के खिलाफ प्रदर्शन हुआ और इन्होने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में नारे लगाए। ये एक रैली थी जिसे दर्जनों निर्वासित बलूच कार्यकर्ताओं ने आयोजित किया था।रैली में प्रदर्शन कर रहे हारून बलूच ने कहा, 'हम मोदी के आभारी हैं। वह हमसे पाकिस्तान से ज्यादा मानवीय व्यवहार करते हैं। पाकिस्तान ने हमारे बलूच भाइयों के रहने की जगहों पर खोज अभियान शुरू किया है ताकि हमारे भाइयों को रास्ते से हटा सके।'

यहीं ख़बर हमें जनसत्ता, इंडिया.कॉम, और द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में भी दिखाई दी।

बलूचिस्तान कि हाल की स्थिति

बलूचिस्तान एशिया में सोने, तांबे और गैस के सबसे बड़े भंडारों में से एक है। जबकि आबादी के लिहाज से भी बलूचिस्तान पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा प्रान्त है। लेकिन खनिजों के भरपूर होने के बाद भी ये क्षेत्र पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा प्रान्त माना जाता है। यहां के लोग सरकार की नीतियों से परेशान हैं। आये दिन वहां की महिलाओं और बेटियों के साथ अत्याचार होता है। विद्रोह करने पर घरों ,खेतों और लोगों की ज़मीनों को जला दिया जाता है। ऐसा कहते हुए यहाँ के लोगो का आरोप है कि सरकार उन्हें नजरअंदाज करती है। इसलिए बलूचों को बलूचिस्तान के रूप में अपना एक अलग देश चाहिए। यहां के लोग चीन के हस्तक्षेप को भी स्वीकार नहीं करते है। जिसके चलते बलूचों का मानना है कि चीन धीरे धीरे इस क्षेत्र में अपना विस्तार कर रहा है जो उनके भविष्य के लिए मुसीबत बन सकती है। यहीं वजह है कि बलूचिस्तान की निर्वासित प्रधानमंत्री नाएला क़ादरी हाल ही में उत्तराखंड के हरिद्वार आयी थीं। और उन्होंने पाकिस्तान से आज़ादी के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत का समर्थन मांगा था।

निष्कर्ष-

तथ्यों की जाँच के पश्चात् ये पता चलता है कि तिरंगा लेकर प्रदर्शन वाला ये वीडियो भ्रामक दावे के साथ फैलाया गया है। ये वीडियो हाल का नहीं है और न ही ये प्रदर्शन बलूचिस्तान में किया गया है। ये वीडियो जर्मनी के लेपिजिग शहर का है जहां पर करीब सात साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ बलूच के लोगों ने प्रदर्शन किया था।

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Title:ये वीडियो पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस में तिरंगा लहराके विरोध प्रदर्शन का नहीं बल्कि जर्मनी में 7 साल पुराना प्रदर्शन है।

Written By: Priyanka Sinha

Result: False