उज्जैन में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति को तोड़ती भीड़ का वीडियो कर्नाटक का बताकर झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल….

वायरल वीडियो उज्जैन का है, जब जनवरी 2024 में दो गुटों के बीच विवाद के बाद सरदार पटेल की मूर्ति गिरा दी गई थी। उसी वीडियो को गलत सांप्रदायिक एंगल देकर और कर्नाटक का बताकर शेयर किया जा रहा है।

Update: 2024-09-10 07:16 GMT

ट्रैक्टर से एक मूर्ति को कुछ लोगों द्वारा गिराने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। 58 सेकंड के इस वीडियो में तोड़ी जा रही मूर्ति के पीछे भगवान श्री राम का पोस्टर नजर आ रहा है।वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस के राज में भगवान राम की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया है।

वायरल वीडियो के साथ यूजर ने लिखा है- कर्नाटक के हिन्दुओं ने बीजेपी सरकार को हराकर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई थी। अब कांग्रेस सरकार की हरकतों और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा के कारण पछता रहे हैं।Think again and again.??

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

पड़ताल की शुरुआत में हमने वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट लिए। मिली तस्वीरों का रिवर्स इमेज सर्च करने पर वायरल वीडियो हमें एमपी तक नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। चैनल ने वीडियो को 25 जनवरी 2024 को अपलोड किया था। इससे स्पष्ट है कि वीडियो पुराना है।

प्रकाशित खबर के अनुसार वायरल वीडियो मध्‍य प्रदेश के उज्‍जैन का है। जहां  पर सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को बेरहमी से तोड़ दिया गया था। प्रतिमा को ट्रैक्टर से गिरा दिया गया था । कुछ गाड़ियां भी जला दी गईं थीं । जिस दौरान प्रतिमा तोड़ी जा रही थी। उस दौरान वहां पर पुलिस वाले भी मौजूद थे। लेकिन उपद्रवियों के आगे वो हाथ बांधे खड़े दिखे। 

 

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मिली जानकारी की मदद लेते हुए आगे की जांच करने पर हमें 25 जनवरी 2024 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। खबर के अनुसार 'माकड़ोन के मंडी गेट और बस स्टैंड के बीच विवादित जमीन पर कुछ लोगों ने सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित कर दी थी। इसको लेकर अनुसूचित जाति (एससी) से संबंधित प्रमुख मालवीय और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित पाटीदारों के बीच झड़प हुईं। इस खबर को नवभारत टाइम्स ने भी कवर किया है। 

 क्या था पूरा मामला-

इस घटना से संबंधित कई अन्य मीडिया रिपोर्ट हमें यहां , यहां और यहां पर मिली। इन रिपोर्टों के अनुसार, यह मुद्दा तब उठा जब कृषि उपज मंडी के पास एक खाली जगह थी और दोनों समूहों के व्यक्तियों ने वहां दो अलग-अलग प्रमुख हस्तियों सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ बीआर अंबेडकर की मूर्तियां स्थापित करने की मांग की। हालांकि, किसी ने 24 जनवरी 2024 की रात को वहां सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित कर दी। इस बारे में जानने के बाद, दूसरे समुदाय के सदस्य 25 जनवरी 2024 की सुबह मौके पर एकत्र हुए और ट्रैक्टर से टक्कर मारकर मूर्ति को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद, स्थिति बढ़ गई और झड़प हो गई।

इसकी सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची।

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मिली जानकारियों से यह स्पष्ट है कि वीडियो मध्य प्रदेश के उज्जैन में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति को तोड़ने वाली भीड़ का है।

निष्कर्ष- तथ्य-जांच के बाद हमने पाया कि वायरल वीडियो उज्जैन का है, जब जनवरी 2024 में दो गुटों के बीच विवाद के बाद सरदार पटेल की मूर्ति गिरा दी गई थी। उसी वीडियो को गलत सांप्रदायिक एंगल देकर और इसे कर्नाटक का बताकर शेयर किया जा रहा है।जब

Claim :  कर्नाटक में कांग्रेस के राज में भगवान राम की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया है।
Claimed By :  Social Media User
Fact Check :  FALSE
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