यह वीडियो भारत का नहीं बल्की दक्षिण अमेरिका में स्थित पेरु नामक देश का है। इसका सांप्रदायिकता से कोई संबन्ध नहीं है।

सोशल मंचों पर अकसर दूसरे देशों में हुई घटनाओं के वीडियो को भारत से जोड़ कर सांप्रदायिकता से जोड़कर साझा किया जाता है। फैक्ट क्रेसेंडो ने ऐसे कई दावों का अनुसंधान किया है व उनकी सच्चाई अपने पाठकों तक पहुंचाई है।

इन दिनों इंटरनेट पर चावल (rice) में मिलावट (adulteration) का वीडियो वायरल हो रहा है। उसमें आप कुछ लोगों को चावल में लाल रंग (red colour) का लिक्वीड मिलाते हुए देख सकते है। दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग चावल में रसायन (chemical) मिला रहे है। इससे हिंदुओं को खतरनाक बिमारी होगी व वे नपुंसक हो जायेंगे। इस पोस्ट के ज़रिये लोगों से आग्रह भी किया जा रहा है कि मुस्लिमों से कुछ ना खरीदा जाए।

वायरल हो रहे पोस्ट के साथ लिखा है, अब चावल जेहाद हिन्दुओं कहा कहा से अपने परिवार और बच्चों को बचाओगे, मुस्लिम जेहादियों ने कमर कस ली है कि हिन्दुओं को यानी काफिरों को कैसे करे के खत्म करना ही है, ऐसे चावल को मत खरिदो ऊपर दिए गए वीडियो से स्पष्ट मालूम होता है कि मुसलमान चावल में खतरनाक रसायन (केमिकल ) डालकर हिन्दुओं की आबादी (प्रजाति नशल) को नपुंसकता लाने का ओर गंभीर जीवाणु फेलाके गंभीर बिमारी, कैंसर, स्किन में खुजली आंखों कि रोशनी कम होना और डायाबिसीट हो जाता है, इसलिए अपने विश्वास पात्र हिंदू व्यापारियों से खरीद करके अपने परिवार को बचाया जा सकता है।

(शब्दशः)

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुआत हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च कर की, परिणाम में हमने पाया कि “El Búho!” नामक एक यूट्यूब चैनल ने यही वीडियो 14 अप्रैल 2018 को प्रसारित किया था। इसके साथ दी गई जानकारी में बताया है कि लोगों को चावल में हो रही मिलावट के बारे में सतर्क किया गया है व ऐसे चावल न खरीदे। उसमें यह भी बताया गया है कि सोशल मंचों पर लोगों के अनुसार वीडियो में सफेद चावल को रंगा जा रहा है व यह वीडियो पेरु (Peru) देश की राजधानी लिमा (Lima) का हो सकता है। यह वहाँ के बाज़ार का या “La Casserita” ब्रैंड के स्टोर का हो सकता है।

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इसके बाद हमने उपरोक्त वीडियो के साथ दी गई जानकारी को ध्यान में रखते हुए कीवर्ड सर्च किया। हमें Panamericana Television के वैबसाइट पर भी यही वीडियो मिला। यह वीडियो 15 अप्रैल 2018 को प्रकाशित एक लेख के साथ प्रसारित किया गया था। लेख में दी गई जानकारी में लिखा है कि सोशल मंचों पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ लोग चावल को एक बोरी से ज़मीन पर डालकर उसको उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद जैसा दिखाने के लिये लाल रंग लगा रहे है। उसके बाद उन चावल को फिर से उन्हीं बोरियों में भरकर पैक कर रहे है।

इसके साथ दावा किया जा रहा है कि उन चावल को शहर में स्थित सांता अनीता बाज़ार में बेचा जा रहा है। नतीजन सांता अनीता के व्यापारी इसकी निंदा कर रहे है व स्पष्ट कर रहे है कि वे ऐसे हेरफेर वाले चावल नहीं बेचते व उन्होंने अधिकारियों से इस मामले की जाँच करने को कहा है।

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आपको बता दें कि जाँच के दौरान हमने ये पाया कि Panamericana Television पेरु की राजधानी लिमा में स्थित एक मीडिया कंपनी है।

इसके बाद हमने गूगल पर “सांता अनीत मार्केट” यह कीवर्ड सर्च किया व पाया कि सांता अनीता पेरु की राजधानी लिमा में अनाज का एक बड़ा होलसेल मार्केट है। आप इसके बारे में सी.जी.टी.एन अमेरिका द्वारा वर्ष 2014 में प्रसारित एक वीडियो देख सकते है। उसमें बताया गया है कि सांता अनीता लिमा में स्थित पेरु का सबसे बड़ा होलसेल बाज़ार है।

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उपरोक्त सारे सबूतों में कही भी इस वीडियो को भारत या सांप्रदायिकता से नहीं जोड़ा गया है। इन सबूतों में हमने यही पाया है कि यह घटना पेरु की है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो भारत का नहीं बल्की दक्षिण अमेरिका में स्थित पेरु का है। इसका सांप्रदायिकता से कोई संबन्ध नहीं है।

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Title:दक्षिण अमेरिका के पेरु में हुई चावल में मिलावट के वीडियो को भारत का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False