सैकड़ों प्रवासी कामगार कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए राजमार्गों पर अलग अलग साधनों से लंबी दूरी तय कर रहे हैं, लॉक डाउन के चौथे चरण में सोशल मीडिया पर एक वीडियो को व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है | वीडियो में दिखाया गया है कि दो लोग एक आदमी का पीछा करते हैं और अचानक उस पर हमला कर देतें हैं - एक युवक पीड़ित को गर्दन से पकड़ लेता है और दूसरा उसका सामान लूटता है | दोनों चोर फिर उस जगह से भागते हैं और पीड़ित आदमी अचेत अवस्था में गिर जाता है | इस वीडियो के के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिखाए गये चोर असल में प्रवासी मजदूर हैं जो इस तरह पैसों और गहनों के लिए लोगों को लूट रहे है | इस वीडियो के साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि आगे इस तरह के घटनायें देश में बढने वालीं हैं क्योंकि हजारों लोगों के पास रोज़गार व पैसे नही है | यह वीडियो एक सी.सी.टी.वी फुटेज है |

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त वीडियो को ध्यान से देखने से की, जिससे हमें ऊपर कोने में दिनांक नज़र आयी जिसमे २८ अप्रैल २०२० लिखा हुआ था और नीचे कोने में हमें इस वीडियो की लोकेशन- मजनू का टीला लिखा हुआ दिखा | गूगल पर मजनू का टीला ढूँढने पर हमें पता चला कि यह घटना दिल्ली से है | इस घटना के बारें में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर एक कीवर्ड सर्च किया जिसके परिणाम से हमें ३० अप्रैल २०२० को नवभारत टाइम्स द्वारा इस घटना के सन्दर्भ में दिये गये ट्वीट मिले | इस ट्वीट में लिखा गया है कि मजनू का टीला क्षेत्र में एक शख्स की गला दबाकर लूटपाट, फिर बेसुध छोड़कर भाग गए आरोपी |

आर्काइव लिंक

फैक्ट क्रेसेंडो ने मजनू के टीले पुलिस पोस्ट के सब इंस्पेक्टर संदीप यादव जी से इस सन्दर्भ में बात की, उन्होंने हमें बताया कि

“यह घटना २८ अप्रैल २०२० की है और इसे सोशल मीडिया पर गलत विवरण के साथ फैलाया जा रहा है | वीडियो में दिख रहे पीड़ित जीवित एवं स्वस्थ हैं, हालाकि चोरी होते समय वे थोड़े देर के लिए अचेत हो गये थे परंतु उनकी मौत की खबर झूठी है | वीडियो में दिख रहे चोर प्रवासी मजदूर नही है बल्कि हमारे क्षेत्र के सामान्य चोर है | उन्होंने पहले भी ऐसी कई चोरीयां की हैं जिसके कारण उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया गया है,दोनों लड़के इसी इलाके में रहते है | इस घटना के साथ प्रवासी मजदूरों का कोई संबंध नही है |”

न्यूज़रूम पोस्ट नामक एक स्थानीय वेबसाइट ने भी इस खबर को साझा करते हुए लिखा है कि “Lockdown में भी दिल्ली में बेखौफ घूम रहे हैं बदमाश, मजनू टीले इलाके में एक शख्स का गला दबाकर किया बेहोश, फिर की लूट-पाट |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रवासी मजदूर दिल्ली में चोरी या लूटपाट नही कर रहे है बल्कि यह स्थानीय चोर है जो पहले भी चोरी करने की वजह से जेल जा चुके है | वे मजनू के टीला इलाके में रहते है |

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Title:लूटपाट के वीडियो को दिल्ली में प्रवासियों द्वारा किये गये हमले व हत्या के नाम से फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False